डॉली शर्मा ने कहा की हाथरस मामले मे माननीय न्यायालय द्वारा एक आरोपी को दोषी पाए जाने और अन्य तीन आरोपियों को निर्दोष मुक्त करने से इस मामले मे आरंभ मे उत्तर प्रदेश पुलिस और बाद मे CBI द्वारा कि गई कमजोर जाँच का पुनः पर्दाफ़ाश हुआ है। इस मामले मे कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार आवाज उठाई गई थी और हमारे नेता श्री राहुल गांधी जी और उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी द्वारा लगातार पीड़ित परिवार के न्याय के लिए गुहार लगाई गई थी। सब से ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है की एक नाबालिग दलित परिवार की बेटी का सामूहिक बलात्कार कर उसकी नृशंस हत्या की गई और सिर्फ पुलिस की कमजोर जाँच की वजह से न्यायालय मे बलात्कार का आरोप अभियोजन पक्ष सिद्ध तक नही कर पाया। इस संदर्भ मे मै कुछ बातो पर आप सब का ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ।
शुरू से ही इस मामले को दबाने के लिए उत्तर प्रदेश की भाजपा द्वारा पुलिस और प्रशासन का कितना दुरूपयोग किया गया ये आप सभी को ज्ञात है। आप मे से मीडिया के कई साथी उस वक्त हाथरस मे मौजूद थे। एक तरह से पूरे इलाके को छावनी मे तब्दील कर दिया गया था। पीड़िता के घर पर पुलिस और प्रशासन का भारी जमावड़ा था। किसी से बात नही करने दी जा रही थी। हमारे नेता राहुल जी और प्रियंका जी को हाथरस जाने से रोका गया था। मीडिया के साथियो तक को वहा से खदेड़ने की कोशिशे हुई थी।
मामला उजागर होने के साथ ही आरोपियो को बचाने और इस मामले को दबाने के लिए सरकारी तंत्र इसको एक “षड्यंत्र” का रूप देने मे जुटा हुआ था। यहा तक कहा गया की सांप्रदायिक सद्भाव खराब करने और दंगे कराने की साजिशे हो रही है। इसी तरह के आरोपो मे कई लोगो पर FIR की गई और गिरफ़्तारिया तक हुई। हाथरस के तत्कालीन DM को परिवार पर दबाव बनाते हुए वीडियो मे पूरे देश ने देखा। एक तरह से पूरी सरकारी व्यवस्था भाजपा के इशारों पर पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करने और आरोपियों को बचाने का काम कर रहे थे।
सब से ज्यादा दुःख देनेवाली बात पीड़ित लड़की का आखरी बयान जिसे कानूनी भाषा मे Dying Declaration कहते है जिसमे उसने उसके आरोपियों के नाम स्पष्टता से लिए थे और उस वीडियो को भी पूरे देश ने देखा था। इतना ही नही सीबीआई का आरोप पत्र भी लड़की से बलात्कार होने की बात साफ कर रहा था। इतना सब होने के बावजूद आखिर मे आरोपियों पर बलात्कार का आरोप सिद्ध ना होना, चार मे से तीन आरोपियों का बरी होना हमारे उस आरोप को फिर एक बार सिद्ध करता है की पुलिस और प्रशासन ने शुरुआती जाँच मे गंभीर लापरवाही से काम किया, साक्षों और सबूतों से खिलवाड हुआ, हर तरह से दबाव बनाया गया और माननीय न्यायालय के सामने एक ऐसा कमजोर अभियोजन पेश किया गया जिससे आरोपियों को लाभ हो और पीड़ित को न्याय ना मिले।
हाथरस मे हुए इस जघन्य अपराध और उसके बाद इस मामले मे सरकार की भूमिका ने भाजपा के “बेटी बचाओ” के नारे की पोल खोल कर रख दी है। दलित समुदाय की नाबालिग लड़की को न्याय से वंचित रखने का अपराध भाजपा ने किया है जो दिन रात सब का साथ का जुमला देते रहते है।
आज मै आप सब का ध्यान भाजपा के चेहरे से उनका तथाकथित संस्कारी मास्क हटाने के लिए कुछ बातो पर आकर्षित करना चाहती हूँ।
