*हाल ही में उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव हुआ जिसमें ना जाने किस मुंह से अरविंद केजरीवाल सफलता के दावे करते हैं जबकि उनके 90 फीसदी उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई-राधा मोहन सिंह
*केजरीवाल सरकार ने कोविड काल में अस्थायी अस्पताल बनाने में भी घोटाला किया है-रामवीर सिंह बिधूड़ी
दिल्ली भाजपा द्वारा अरविन्द केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार, अराजकता एवं अकर्मण्यता के विरूद्ध घोषित 70 जन चेतना सभाओं की श्रृंखला के अंतर्गत आज लक्ष्मी नगर विधानसभा में आयोजित 21वीं जन चेतना सभा को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधा मोहन सिंह, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सम्बोधित किया। सभा का संचालन क्षेत्रीय विधायक अभय वर्मा ने किया। प्रदेश महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह, निगम पार्षद रामकिशोर शर्मा, यशपाल कैन्तुरा एवं अलका राघव के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय व्यपारिक संगठनों एवं आर.डब्ल्यू.ए. के पदाधिकारी और क्षेत्रीय नागरिक सभा में सम्मिलित हुये।
राधा मोहन सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा देश भर में जनहितकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन राजनीतिक द्वेष के कारण केजरीवाल ने उन योजनाओं को दिल्ली में लागू ना करके अपनी छोटी मानसिकता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव हुआ जिसमें ना जाने किस मुंह से अरविंद केजरीवाल सफलता के दावे करते हैं जबकि उनके 90 फीसदी उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई। जिस भ्रम और झूठ के सहारे दिल्ली में राज कर रहे हैं उस भ्रम को उत्तर प्रदेश के लोगों ने रिजेक्ट कर दिया।
राधा मोहन सिंह ने कहा कि दिल्ली में जब से आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आई है तब से दिल्ली सरकार के सभी विभागों में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। जबकि अरविंद केजरीवाल एक ऐसे आंदोलन से निकले हुए हैं जो भ्रष्टाचार के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने जिस उम्मीद के साथ अरविंद केजरीवाल को सत्ता में बैठाया था उन उम्मीदों पर केजरीवाल ने पानी फेरने का काम किया है। दिल्ली में बसा पूर्वांचल समाज खासकर मजदूर कोविड काल में अरविन्द केजरीवाल के दिये धोखे को कभी नहीं भूलेगी।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि अरविन्द केजरीवाल स्वच्छ राजनीति का दावा करके सत्ता में आये थे और आज उनकी राजनीति कांग्रेस की राजनीति से भी ज्यादा भ्रष्टाचार में डूब चुकी है। कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, पी चिदाम्बरम जैसे जिन कांग्रेसी नेताओं पर अरविन्द केजरीवाल कभी आरोप लगाते नहीं धकते थे आज उन्हीं नेताओं के बल पर खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप धोने की कोशिश कर रहे हैं।
सचदेवा ने कहा कि आज दिल्ली की जनता मुख्यमंत्री केजरीवाल से जानना चाहती है कि आखिर वह देश की सबसे मंहगी बिजली एवं पानी खरीदने को क्यों बाध्य हैं। दिल्ली में मासिक 200 यूनिट से अधिक बिजली और 700 लीटर पानी प्रतिदिन से अधिक उपयोग करने वाले उपभोक्ता केजरीवाल की वोट बैंक राजनीति के कारण देश के सबसे मंहगे बिजली पानी खरीद रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में एक ऐसी सरकार है जो पिछले आठ सालों में कभी भी विधानसभा का प्रयोग जनता की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए नहीं किया है बल्कि वे सिर्फ अपना गुणगान और वाहवाही करने के लिए करती रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ की बड़ी-बड़ी बात करने वाली केजरीवाल सरकार ने कोविड काल में अस्थायी अस्पताल बनाने में भी घोटाला किया है जिसकी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने से पहले केजरीवाल को 15,000 बसों की जरूरत महसूस हो रही थी लेकिन सरकार बनते ही केजरीवाल ने एक भी बस नहीं खरीदी। 1000 मोहल्ला क्लिनिक खोलने की बात करने वाले केजरीवाल सरकार सिर्फ 350 मोहल्ला क्लिनिक ही खोल पाई जिसमें दवा और बेसिक सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। शिक्षा की बात करने वाले केजरीवाल को बताना चाहिए कि आखिर 50 स्कूल बंद क्यों हो गये।
अभय वर्मा ने कहा कि यमुनापार के विकास के लिए ट्रांस यमुना विकास बोर्ड का गठन पिछले तीन सालों से ना करना अरविंद केजरीवाल की सोची समझी साजिश है, जिस कारण यमुनापार की कुल 16 विधानसभाओं में विकास कार्य ठप्प पड़ गया है। यमुनापार के लोगों ने दोनों सांसद, अधिकांश विधायक एवं निगम पार्षद भाजपा के चुने हैं और इसी की सजा यमुनापार के लोगों को केजरीवाल सरकार दे रही है।