दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का बड़ा खुलासा, सीबीआई के डिप्टी लीगल एडवाइजर जितेन्द्र कुमार पर गलत केस बना मेरी गिरफ़्तारी की मंजूरी देने का दबाव डाला जा रहा था, जिस कारण उन्होंने की आत्महत्या

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार की प्रेस-कांफ्रेंस के माध्यम से एक बड़ा खुलासा किया| उन्होंने बताया कि सीबीआई के डिप्टी लीगल एडवाइजर जितेन्द्र कुमार पर मेरे खिलाफ गलत केस बनाकर मेरी गिरफ़्तारी की मंजूरी देने का दबाव डाला जा रहा था, जिस कारण उन्होंने आत्महत्या की| उन्होंने कहा कि बेशक प्रधानमंत्री जी मुझे गलत केस में फंसाए लेकिन अधिकारियों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर नहीं करें| उन्होंने प्रधानमंत्री से 3 सवाल पूछते हुए कहा कि, अधिकारियों पर इतना दबाव क्यों बनाया जा रहा है कि वो खुदकुशी कर रहे है?, क्या अब केंद्र सरकार का काम केवल ऑपरेशन लोटस चलाना रह गया? और जनता की चुनी सरकार को कुचलने के लिए और कितनी कुर्बानियां ली जाएगी| उन्होंने कहा कि यह देश में यह पहली बार है जब विपक्षी सरकारों को कुचलने के लिए सीबीआई अधिकारी के ऊपर इतना दबाव बनाया गया कि उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा| उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी सीबीआई पर दबाव बनाकर, विपक्ष की चुनी हुई सरकार को गिराने, विधायकों को खरीदने की जगह स्कूल-अस्पताल बनवाने, महंगाई कम करने,रोजगार देने पर कब सोचना शुरू करेंगे|

श्री सिसोदिया ने कहा कि कुछ दिनों पहले सीबीआई के एक अधिकारी जितेन्द्र कुमार जो सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच में थे और डिप्टी लीगल एडवाइजर के पद पर तैनात थे| साथ ही मेरे खिलाफ चल रहे फर्जी केस का लीगल मामला देख रहे थे| उन्होंने बताया कि, “पता चला है कि उनके ऊपर यह दबाव बनाया जा रहा था कि वह मेरे खिलाफ गलत तरीके से फर्जी केस बनाकर, मुझे गिरफ्तार करने की लीगल मंजूरी दे| उनके ऊपर इतना दबाव था कि वह मानसिक तनाव में आ गए और आत्महत्या करने को मजबूर हो गए|

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद दुखद मामला है जहाँ सीबीआई के एक अधिकारी को दिख रहा था कि मेरे खिलाफ पूरा मामला फर्जी है| उसपर इतना दबाव बनाया गया कि उसे आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ा| उन्होंने कहा कि इन लोगों ने मुझे फंसाने के लिए, मुझे गिरफ्तार करने के लिए एक फर्जी केस को लीगली ठीक बनाने के लिए एक अधिकारी पर इतना दबाव बना दिया कि उसे आत्महत्या करना पड़ा यह बेहद अफ़सोसजनक बात, मेरी उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं है|

श्री सिसोदिया ने कहा कि, “मैं प्रधानमंत्री जी से कहना चाहता हूँ कि मुझे फंसाने के लिए आपने मुझपर रेड करवा दी, फर्जी एफआईआर करवा दी| यदि आग मुझे गिरफ्तार करना चाहते है तो बता दीजिये, जहाँ कहेंगे मैं वही आ जाऊंगा लेकिन इस तरह से अधिकारियों पर दबाव बनाकर उन्हें फांसी लगाने को मजबूर न करें, इससे घर उजड़ रहे है जो बिलकुल ठीक नहीं है| उन्होंने आगे कहा कि, प्रधानमंत्री जी हर वक्त यही सोचते रहते है कि सीबीआई का इस्तेमाल कैसे करें, ईडी का इस्तेमाल कैसे करें, चुने हुए विधायकों को कैसे खरीदे, चुनी सरकार कैसे गिराए| उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी स्कूल बनवाने पर कब सोचेंगे, अस्पताल बनवाने पर कब सोचेंगे, महंगाई कम करने पर कब सोचेंगे, रोजगार देने पर कब सोचेंगे? आप हरदम यही सोचते रहते है कि कैसे सीबीआई पर दबाव बनाकर विपक्ष की चुनी हुई सरकार को गिराए, चुनी हुए विधायक को खरीदे|

सीबीआई अधिकारी की आत्महत्या पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री से 3 सवाल पूछे-

-अधिकारियों पर इतना दबाव क्यों बनाया जा रहा है कि उन्हें आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है? अपने राजनैतिक विरोधियों को कुचलने के लिए अपनी ही सरकार के अधिकारियों को कितना टार्चर करेंगे?

-क्या अब भारत की केंद्र सरकार का काम केवल ऑपरेशन लोटस चलाना रह गया है? जिस तरह से राज्यपालों-उपराज्यपालों से डालकर उनसे गलत काम करवाए जा रहे है, सीबीआई-ईडी से दबाव डालकर उलटे-सीधे काम करवाए जा रहे है?

-जनता की चुनी हुई सरकार को कुचलने के लिए कितने और कितनी कुर्बानी ली जाएगी?

श्री सिसोदिया ने कहा कि यह बेहद दुखद मामला है कि विपक्षी सरकारों को कुचलने के लिए सीबीआई अधिकारी के ऊपर इतना दबाव बनाया गया कि उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़े| यह देश में पहले कभी नहीं हुआ| मैं उम्मीद करता हूँ कि प्रधानमंत्री जी मेरे तीनों सवालों पर गंभीरता से विचार करेंगे|

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