आप सब को ज्ञात है उन्नाव का 2017 मे हुआ बलात्कार का मामला। भाजपा का तत्कालीन विधायक कुलदीप सेंगर एक नाबालिग का अपहरण करता है, उसका बलात्कार करता है, पीड़ित के पिता को Arms Act के एक फर्जी केस मे गिरफ्तार करवा कर हवालात मे ही उनकी मौत का इंतजाम करवाता है और बाद मे खुद पीड़िता पर केस की पेशी के दौरान सड़क हादसे के बहाने कत्ल करने का प्रयास करता है। याद कीजिये मामला जुन 2017 का था। लेकिन जब तक माननिय उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को नही लताडा, तब तक कुलदीप को गिरफ्तार नही किया गया। ये क्या दर्शाता है? सत्ता का रसुख इतना की आप विधायक रहते हुए जघन्य अपराध कीजिये और आप बचा लिए जाओगे? भाजपा की बेशर्मी यही नही खतम होती। दिखावे के लिए कुलदीप सेंगर पर कारवाई करते है। पीड़ित परिवार के न्याय के नाम पर घड़ियाली आँसू बहाते है लेकिन 2021 मे जब पंचायत चुनाव आते है तब यही भाजपा कुलदीप सेंगर की पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव मे टिकट देती है। जब कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर चौतरफा आवाज उठाती है और मीडिया मे हो हल्ला मचता है तो अंत मे कुलदीप की पत्नी का टिकट वापस लिया जाता है। इससे साफ है भाजपा ने कुलदीप सेंगर पर जो कारवाई की वह सिर्फ दिखावा है और उसका रसुख आज भी भाजपा मे कायम है। क्या इसी महिला सम्मान की बात प्रधानमंत्री मोदी जी लाल किले से कर रहे थे? क्या इस देश मे दलित नाबालिग लड़कियो का सन्मान भाजपा इस तरह करेगी? क्या प्रधानमंत्री मोदी इस पर देश की बेटियो से माफी मांगेंगे?
आप सब ने देखा की गुजरात मे 2002 के नरसंहार के दौरान बिलकिस् बानो के साथ कितना अन्याय हुआ। उनका सामूहिक बलात्कार किया गया। उस वक्त बिलकिस् पाँच माह की गर्भवती थी। उनकी तीन साल की बेटी की हत्या कर दी गई। परिवार के अन्य सदस्यों तक को नही बक्शा गया था। इस बर्बरता मे लिप्त आरोपियों को चुनाव से कुछ माह पूर्व गुजरात की भाजपा सरकार ने जेल से रिहा कर दिया। बेशर्मी की पराकाष्ठा तो तब हुई जब इन आरोपियों का स्वागत फूल मालाये पहनाकर और मिठाई खिलाकर किया गया। और तो और भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री चंद्रसिंह रावजी ने इन आरोपियों को “संस्कारी” कहते हुए उनका बचाव किया। ये भाजपा के “संस्कार” का ज्वलंत उदाहरण नही तो और क्या है?
उत्तराखंड मे हुई अंकिता भंडारी की जघन्य हत्या से पूरे देश मे आक्रोश था। लड़कियो मे एक गुस्सा था और सुरक्षा को लेकर डर था। उस केस मे भी आरोपी पुलकित आर्या भाजपा के बड़े नेता विनोद आर्या का बेटा था। उसके रिजॉर्ट मे आनेवाले VIP को 10000 रुपये मे विशेष सेवा देने का दबाव अंकिता पर डाला गया लेकिन अंकिता ने जब इससे साफ इंकार किया तो अपनी पोल खुलने के डर से भाजपा नेता के बेटे ने अंकिता की हत्या की। दूसरे दिन अज्ञात ने उसके रिजॉर्ट और अंकिता के कमरे को आग लगा दी। वहा बुलडोजर चलाया गया। बहुत सारे सबूत नष्ट कर दिये गए। सरकार मे भाजपा है और आरोपी बड़े भाजपा नेता का बेटा तो उसको बचाना मुख्यमंत्री का परम कर्तव्य जो हुआ… लेकिन मामले ने ऐसा तूल पकड़ा, कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन कर दबाव डाला और मीडिया ने खबर चलाई तो “संस्कारी” भाजपा के नेतापुत्र की असलियत देश के सामने आई।
