- समर एक्शन प्लान को लेकर दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 30 विभागों के साथ की संयुक्त बैठक
- गर्मी के मौसम में होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 16 फोकस प्वाइंट पर आधारित समर एक्शन प्लान बनाएगी दिल्ली सरकार- गोपाल राय
-विभागों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया जाएगा समर एक्शन प्लान – गोपाल राय
-इस साल के समर एक्शन प्लान में डस्ट प्रदूषण, औद्योगिक, ध्वनि व जल प्रदूषण और पड़ोसी राज्यों से संवाद समेत अन्य फोकस प्वाइंट शामिल हैं- गोपाल राय
दिल्ली में गर्मी के मौसम में विभिन्न कारणों से पैदा होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार ने अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने समर एक्शन प्लान को लेकर आज दिल्ली सचिवालय में संयुक्त बैठक की। बैठक में पर्यावरण विभाग, डीपीसीसी, विकास विभाग, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड, सीपीडब्लूडी, डीडीए, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, दिल्ली पुलिस, डीटीसी, राजस्व विभाग, डीएसआईआईडीसी , शिक्षा विभाग, डीएमआरसी, पीडब्लूडी, ट्रांसपोर्ट विभाग, एनएचएआई, दिल्ली जल बोर्ड, डूसिब, एनडीएमसी आदि के अधिकारी शामिल रहे।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सभी विभागों को निर्धारित 16 फोकस बिंदुओं पर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसके अनुसार समर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। सभी विभागों को 7 दिन अर्थात 20 अप्रैल तक अपनी-अपनी विस्तृत कार्ययोजना एवं सुझाव पर्यावरण विभाग को सौंपने का निर्देश दिया गया है। जिसके आधार पर समर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।
बैठक के बाद दिल्ली सचिवालय में प्रेसवार्ता के दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सर्दियों के मौसम में केजरीवाल सरकार द्वारा लागू किए गए विंटर एक्शन प्लान के परिणामस्वरूप दिल्ली में पीएम 10 और पीएम 2.5 की मौजूदगी में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के मुताबिक साल 2016 से 2021 के बीच दिल्ली के एक्यूआई में अच्छे, संतोषजनक और मध्यम श्रेणी के दिनों की संख्या 109 से बढ़कर 160 हो गई है। इसके अलावा ख़राब और बहुत ख़राब श्रेणी के दिनों की संख्या घटकर 217 से 196 हो गई है। इसके साथ ही सबसे खतरनाक श्रेणी के दिनों की संख्या में भी 2016 से 2022 के बीच गिरावट दर्ज की गई है। खतरनाक श्रेणी के दिनों की संख्या 2016 में जहां 26 थी अब वह 2022 में घटकर केवल 6 रह गई है। यह दर्शाता है कि दिल्ली के अंदर जो लगातार कदम उठाए जा रहे हैं, उससे पिछले 8 सालो में प्रदूषण स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है।
इसलिए पिछले वर्ष के समर एक्शन प्लान की सफलता के बाद इस बार भी केजरीवाल सरकार गर्मियों के मौसम में होने वाली प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए नया समर एक्शन प्लान लॉन्च करने की तैयारियों में जुट गई है। इस एक्शन प्लान के तहत दिल्ली के प्रदूषण के नियंत्रण के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक एक्शन प्लान बनाकर उसको लागू करने की तरफ काम किया जाएगा। इसी सन्दर्भ में आज दिल्ली सचिवालय में सभी सम्बंधित विभागों के साथ संयुक्त बैठक की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के अंदर प्रदूषण के खिलाफ संयुक्त कार्य योजना का निर्माण करना है। बैठक में मुख्य तौर पर 16 सूत्रीय फोकस बिंदु चिंहित किए गए। समर एक्शन प्लान के तहत निर्धारित 16 फोकस बिंदुओं के आधार पर कार्ययोजना तैयार करने के लिए अलग-अलग विभागों को विशिष्ट कार्य सौंपे गए हैं। जिस पर सभी विभाग 7 दिन अर्थात 20 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट पर्यावरण विभाग को देंगे। इसी के आधार पर समर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समर एक्शन प्लान के तहत मुख्य तौर पर 16 सूत्रीय फोकस बिंदु चिंहित किए गए हैं। जिस पर सरकार आगामी दिनों में प्रमुखता के साथ काम करेगी और इसके आधार पर आगे का समर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।
16 फोकस बिंदु एवं उसकी नोडल एजेंसी:-
- डस्ट प्रदूषण के लिए पीडब्लूडी, एमसीडी, डीसीबी, एनडीएमसी, डीडीए, सीपीडब्लूडी, आईएफ एन्ड सीडी, डीएसआईआईडीसी, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली मेट्रो और राजस्व विभाग को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है।
- औद्योगिक प्रदूषण के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर एमसीडी, राजस्व , डीएसआईआईडीसी और डीपीसीसी को नियुक्त किया गया है।
- ध्वनि प्रदूषण के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर दिल्ली पुलिस, एमसीडी, राजस्व विभाग, डीएसआईआईडीसी, डीपीसीसी को नियुक्त किया गया है।
- जल प्रदूषण के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर जल बोर्ड, डीपीसीसी, डीडीए, आईएफ एन्ड सीडी को नियुक्त किया गया है।
- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट- इसके लिए नोडल एजेंसी एमसीडी को नियुक्त किया गया है।
- वृक्षारोपण- दिल्ली में हरित क्षेत्र को बढ़ाने पर ज़ोर देते हुए वन विभाग को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है।
- ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी क्ष- इसके लिए नोडल एजेसी वन विभाग है।
- रियल टाइम अपोरशमेंट स्टडी के लिए आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। जिससे की रियल टाईम प्रदूषण से संबंधित कारणों का पता चल सके। डीपीसीसी को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है ।
- ओपन बर्निंग के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर एमसीडी, एनडीएमसी, डीसीबी, विकास विभाग , आई एन्ड एफसी, दिल्ली फायर सर्विस, डीडीए एवं राजस्व विभाग को नियुक्त किया गया है।
- सिटी फॉरेस्ट का विकास के लिए वन विभाग को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है।
- अर्बन फार्मिंग के लिए नोडल एजेंसी डिपार्टमेंट ऑफ़ हॉर्टिकल्चर (पर्यावरण विभाग ) को बनाया गया है।
- दिल्ली के झीलों का विकास- इसकी नोडल एजेंसी वेटलैंड अथॉरिटी (डीपीजीएस) ,राजस्व विभाग,डीडीए,वन विभाग ,एमसीडी को नियुक्त किया गया है।
- पार्क का विकास (हरित पार्क) के लिए नोडल एजेंसी दिल्ली पार्क एंड गार्डन सोसाईटी, एमसीडी, डीडीए को नियुक्त किया गया है।
- ई-वेस्ट इको पार्क- भारत का पहला ई वेस्ट ईको पार्क जीरो वेस्ट पॉलिसी पर बनाया जा रहा है। इसकी नोडल एजेंसी पर्यावरण विभाग, डीएसआईआईडीसी और एमसीडी को नियुक्त किया गया है।
- इको क्लब एक्टिविटी की नोडल एजेंसी पर्यावरण विभाग को नियुक्त किया गया है।
- पड़ोसी राज्यों से संवाद- दिल्ली में देखा गया है की प्रदूषण को बढ़ाने में आसपास के राज्य के कारक भी प्रमुख भूमिका निभाते है। इसी कारण पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना बनाई जा सके।