ईडी की नई चार्जशीट में मेरा नाम आना पीएम मोदी की मुझे जेल में डालने की तड़प का नतीजा – संजय सिंह

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तथाकथित आबकारी नीति मामले की चार्जशीट में तीन बार गलत तरीके से आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह का नाम डालने पर माफी मांग चुकी ईडी की एक और चार्जशीट सामने आई है। राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने इसे प्रधानमंत्री की हताशा बताते हुए कहा कि ईडी की चार्जशीट में मेरा नाम आना मोदी जी की मुझे जेल में डालने की तड़प का नतीजा है। इससे पहले, ईडी ने अपनी चार्जशीट में बिना साक्ष्य मेरा नाम शामिल कर लिया था और मेरे द्वारा मानहानि का नोटिस भेजने के बाद उसको अपनी गलती माननी पड़ी थी। प्रधानमंत्री को ईडी की ये बेइज्जती बर्दाश्त नहीं हो रही है। इसलिए मुझे जेल भेजने के लिए साजिश की जा रही है। संजय सिंह ने कहा कि अमित अरोड़ा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुका है और उसने खुद अपना स्टिंग करवाया था। अब उससे ही मेरे खिलाफ ईडी को बयान दिलवाया गया है। इससे पहले, अमित अरोड़ा 10 बार बयान दे चुका है, तब उसने कही मेरा नाम नहीं लिया। चार्जशीट में सारी झूठी बातें लिखी गई हैं और इसी आधार पर मेरे सहयोगियों पर छापेमारी की गई थी। मैं इस मामले को लेकर कोर्ट जाऊंगा और पीएम मोदी व उनकी ईडी को एक्सपोज करूंगा।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि ईडी के द्वारा एक और नई चार्जशीट फाइल हुई है, इस चार्जशीट को देखने के बाद मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तड़प और मुझे फंसाने की उनकी चाहत पर हंसी भी आ रही है और तरस भी। मुझे फंसाने की उनकी परेशानी को देखकर मुझे यही कहना है कि प्रधानमंत्री जी आप तड़पो मत, अगर आपने मुझे फंसाने की ठान ली है तो एक बार मुझे फोन करके बता दो कि मुझे तुम्हारे खिलाफ कुछ मिल नहीं रहा है लेकिन मुझे तुम्हें जेल भेजना है। मुझे जेल भेज दो मैं चला जाऊंगा, लेकिन प्रधानमंत्री जी ऐसी झूठी कहानियां बना कर अपने आप को देश के सामने उजागर मत करिए और ईडी को सर्कस मत बनाइए। आज ईडी और उसकी जांच पूरे देश के सामने मजाक बनकर रह गई है।

उन्होंने कहा कि मैंने संसद में ईडी के खिलाफ आवाज उठाई थी कि ईडी का दुरुपयोग हो रहा है ।उसके बाद मुझे विशेषाधिकार कमेटी का नोटिस मिला। जिसका मैंने जबाव दिया है और जब भी मुझे कमेटी बुलाएगी मैं वहां पेश होऊंगा। यह पहली घटना थी। इसके बाद ईडी ने मेरा नाम चार्जशीट में गलत तरीके से दाखिल किया, जिसके बाद मैंने ईडी को मानहानि का नोटिस भेजा। बाद में ईडी को अपनी गलती माननी पड़ी कि उन्होंने गलती से मेरा नाम चार्जशीट में दाखिल किया है, उन्हें राहुल सिंह लिखना था तो संजय सिंह लिख दिया। इस मामले के बाद उन्हें अपनी बेइज्जती बर्दाश्त नहीं हो रही है। क्योंकि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि ईडी को अपनी गलती माननी पड़ी यह उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इसलिए आज ईडी ने एक नया करिश्मा किया। नई चार्जशीट में एक व्यक्ति के 11वें बयान के आधार पर मेरे सहयोगियों के यहां छापेमारी की है।

“आप” के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाला नेता अमित अरोड़ा जिसने खुद भाजपाइयों से अपना फर्जी स्टिंग करवाया और उसे जारी किया है। उस स्टिंग को लेकर बीजेपी वालों ने प्रेसवार्ता की और उससे मेरे खिलाफ एक बयान दिलवाए। बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाला नेता अमित अरोड़ा से ईडी ने 10 बार पूछताछ की और बयान लिया। अमित अरोड़ा ने अपना पहला बयान 6 सितंबर को दिया, इसके बाद दूसरा बयान 7 सितंबर, तीसरा बयान 29 नवंबर, चौथा बयान 2 दिसंबर, पांचवा बयान 3 दिसंबर, छठवां बयान 5 दिसंबर, सातवां बयान 7 दिसंबर, आठवां बयान 10 दिसंबर, नौवा और दसवां बयान 13 दिसंबर को दिया। इसके बाद यह व्यक्ति बाहर निकला फिर इसने सीधे 27 मार्च को अपना 11वां बयान दिया। हैरानी की बात यह है कि अमित अरोड़ा जो 10 बार ईडी को बयान दे चुका है वह उसमें एक बार भी संजय सिंह का नाम नहीं लेता है। मगर जब मैंने लगातार ईडी के खिलाफ बोलना शुरू किया तो इस व्यक्ति को बाहर निकाल कर मेरे खिलाफ बयान लिया गया।
यह भी मजेदार बात है कि अमित अरोड़ा का जो बयान लिया गया उसका शराब नीति से कोई लेना-देना ही नहीं है।