ताजा मामला छत्तीसगढ़ से भी है। वहाँ के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के पुत्र पलाश चंदेल पर शादी का झांसा देकर एक युवती से कई बार बलात्कार का केस दर्ज हुआ है। युक्त युवती का जबरन दबाव बनाकर गर्भपात करवाने का भी आरोप युवती ने लगाया है। गौर करनेवाली बात है की युवती आदिवासी है और लगातार जान के भय की बात कह रही है। लेकिन जैसा की हमेशा होता है, “संस्कारी” भाजपा फिर एक बार बलात्कार के आरोपी के बचाव मे खड़ी नजर आती है।
पिछले साल छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर क्षेत्र से उपचुनाव मे भाजपा प्रत्याशी रहे ब्रह्मानंद नेताम को पुलिस ने बलात्कार के आरोप मे गिरफ्तार किया। उस मामले मे भी भाजपा नेताओ के बयान देख कर यही साबित होता है की कैसे हर बलात्कारी भाजपाई नेता को बचाना जैसे पार्टी के प्रमुख एजेंडे का हिस्सा हो।
मेघालय मे हुए चुनाव मे भाजपा ने बेरनार्ड मराक को टिकट दिया। ये वही महाशय है जिनके ठिकानो पर छापेमारी मे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ। गिरफ्तारी तक हुई। फिल्हाल ये बेल पर बाहर है। भाजपा ने इन्हे मुख्यमंत्री कौनराड संगमा के खिलाफ उम्मीदवारी दी। और अब नतीजो के बाद उन्ही संगमा को समर्थन देकर सत्ता की मलाई खाने सरकार मे शामिल हो रहे है। ये है भाजपा का दोगला चरित्र।
मैंने आप सब के सामने उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, मेघालय, हरियाणा से कुछ मामलो का जिकर किया है। और भी कई मामले है जिसमे भाजपा के कार्यकर्ता और नेता बलात्कार और अन्य महिला विरोधी अपराधो मे लिप्त पाए गए है। लेकिन आप ऐसा एक मामला मुझे बता दीजिये जिसमे भाजपा ने स्वयं से कारवाई की हो और कानूनी तौर पर दोषी को सजा दिलाई हो। मैंने जितने मामले आपके समक्ष रखे उनका सार क्या है…
- बलात्कार के आरोपी भाजपा नेताओ को भाजपा हमेशा संरक्षण देगी।
- भाजपा शासित राज्यो मे बलात्कारी भाजपाइयो को पुलिस और प्रशासन के माध्यम से बचाया जायेगा
- बेटी बचाओ के नारे और लाल किले से महिला संमान की खोखली बात कर महिलाओं को गुमराह किया जायेगा।
- महिला विभाग की मंत्री स्मृति ईरानी जैसो को सिर्फ हमारे नेता श्री राहुल जी की आलोचना करने का काम दिया जायेगा। महिलाओ पर भाजपाईओ द्वारा हो रहे अत्याचारो पर उनसे मूँह मे दही जमाये बैठने को कहा जायेगा।
मै आप सब से कहना चाहूँगी की यह विषय काँग्रेस पार्टी के लिए राजनैतिक कतई नही है। देश की माँ और बेटियो की सुरक्षा, संमान और अस्मिता से जुड़ा हुआ है। लेकिन जब सरकार मे बैठे सत्ताधीश और उनके परिवार के सदस्य खुद ही महिलाओ की इज्जत पर हाथ डालेंगे और न्याय की आवाज को दबाने का हर प्रयास करेंगे तो ऐसे मे काँग्रेस पार्टी चुप नही बैठ सकती। गौर तलब है की पिछले नौ साल मे हुई इन सारी बर्बर घटनाओ के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने एक शब्द नही कहा। ये चुप्पी क्या दर्शाती है? इससे उलट प्रधानमंत्री मोदी कई ऐसे लोगो को ट्विट्टर पर फॉलो करते है जो महिलाओ के बारे मे अश्लील भाषा लिखते है, उन्हे दिन दहाड़े रेप की धमकियों भरे संदेश भेजते है और महिलाओ के प्रति एक घृणित मानसिकता रखते है। इसे पीछे का राज क्या है मोदी जी? बात महिला संमान की, बात बेटी बचाने की लेकिन काम बलात्कार के आरोपी भाजपाई नेताओ को बचाने के… ये कैसा दोहरा चरित्र है भाजपा का?