दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने नव वर्ष की पूर्व संध्या पर सुल्तान पुरी में हुई 20 वर्ष की युवती को सुल्तानपुरी से कंझावला तक लगभग 12-13 किलोमीटर तक गाड़ी तक स्कूटी से टक्कर मारकर कार से घसीटते रहे जिसके बाद उसकी हत्या के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा आरोपियों को बचाने की कोशिश के खिलाफ गहन जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा मामले को दबाने के लिए बलात्कार के एंगल से जांच नही करके दुर्घटना बता रही है। उन्होंने कहा कि मृत बच्ची की मां ने आरोप लगाया है कि यह हत्या निर्भया जैसी नृशंस हत्या है। प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से पीड़िता के परिवार के लिए 1 करोड़ मुआवजे की मांग की।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली पुलिस का दावा है कि यह एक दुर्घटना थी न कि बलात्कार या हत्या और मृतक लड़की की मां के आरोप के भरोसा नहीं किया जा सकता है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए ताकि दोषियों को इस जघन्य अपराध के लिए सजा मिल सके क्योंकि पुलिस ने केवल लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज किया है, जो इसे जमानती अपराध बनाता है। इनको बचाने के लिए भाजपा नेता लीपापोती कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह घटना राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था की एक और मिसाल है। राजधानी में प्रतिदिन बलात्कार के औसतन 6 मामले सामने आते हैं।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि दिल्ली की ध्वस्त कानून व्यवस्था के कारण लोगों के जीवन के लिए खतरे में होने के बावजूद, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे को न तो गृह मंत्री और न ही प्रधानमंत्री के सामने उठाने की जहमत उठाई है। मुख्यमंत्री केवल ट्विटर पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ऐसी पिछली घटनाओं को ध्यान में रखे बिना नए साल पर ऐसे जघन्य अपराधों को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए। यह असंतोषजनक है कि सुल्तानपुरी से कंझावला तक हुई इस जघन्य घटना के मार्ग पर कोई पुलिस जीप मौजूद तक नहीं थी।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि उपराज्यपाल के लिए इस घटना पर अपना सदमा व्यक्त करना काफी नहीं है और गृह मंत्री श्री अमित शाह को दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की जनता गृह मंत्रालय से सुरक्षा की उम्मीद कैसे कर सकती है जब कृषि विरोध के दौरान किसानों की जानबूझकर हत्या में शामिल अजय मिश्रा टेनी जैसा मंत्री मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा है?
चौ0 अनिल कुमार ने मांग की कि केजरीवाल बेबुनियाद बयान देने के बजाय बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुद्दा पुलिस कमिश्नर के पास उठाना चाहिए, क्योंकि दिल्ली की सड़कों पर दिल्लीवासी, खासकर महिलाओं का जीवन असुरक्षित हो गया है।