केंद्र सरकार द्वारा अपना हिस्सा नहीं देने और वित्त विभाग की मनमानी से दिल्ली में 4,26,058 बुजुर्गों को समय पर पेंशन नहीं मिल पा रही है। ऐसे में दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति ने समाज कल्याण विभाग और वित्त विभाग के अधिकारियों को बुलाकर फटकार लगाई। विधानसभा की याचिका समिति के सदस्य सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कमेटी के सामने आया कि बुजुर्गों को दी जाने वाली 2 हजार रुपये की पेंशन में से कुछ 1,11,361 लोगों का 200 रुपये केंद्र सरकार की तरफ से आता है और 1800 रुपये दिल्ली सरकार देती है। पिछले डेढ़ साल से बुजुर्गों की पेंशन का 200 रुपये केंद्र सरकार नहीं दे रही है। इस 200 रुपये को लेकर वित्त विभाग की तरफ से बुजुर्गों की पेंशन में 2-3 महीने की देरी हो रही है। ऐसे में विधान सभा की याचिका समिति ने वित्त विभाग और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को बुलाया। पेंशन में देरी की समस्या का स्थायी हल निकालने के निर्देश दिए हैं।
दिल्ली विधानसभा की याचिका कमेटी ने दिल्ली विधानसभा आज बुजुर्गों की पेंशन में देरी की समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने के लिए समाज कल्याण विभाग और फाइनेंस डिपार्टमेंट के अधिकारियों को बुलाया। इस संबंध में दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति के सदस्य सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कई महीनों से हमारे विधायक शिकायत कर रहे थे कि बुजुर्गों को दी जाने वाली पेंशन 3-4 महीने की देरी से आ रही है। दिवाली से पहले भी याचिका समिति ने बैठक कर विभागों से बुजुर्गों को समय पर पेंशन देने के लिए कहा था। तब दो या तीन महीने की रुकी पेंशन दिवाली से पहले दी गई थी। आज फिर से इसी विषय को लेकर संबंधित विभागों को बुलाया गया था। इस दौरान समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बुजुर्गों को दी जाने वाली 2 हजार रुपये की पेंशन में से कुछ लोगों का 200 रुपये केंद्र सरकार की तरफ से आता है और 1800 रुपया दिल्ली सरकार का होता है। क्योंकि केंद्र सरकार पिछले डेढ़ साल से 200 रुपये नहीं दे रहा है, इसलिए समाज कल्याण विभाग और फाइनेंस डिपार्टमेंट के बीच में इस 200 रुपये को लेकर हर बार 2-3 महीने की देरी हो रही है। हर तीन महीने बाद समाज कल्याण विभाग, फाइनेंस डिपार्टमेंट से इजाजत मांगता है कि इस 200 रुपये का क्या करें? फाइनेंस डिपार्टमेंट कहता है कि ये 200 रुपये आप ही दे दो। करीब तीन महीने फाइल घूमने के चलते बुजुर्गों की पेंशन में देरी होती है। ये सिलसिला पिछले कई महीनों से चल रहा है और हर बार पेंशन 2-3 महीने देरी से मिलती है ।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज हमने फाइनेंस डिपार्टमेंट से इस समस्या का स्थायी हल निकालने के लिए कहा गया है। इस बात को मान लें कि केंद्र सरकार अपना 200 रुपये नहीं देगा, तो भी ऑटोमेटिकली दिल्ली सरकार पूरा 2 हजार रुपये दे दें। जब भी केंद्र सरकार के पास से 200 रुपये आए तो उसे एडजस्ट कर लें। फाइनेंस के प्रधान सचिव आज मौजूद नहीं थे, इसका बेहद खेद है। याचिका समिती ने उन्हें फोन करने की भी कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। अगर फाइनेंस के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एसी वर्मा मौजूद होते तो इस समस्या का निपटारा अतिशीघ्र होता। हमें बहुत खेद है कि फाइनेंस डिपार्टमेंट इस तरह की रूकावटें पैदा करता है जिसकी वजह से दिल्ली में समाज कल्याण से संबंधित चीजें, जैसे बुजुर्गों की पेंशन आदि में विलंब होता है। ऐसे नहीं होना चाहिए। हमने फाइनेंस डिपार्टमेंट को कहा है कि ऐसे मामलों में विभागों में संवेदनशीलता दिखनी चाहिए, जोकि विभागों में नहीं दिख रही है। उस सवेंदनशीलता का पालन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछली बार हमने स्वास्थ्य विभाग के मोहल्ला क्लिनीकों के डॉक्टरों के वेतन और मेडिकल टेस्ट्स को लेकर बातचीत की थी। इसमें हमें पता चला कि फाइनेंस डिपार्टमेंट की तरफ से देरी की जाती है। आज फिरसे एक ऐसा मौका आया है जब फाइनेंस डिपार्टमेंट कुछ-कुछ ऐसी परिस्थितियां पैदा करता है कि फाइल तीन-तीन महीनों तक फूटबॉल की तरह विभागों में घूमती है। जो गरीब बुजुर्ग अपनी पेंशन का इंतजार कर रहा है, उसकी जेब दिवाली से पहले भी खाली रहती है। मुझे लगता है कि इसे लेकर फाइनेंस के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को एक संवेदनशीलता बरतनी चाहिए। साथ ही अपने विभाग में भी इसका एक उदाहरण पेश करना चाहिए। बुजुर्गों के पेंशन न आने की साफ वजह एक ही है कि केंद्र से 2 हजार रूपये में से 200 रुपये आता है। वो 200 रुपये डेढ़ साल से नहीं आ रहा है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार बुजुर्गों की पेंशन के लिए वो 200 रुपये देने के लिए भी तैयार है लेकिन फाइनेंस डिपार्टमेंट इस 200 रुपये के लिए फाइलों को 3 महीनों तक घूमाता है। हर तीन माह बाद यही प्रक्रिया बार-बार चलती है जिसकी वजह से पेंशन में विलंब होता है। इसमें थोड़ी गलती केंद्र की है और बड़ी गलती फाइनेंस डिपार्टमेंट की है। आज इसे लेकर स्थायी हल निकालने के लिए कहा गया। फाइनेंस डिपार्टमेंट व समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने कमेटी को आश्वासन दिया है कि जल्द ही बैठक कर इस समस्या का समाधान किया जाएगा।