आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के अंदर लगातार खराब होती जा रही कानून व्यवस्था पर एलजी वीके सक्सेना की चुप्पी पर प्रश्न खड़ा किया है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था का हाल बुरा है। लोगों का दिल्ली पुलिस के उपर विश्वास उठा चुका है। लेकिन एलजी पता नहीं कहां व्यस्त हैं? शाहबाद डेयरी में नाबालिग की निर्मम हत्या के बाद अब मजनू का टीला इलाके में एक 22 वर्षीय युवती का शव मिला है और लक्ष्मी नगर में भी दो गुटों के बीच तलवारें, चाकू और गोलियां चली हैं। संविधान ने एलजी साहब को कानून व्यवस्था, पुलिस और लैंड की जिम्मेदारियां दी है लेकिन वे इन जिम्मेदारियों को भी ठीक से नहीं निभा रहे हैं। उनको बताना चाहिए कि अब तक उन्होंने कितने थानों का औचक निरीक्षण किया। वहीं, ‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता सरिता सिंह ने कहा कि व्यापारियों ने रोहतास नगर से भाजपा विधायक पर रंगदारी न मिलने पर फायरिंग करने का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने उन्हें अभी तक क्यों नहीं गिरफ्तार किया?
“आप” के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। कानून व्यवस्था के हालातों में इससे बुरा समय दिल्ली में कभी नहीं देखा। एलजी विनय कुमार सक्सेना के अंतर्गत आने वाली दिल्ली पुलिस पर लोगों का विश्वास लगभग खत्म हो चुका है। दिल्ली में सरेआम चाकू बाजी और गोलीबारी चल रही है। आसपास के लोग किसी को बचाने तक के लिए सामने आने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। यह दिल्ली के माहौल पर बहुत बड़े सवाल खड़े करते हैं। एलजी आखिर कहां पर व्यस्त है। उन्हें दिल्ली में मात्र तीन काम संविधान ने दिए हैं। इसमें पुलिस व पब्लिक ऑर्डर और लैंड है। फिर भी वे इन कामों के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक छोटी सी लड़की की दिनदहाड़े हत्या हुई। एक युवक ने कई दर्जन बार चाकू घोंपकर लड़की को बेहद निर्मम तरीके से मारा। आसपास के लोग देखते रहे, लेकिन उसे बचाने के लिए कोई आगे नहीं आया। कुछ दिनों पहले कंझावला में एक लड़की की निर्वस्त्र लाश को 20 किलोमीटर तक घसीटा गया। तब भी एलजी की ओर मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बल्कि दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने कार चलाने वालों को सबसे पहले क्लीनचिट दी। फिर हंगामा होने पर उनपर मुकदमा दर्ज किया गया। एलजी ने उस डीसीपी के खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं की।
“आप” वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी साहब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताना चाहिए कि उन्होंने आज तक कितने थानों का औचक निरीक्षण किया। उनका रिपोर्ट कार्ड लोगों के सामने आना चाहिए। उन्हें रात में दिल्ली की सड़कों पर निकलकर देखना चाहिए कि क्या दिल्ली पुलिस कॉलोनियों, गांवों और अनधिकृत कॉलोनियों में गश्त कर रही है। मगर एलजी साहब की कोई जवाबदेही नहीं है। यदि कोई और राज्य होता तो अब तक होम मिनिस्टर से इस्तीफा मांग लिया गया होता। मगर यहां पर हर दूसरी बात पर प्रेस रिलीज देने वाले एलजी साहब बिल्कुल चुप बैठे हैं। इस बार एलजी कार्यालय से कोई प्रेस रिलीज ही नहीं आ रहा है। साहब इस बारे में एलजी बताएं।
उन्होंने कहा कि मजनू का टीला इलाके में एक 22 वर्षीय लड़की की लहूलुहान लाश बरामद हुई है। एक अन्य घटना में लक्ष्मी नगर के अंदर दिनदहाड़े दो गुटों में झगड़ा हुआ और तलवारे, चाकू, गोलियां चली। दिल्ली में ऐसे कई मामले हुए, जिसमें दिल्ली के आसपास के लोग बचाने नहीं आते हैं। मैंने कुछ लोगों से जानना चाहा कि वे बचाने क्यों नहीं आते हैं। वो कहते हैं कि हमारे बीच में आने से पुलिस असली अपराधी से पैसे ले लेती है और हमें उस मामले में फंसा देगी। हमें पुलिस पर भरोसा नहीं है। इसलिए हम पुलिस के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते। आज दिल्ली में लोगों को दिल्ली की पुलिस व्यवस्था से भरोसा उठ गया है। उन्हें लगता है कि यदि हम किसी पचड़े में पड़ेंगे तो हमें ही फंसा दिया जाएगा।