“आप” सांसद संजय सिंह ने बताया कि चार्जशीट के अनुसार अमित अरोड़ा ने अपने बयान में कहता है कि 2020 जून में जब इस शराब नीति का कोई नामोनिशान नहीं था। उस वक्त इसने कोई एमओयू पर हस्ताक्षर किया। उस बैठक में विवेक त्यागी, अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा शामिल थे। अमित अरोड़ा ने अपने बयान में कहा कि दिनेश अरोड़ा और विवेक त्यागी के साथ मिलकर इसने कोई एमओयू पर साइन किया है। फिर यह कहता है कि मैं मनीष सिसोदिया से मिलने के लिए दिनेश अरोड़ा के साथ गया था और संजय सिंह भी उस बैठक में मौजूद थे।

अमित अरोड़ा यह भी कहता है कि जिस नीति के लिए हमने एमओयू पर हस्ताक्षर किया था वह नीति नहीं आई यानी उस एमओयू पर कोई काम नहीं हुआ, उसका कोई अता पता ही नहीं है। अमित अरोड़ा ने अपने बयान में लिखा कि “हालांकि यह नीति परिवर्तित नहीं हुई क्योंकि 2021 की नीति नहीं आई और 1920 की पुरानी नीति को बढ़ा दिया गया है, इस बीच 2021-22 की नई नीति पर काम शुरू हो गया है।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने आगे कहा कि 27 मार्च को अमित अरोड़ा का 11वीं बार बयान लिया गया, जिसमें उसने यह सभी बातें कही हैं। जबकि इससे पहले 10 बार ईडी की पूछताछ में इस व्यक्ति को कभी संजय सिंह, विवेक त्यागी, अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा का नाम याद नहीं आया और न ही किसी सहयोगी का नाम याद आया। यहां तक कि मेरे साथ मनीष सिसोदिया से मिलने वाली बात भी याद नहीं आई, जबकि यह 10 बार पूछताछ के बाद अपना बयान दे चुका है। इस मामले में 27 मार्च को अमित अरोड़ा के बयान के बाद जब 9 अप्रैल को दिनेश अरोड़ा से पूछा गया कि क्या आप कभी मनीष सिसोदिया से उनके निवास पर अमित अरोड़ा के साथ मिले थे तो उनका जवाब आता है कभी नहीं। यह भी ईडी के बयान में शामिल है।

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश के न्यायालय को अब इस बात पर संज्ञान लेना चाहिए कि किस तरीके से भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारों पर ईडी नाच रही है। किस प्रकार से यह लोग मुझे फर्जी तरीके से फंसाने के लिए बेचैन और बेताब हैं। इस चार्जशीट में ऐसी घटनाओं और एमओयू का जिक्र किया जा रहा है जिसका शराब नीति से कोई लेना-देना ही नहीं है। यहां तक कि जो व्यक्ति बयान दे रहा है वही कह रहा है कि जिसके बारे में एमओयू साइन हुआ है वह नीति ही नहीं आई है। वो व्यक्ति अपने बयान में जून 2020 की घटना बता रहा है और वह भी तब जब उससे 11वीं बार बयान लिया गया है। इससे पहले 10 बार की पूछताछ में उसने कभी मेरा नाम नहीं बताया, मगर 11वीं बार की पूछताछ में मेरा नाम बता रहा है। इस मामले में मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहना चाहता हूं कि मैं आपकी तड़प और बेचैनी को समझ सकता हूं कि आप मुझे जेल में डालना चाहते हैं। आप इसके लिए तड़प रहे हैं लेकिन आपकी इस तड़प पर मुझे तरस आता है। आप बस मुझे एक बार फोन कीजिए कि संजय सिंह तुम्हारे खिलाफ सारी जांच करा ली लेकिन कुछ नहीं मिला पर मोदी की इच्छा है कि तुम जेल चले जाओ, तो मैं शौक से जेल चला जाऊंगा। लेकिन आप इस तरह से गंदी हरकत मत करिए, क्योंकि इस तरह से पूरे देश के सामने आपका सच उजागर हो रहा है।
जो व्यक्ति अपनी फर्जी स्टिंग करा कर उसे जारी करता है उसके ऊपर बीजेपी वाले प्रेसवार्ता करते हैं। 10 बार की पूछताछ में जिसे संजय सिंह का नाम याद नहीं आता उसे आप बाहर निकाल कर मेरे खिलाफ बयान लिखवाते हो। मेरे सहयोगी के यहां छापेमारी करते हो। आखिर आप यह सब क्यों कर रहे हो? इससे आपको क्या हासिल हो जाएगा?

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि इस मामले में जितने भी तथ्य सामने आते जाएंगे, हर तथ्य को लेकर मैं कानूनी कार्यवाही करूंगा। यह इस मामले में दूसरा तथ्य सामने आया है, जिसमें फर्जी, बेबुनियाद और झूठी बातें लिखी गई हैं। जिस दिनेश अरोड़ा का नाम लिखा गया है कि वो मेरे साथ गया था, वह खुद इस बात से इंकार कर रहा है। वहीं अमित अरोड़ा के बयान में ऐसी बातें लिखी गई हैं जिसका शराब नीति से कोई लेना-देना नहीं है, इसके बावजूद इसे आधार बनाकर हमारे सहयोगियों के यहां छापेमारी का काम किया जा रहा है। इस मुद्दे पर भी मैं इन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। मैं पूरे देश के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नियत को और उनके इशारों पर नाचने वाली ईडी को ऐसे ही बेनकाब करता रहूंगा जो आज कॉमेडी सर्कस बनकर रह गई है

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