“कभी हार न मानने की भावना ने फेमिना मिस इंडिया-2023 की पहली रनर-अप का ताज पाने में मेरी मदद की”: श्रेया पूंजा

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*मालवीय नगर की सुंदरी श्रेया पूंजा ने भारत की सबसे बड़ी सौंदर्य प्रतियोगिता फेमिना मिस इंडिया 2023 में दिल्ली को गौरवान्वित किया
*अपने स्कूल और कॉलेज का दौरा करेंगी श्रेया पूंजा
*श्रेया पूंजा कहती हैं कि वह मनोरंजन और शो बिजनेस में नाम बनाना चाहती हैं
हाल ही में इम्फाल में संपन्न फेमिना मिस इंडिया-2023 प्रतियोगिता के फिनाले में पहली रनर-अप रही श्रेया पूंजा (22) ने अपनी ‘कभी न हारने वाली’ भावना से ताकत हासिल की। “मेरा मानना है कि कभी हार न मानने की भावना ने मुझे फेमिना मिस इंडिया-2023 का फर्स्ट रनर-अप का ताज जीतने में मेरी मदद की। यह एक ऐसा गुण है जिसे मैंने अपने व्यक्तित्व में शामिल किया है और यह निश्चित रूप से सबसे महत्वपूर्ण पहलू है जो मुझे जीवन की बाधाओं को दूर करने में मदद करता है। मैं खुद पर लगातार काम करने और हर दिन अपना बैस्ट वर्जन विकसित करने में विश्वास करती हूं और इस पर मैंने पूरा फोकस रखा,” श्रेया ने सोमवार को यहां अरबिंदो रोड, आईआईटी गेट स्थित एसेक्स फार्म में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा। वह 28 अप्रैल को इम्फाल से अपने गृहनगर दिल्ली लौटी थीं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के देशबंधु कॉलेज से अर्थशास्त्र की स्नातक श्रेया ने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पेजेंट में प्रथम रनर अप का ताज जीतने पर अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा, “पिछले कुछ वर्षों में बहुत सारे प्रयास किए गए थे और आखिरकार इसे हासिल करने में सक्षम होने से मुझे पूर्णता का एहसास हो रहा है। मेरे प्रयास व्यर्थ नहीं गए।”पूंजा की स्कूली शिक्षा सेंट एंथनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, हौज खास से हुई थी और 4 मई को वह अपने स्कूल और कॉलेज दोनों में जाएंगी। श्रेया दिल्ली आने के बाद से काफी व्यस्त हैं। उन्होंने दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित अग्निशमन मुख्यालय में दिल्ली के चीफ फायर ऑफिसर से मुलाकात की और इसके अलावा कुछ अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में भी भाग लिया।
फेमिना मिस इंडिया की अब तक की जर्नी के बारे में श्रेया ने कहा, “मैंने 40 दिनों के इस सफर में हर दिन अपने आप को विकसित किया। प्रतियोगिता के साथ-साथ नई चीजें सीखती रही। शेड्यूल बहुत टाइट था और हमारा हर दिन अनुशासन में बीता। वहां हर किसी में कुछ न कुछ खास बात थी और सभी से कुछ न कुछ सीखने को मिला। अब मैं बीते हुए हर पल को याद करती हूं।” श्रेया इस उपलब्धि का श्रेय अपनी मां भारती पूंजा और अपने पिता संजय पूंजा को देते हुए कहती हैं, “मेरी जीत में मेरे माता-पिता का अहम योगदान रहा। मेरी जीत का रास्ता आसान नहीं था। हालांकि, मेरे करीबी दोस्तों और परिवार के सदस्यों ने मेरे विजन को सपोर्ट किया और जब भी आवश्यक हुआ मुझे ताकत दी और प्रोत्साहित किया।”
भविष्य की अपनी योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा, “जहां तक मुझे याद है, मुझे हमेशा ही कैमरे से प्यार रहा है! मुझे मनोरंजन और शो बिजनेस में गहरी दिलचस्पी है और 17 साल की उम्र से ही इस दिशा में काम कर रही हूं। मैं जल्द ही काम शुरू करने की उम्मीद करती हूं।” टाइटल की तैयारी कर रही युवतियों के लिए टिप्स देते हुए, श्रेया ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप जो करते हैं उससे वास्तव में खुशी प्राप्त करें और छोटी अवधि की जीत या हार को अपने ऊपर हावी न होने दें। “आप कोई काम क्यों करना चाहते हैं, इस बारे में एक स्पष्ट विजन रखें और फिर हर दिन हर सेकेंड इसके लिए काम करें। जल्द ही चीजें आपके तरीके से होने लगती हैं। अपने प्रयासों के नतीजे फटाफट पाने के लिए उतावलापन न दिखाएं। यह समझ लीजिए कि जीत नहीं, बल्कि खुद को एक सीमा तक धकेलने की आदत ही है जो समय के साथ आपको इच्छित परिणाम देगी, ” श्रेया ने कहा।

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