“आप” वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली पुलिस की प्राथमिकताएं एलजी साहब तय करते हैं। देश के लिए ओलंपिक जीतने वाली महिलाएं यौन उत्पीड़न करने वाले भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने के लिए धरने पर बैठी हैं, तो दिल्ली पुलिस उनपर डंडे चला रही है। बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस यानी एलजी साहब की है, यूपी पुलिस की नहीं है। देश के अंदर कानून और सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइंस के तहत ऐसे मामलों में तुरंत एफआईआर होनी चाहिए। फिर क्यों एफआईआर सुप्रीम कोर्ट के कहने पर दर्ज हुई। तुरंत एफआईआर न दर्ज करने वालों पर एलजी साहब ने क्या कार्रवाई की? उन लड़कियों को एक एफआईआर दर्ज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। लेकिन भाजपा नेता होने के चलते उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। मगर दिल्ली पुलिस ने अपना हक मांगने के लिए देश का मान बढ़ाने वाली बेटियों पर एफआईआर दर्ज कर दी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम को अदालत में गर्दन से पकड़ कर दिल्ली पुलिस का एसीपी खींचता हुआ लेकर गया। यह सबने देखा। ये गर्दन केवल मनीष सिसोदिया की नहीं है, ये गर्दन कल को मेरी या किसी की भी हो सकती है। मगर एलजी साहब से सवाल पूछने वाला कोई नहीं है। उन लड़कियों पर एफआईआर करनें, डंडे मारकर उनका धरना खत्म करने और डिप्टी सीएम की गर्दन पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस है। मगर जहां तिहाड़ में दो दर्जन पुलिसवालों के सामने कैमरे पर चाकू मारकर कत्ल किया गया, वहां पुलिस नहीं है। पुलिस सामने दिख रही है, लेकिन पुलिस में कोई कार्रवाई करने की हिम्मत ही नहीं है। आम लोग क्या मदद करेंगे, जब सामने कत्ल होते वक्त पुलिस ने ही मदद नहीं की। एलजी साहब और दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता कानून व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर नहीं रह गई है। अब इनकी प्राथमिकता बीजेपी के खिलाफ बोलने वालों पर कार्रवाई करना है। यही वजह है कि आज दिल्ली की कानून व्यवस्था इतनी नीचे उतर गई है।
वहीं, आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता सविता ने कहा कि जनता अपना जनप्रतिनिधि एक उम्मीद और भरोसे से चुनती है। उन्हें उम्मीद होती है कि वो सुख-दुख में उनके साथ खड़ा रहेगा। मगर आज दिल्ली में ऐसी विपरीत स्थिति आ पड़ी है कि जनता के बीच डर का माहौल है। दिल्ली में भाजपा के 8 विधायक हैं, उनमें से रोहतास नगर विधानसभा के विधायक जीतेंद्र महाजन के ऊपर ज्योति नगर थाने में रविवार को एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें क्षेत्र के व्यापारियों ने मौजूदा विधायक जीतेंद्र महाजन पर रंगदारी के रूप में 2 करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया है। जब व्यापारी ने रंगदारी के पैसे देने से इंकार कर दिया तो विधायक ने उसके ऊपर दिन दहाड़े गोलियां चलवाई।
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली की कानून व्यवस्था की यह स्थिति है कि जिस जनता ने विश्वास के बल पर विधायक को चुनकर भेजा, वो विधायक आज ताकत के बल पर खुलेआम गुंडागर्दी कर रहा है। भाजपा विधायक रंगदारी के पैसा न मिलने पर अपने ही क्षेत्र में व्यापारियों के ऊपर गोली चलवाने का काम करते हैं, यह बहुत ही शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि यह भी दिल्ली की कानून व्यवस्था को दर्शाता है कि व्यापारी के जोर देने पर मजबूरन पुलिस को भाजपा विधायक पर एफआईआर करनी पड़ी। भाजपा के विधायक रंगदारी का पैसा मांगते हैं और नहीं मिलने पर गोलियां चलवाते हैं। इसे देख व्यापारियों के बीच डर का माहौल है। ऐसे में आम आदमी पार्टी व्यापारियों के साथ खड़ी है। आम आदमी पार्टी का सवाल है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद भी दिल्ली पुलिस भाजपा विधायक जितेंद्र महाजन को कब गिरफ्तार करेगी? भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अपने विधायक को कब बर्खास्त करेगा? क्योंकि उनके ऊपर गंभीर आरोप लगे हैं।