HSSC उपपरिषदआयुषपर आयुषमंत्रालयकेसाथमेंकामकररहीहै.उपपरिषदसक्रियरूपसेशीर्षनिकायों, आयुषउद्योग, शैक्षणिकसंस्थानोंऔरअन्यहितधारकोंकेसहयोगसेआयुषक्षेत्रमेंकौशलविकासपहलोंकोविकसितऔरबढ़ावादेरहीहै।
कॉन्क्लेवकाउद्घाटनअखिलभारतीयआयुर्वेदसंस्थानकीनिदेशकप्रो. तनुजामनोजनेसारीद्वाराकियागया।, उन्होंनेइसबातपरप्रकाशडालाकिआयुषमंत्रालयऔरभारतसरकारवैश्विकस्तरपरभारतीयपरंपराचिकित्साकोसुदृढ़करनेऔरप्रचारितकरनेकीदिशामेंमहत्वपूर्णकदमउठारहेहैं।”वनहर्ब, वनस्टैंडर्ड” जैसीपहल, जिसकाउद्देश्यभारतमेंव्यापारकरनेमेंआसानीकेमानकोंमेंसामंजस्यस्थापितकरनाहै, नवाचारोंकेलिएअंतर-मंत्रालयीसहयोग, नएकॉलेजऔरकेंद्रखोलनाआदिआयुषप्रणालीकेविस्तारऔरमान्यताकामार्गप्रशस्तकररहाहै।इसप्रकारस्किलिंग, अपस्किलिंगऔररीस्किलिंगआयुषउद्योगकेलिएअपनीप्रतिस्पर्धात्मकताबनाएरखनेऔरनवाचारकोचलानेकेलिएएकमहत्वपूर्णशक्तिबनजातीहै, ताकियहसुनिश्चितकियाजासकेकिचिकित्साकीयेप्रणालियाँहमारेनागरिकोंकीजरूरतोंकोपूराकरतीरहें।
एचएसएससीगवर्निंगकाउंसिलकेडॉएकेअग्रवालनेकहाकिआयुषऔरआधुनिकचिकित्साकोएकीकृतकरनेसेपारंपरिकऔरआधुनिकस्वास्थ्यदेखभालप्रथाओंकेबीचकीदुरीकोकमकरनेमेंसहयोगमिलेगा।अपनेकार्यबलकेप्रशिक्षणऔरविकासमेंनिवेशकरके, हमयहसुनिश्चितकरसकतेहैंकिहमनवाचारमेंसबसेआगेहैंऔरअपनेदेशकेनागरिकोंकोसर्वोत्तमसंभवदेखभालप्रदानकररहेहैं।चिकित्साकेवैकल्पिकऔरप्राकृतिकरूपोंकीबढ़तीमांगकेसाथ, यहअनिवार्यहैकिहमइसमांगकोपूराकरनेकेलिएअपनेकर्मचारियोंकोआवश्यककौशलऔरज्ञानसेलैसकरें।
आयुषमंत्रालयकेवैद्यजयंतदेवपुजारीनेकहा, उद्योगने2014 में20,000 करोड़रुपयेसे1.50 लाखकरोड़रुपयेतकजबरदस्तवृद्धिदेखीहै, जोस्पष्टरूपसेपारंपरिकचिकित्सापद्धतिमेंलोगोंकेविश्वासकोबहालकरनेकासंकेतहै।यहआयोजनआयुषक्षेत्रमेंकौशलविकासऔरनवाचारकीसंस्कृतिकोबढ़ावादेनेमेंमददकरेगाजोसरकारकोसर्वोत्तमसंसाधनोंकेसाथइनसेवाओंकोप्रदानकरनेमेंमददकरेगा।
इसअवसरपरबोलतेहुएएचएसएससीकेसीईओश्रीआशीषजैननेकहा, “हमआयुषस्किलकॉन्क्लेवकोमिलीजबरदस्तप्रतिक्रियासेखुशहैं।कॉन्क्लेवनेप्रतिभागियोंकोआयुषमेंनवीनतमप्रगतिकेबारेमेंजाननेऔरसमानविचारधारावालेव्यक्तियोंकानेटवर्कबनानेकाएकउत्कृष्टअवसरप्रदानकिया।हमभारतमेंपारंपरिकस्वास्थ्यदेखभालप्रणालियोंकेविकासकोबढ़ावादेनेकेलिएप्रतिबद्धहैं, औरहमइसकारणकासमर्थनकरनेकेलिएइसतरहकेकार्यक्रमोंकाआयोजनकरनाजारीरखेंगे।”
आयुषमंत्रालयकेआयुर्वेदसलाहकारश्रीकौस्तुभउपाध्यायसलाहकारनेकहाकिसरकारदुनियाभरमेंपारंपरिकचिकित्साकेविस्तारऔरस्वीकृतिकेउद्देश्यसेलगातारनवाचारकररहीहै, जैसेकिविदेशीनागरिकोंकेलिएआयुषवीजाश्रेणी, आयुषउत्पादकेलिएआयुषचिह्न, प्रोत्साहितकरनेकेलिएआयुषपार्कदेशभरमेंआयुषउत्पादोंकाप्रचार, अनुसंधानऔरनिर्माण, ‘आयुषआहार’ जोआयुर्वेदिकपोषकतत्वोंकीखुराककेउत्पादकोंकोसुविधाप्रदानकरेगा, जामनगर, गुजरातमेंपारंपरिकचिकित्साकेलिएविश्वडब्ल्यूएचओवैश्विककेंद्रकीस्थापनाऔरराष्ट्रीयआयुषअनुसंधानसंघकीस्थापनाकीजारहीहै।
कॉन्क्लेवकेदौरानआयुषकौशलविकासकेविभिन्नपहलुओंपरचर्चाहुई, जिसमेंप्रशिक्षणकार्यक्रम, प्रमाणपत्र, मान्यताप्राप्तकरनेऔररोजगारकेअवसरजैसेविषयोंपरभीविचार-विमर्शहुए।इसकेसाथहीएकसमारोहकाभीआयोजनकियागयाथाजिसमेंछात्रोंकेशैक्षणिकयात्राकेसमापनऔरउनकेइंडस्ट्रीवर्कफोर्समेंकदमरखनेपरप्रकाशडालागया
इसकॉन्क्लेवमेंदेशकेविभिन्नहिस्सोंसेचिकित्सकों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं, नीतिनिर्माताओंऔरउद्योगविशेषज्ञोंसहित200 सेअधिकप्रतिनिधियोंनेभागलिया।।इसकार्यक्रमनेनेटवर्किंग, ज्ञानसाझाकरनेऔरसहयोगकेलिएमंचप्रदानकिया।कुछप्रमुखसंगठनजोइसआयोजनकाएकहिस्साथे- उनकेनामइसप्रकारहैं: राष्ट्रीयप्राकृतिकचिकित्सासंस्थान, पुणे, राष्ट्रीयआयुर्वेदसंस्थान, जयपुर, अखिलभारतीयआयुर्वेदसंस्थान, नईदिल्ली, केंद्रीयअनुसंधानसंस्थान, नईदिल्ली।कुलमिलाकर, आयुषकौशलकॉन्क्लेवनेबहुमूल्यअंतर्दृष्टिप्रदानकीभारतमेंपारंपरिकस्वास्थ्यदेखभालप्रणालियोंमेंकौशलविकासकेमहत्वकेबारेमें।आयोजकोंनेसभीप्रतिभागियों, प्रायोजकोंऔरभागीदारोंकोउनकेसमर्थनऔरइसकारणकेप्रतिप्रतिबद्धताकेलिएधन्यवाददिया।