• पुलिस स्टेशन रानी बाग और पुलिस स्टेशन राज पार्क के कर्मचारियों द्वारा एक सप्ताह की सुनवाई में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया।
• पूर्व। व्यवसायी का स्टाफ और उसका दोस्त नीरज बवानिया गिरोह का सदस्य बताकर फोन कर रहे थे।
• जबरन वसूली में प्रयुक्त मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद।
बाहरी जिले के रानी बाग और थाना राज पार्क पुलिस स्टेशन के कर्मचारियों ने शानदार पेशेवर क्षमता का प्रदर्शन करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जबरन वसूली का मामला सुलझा लिया है।
घटना:
दिनांक 16.04.2023 एवं 18.04.2023 को शिकायतकर्ता द्वारा नीरज बवानिया गैंग के नाम से 5000 रुपये की जबरन वसूली की कॉल प्राप्त हुई। एक करोड़ मंगोलपुरी औद्योगिक क्षेत्र दिल्ली और कुंडली में जींस पैंट बनाने का कारोबार करता है। शिकायतकर्ता के बयान पर प्राथमिकी संख्या 113/23, आईपीसी की धारा 387, थाना रानी बाग के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।
टीम:
इंस्पेक्टर के नेतृत्व में तीन समर्पित पुलिस दल। जितेंद्र जोशी, इंस्पेक्टर जांच में पीएस रानी रानी बाग, दूसरी टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर ललित कुमार, एसएचओ राज पार्क और तीसरी टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर चंद्र शेखर ने किया। एल एंड ओ, जिसमें स्टाफ एएसआई देवेंद्र नंबर 1001/ओडी, एचसी विजय नंबर 1316/ओडी, एचसी पवन नंबर 2092/ओडी, एचसी दानवीर, नंबर 1937/ओडी, एचसी नवदीप नंबर 679/ओडी, सीटी शामिल हैं। संदीप नंबर 1654 / ओडी, श्री की करीबी देखरेख में। राजबीर सिंह मलिक, एसीपी/मंगोल पुरी और श्री अमित वर्मा, अपर के समग्र पर्यवेक्षण के तहत। आरोपी व्यक्तियों को पकड़ने के लिए डीसीपी बाहरी जिला का गठन किया गया था।
जांच और गिरफ्तारी:
जांच के दौरान जबरन वसूली की कॉलों की निगरानी की गई और उत्पत्ति के स्रोत की स्थापना की गई, कथित मोबाइल नंबर के पंजीकृत पते पर छापे मारे गए।
टीम कॉल पर नजर रखने के लिए चौबीसों घंटे शिकायतकर्ता के साथ मौजूद रही और आरोपी ने रिठाला चौक पर पैसे सौंपने के लिए शिकायतकर्ता को बुलाया।
फरियादी के चालक की आड़ में पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे लेकिन आरोपी ठिकाना बदलते रहे।
इस कवायद के समानांतर दुश्मनी के कोण का भी विश्लेषण किया गया और साथ ही व्यवसायी के पूर्व कर्मचारियों पर भी नजर रखी गई। फोन करने वाले द्वारा कॉल करते समय इस्तेमाल किए गए शब्दों के विश्लेषण से परिचित पैटर्न का पता चला, जिससे टीम शून्य पर पहुंच गई। एक पूर्व कर्मचारी पर जिसने एक साल पहले नौकरी छोड़ दी थी।
इसके बाद, छापेमारी की गई और आनंद पुत्र राम कुमार निवासी मकान नंबर 222, ग्राम सलाहपुर माजरा डबास, दिल्ली, पीड़ित मुख्य साजिशकर्ता के पूर्व कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया।
आनंद शिकायतकर्ता के यहां ड्राइवर का काम करता था और एक साल पहले उसने नौकरी छोड़ दी थी। आनंद ने रुपये की जबरन वसूली की आपराधिक साजिश रची थी। नीरज बवानिया गैंग के नाम पर शिकायतकर्ता को व उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर एक करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया ताकि पीड़ित आसानी से भयभीत हो सके।
योजना के अनुसार उसका दोस्त अजय उर्फ कला पुत्र कुलदीप निवासी मकान नं. 215, गांव सलाहपुर माजरा डबास, दिल्ली। उम्र – 22 साल ने पीड़िता को रंगदारी के कॉल किए थे।
दोनों आरोपित व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। धमकी देने में इस्तेमाल किए गए कथित VI (वोडाफोन आइडिया) सिम कार्ड के साथ मोबाइल फोन ग्रीन बेरी बरामद किया गया है।
पूछताछ:
गिरफ्तार अभियुक्तों से विस्तार से पूछताछ की गई और पूछताछ में पता चला कि आरोपी आनंद ने शिकायतकर्ता के साथ ड्राइवर के रूप में काम किया था और वह मुख्य साजिशकर्ता है जिसने सह-आरोपी अजय @ काला के साथ पीड़िता के नाम पर जबरन वसूली करने की आपराधिक साजिश रची थी। आसानी से पैसा कमाने के लिए नीरज बवानिया गिरोह के
आरोपी व्यक्तियों की प्रोफाइल :
- अजय @ कला पुत्र कुलदीप निवासी मकान नं. 215, गांव सलाहपुर माजरा डबास, दिल्ली। उम्र – 22 साल। वह एक छात्र है और पीसीटीआई, पीतमपुरा, दिल्ली से बीए फाइनल ईयर कर रहा है।
- आनंद पुत्र राम कुमार निवासी मकान नंबर 222, ग्राम सलाहपुर माजरा डबास, दिल्ली। उम्र – 29 साल अलग-अलग मालिकों के साथ 6/7 साल से निजी ड्राइवर के रूप में काम कर रहा है। उन्होंने पीड़िता के साथ सिर्फ 45 दिन काम किया है।
पिछली भागीदारी :
रिकॉर्ड के अनुसार दोनों आरोपी व्यक्ति पहले किसी अन्य आपराधिक मामले में शामिल नहीं हैं।
मामला सुलझा:
- केस एफआईआर नंबर 113/23, दि. 19.04.2023, आईपीसी की धारा 387 के तहत, थाना रानी बाग, दिल्ली।
वसूली:
- एक मोबाइल फोन ग्रीन बेरी VI (वोडाफोन आइडिया) सिम कार्ड के साथ पीड़ित को जबरन वसूली करने के लिए इस्तेमाल किया गया।
जांच की जा रही है। अच्छे कार्य में शामिल कर्मचारियों को उचित इनाम दिया जाएगा।