- स्कूल की नई और शानदार बिल्डिंग किसी भी प्राइवेट स्कूल को दे रही मात,शिक्षा में हो रहे काम को हम रूकने नहीं देंगे-केजरीवाल
- ये स्कूल 1985 में बना, 37 साल में भाजपा-कांग्रेस दोनों की सरकारें आई, लेकिन इनके एजेंडे में स्कूल व बच्चों की अच्छी शिक्षा नहीं थी, तभी इन्होंने स्कूल नहीं बनवाया- अरविंद केजरीवाल
- हमारी पूरी राजनीति ही हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देने पर आधारित है, इसीलिए ‘‘आप’’ की सरकार ने टिन वाले स्कूल शानदार बना दिए- अरविंद केजरीवाल
- पहले सरकारी स्कूल जाने वाले बच्चों में हीन भावना होती थी, लेकिन हमने इतना शानदार स्कूल बना दिए हैं कि अब इनमें गज़ब का आत्मविश्वास है- अरविंद केजरीवाल
- जिस प्रकार हमने दिल्ली सरकार के सभी स्कूल ठीक कर दिए, वैसे ही एमसीडी के भी 1800 स्कूल शानदार कर देंगे- अरविंद केजरीवाल
- पढ़ाई के बाद नौकरी न मिले तो क्या फायदा, इसलिए हमने सरकारी स्कूलों में बिजनेस ब्लास्टर्स आंत्रप्रिन्योरशिप प्रोग्राम शुरू किया- अरविंद केजरीवाल
- अगर बच्चे स्कूल-कॉलेज से ही बिजनेस करना सीख जाएं, तो परिवार व आस-पास के लोगों को भी रोज़गार दे सकता है- अरविंद केजरीवाल
- 2015 में सरकारी स्कूल बदहाल थे, सब सोचते थे कि सरकारी स्कूल ऐसे ही होते हैं लेकिन सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस सोच को बदल दी- आतिशी
- हमारे सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों से बेहतर रिजल्ट आ रहे हैं, पहले बच्चे आंख नहीं मिलाते थे, अब उनमें आत्मविश्वास है- आतिशी
- 1985 से टीन शेड में चल रहे छठीं से 12वीं तक के इस गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 1600 बच्चियां ले रहीं हैं शिक्षा
- ढाई साल से कम समय में बनकर तैयार हुए स्कूल में 41 क्लास रूम, 12 लैब्स, दो लाइब्रेरी और लिफ्ट समेत सभी विश्व स्तरीय सुविधाएं हैं
- सीएम अरविंद केजरीवाल ने उत्तम नगर में गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की नई बिल्डिंग का किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर को शानदार स्कूल बिल्डिंग का तोहफा दिया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने उत्तम नगर में गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया। पहले लोग इस स्कूल को टिन-वाले स्कूल के नाम से जानते थे। 37 साल बाद टिन वाले स्कूल से मुक्ति मिलने पर इलाके के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। यह स्कूल 1985 से टीन शेड में चल रहा था, जहां करीब 1600 बच्चियां छठीं से 12वीं तक शिक्षा ले रही हैं। ढाई साल से कम समय में बनकर तैयार हुए इस शानदार स्कूल में लिफ्ट समेत सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ 104 रूम है। इसमें 41 रूम क्लास के लिए इस्तेमाल होंगे। जबकि 12 रूम लैब, दो लाइब्रेरी, एक मल्टी परपज हॉल समेत अन्य जरूरतों के लिए उपयोग किए जाएंगे। इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा क्रांति को और मजबूती देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि स्कूल की नई और शानदार बिल्डिंग किसी भी प्राइवेट स्कूल को मात दे रही है। शिक्षा में हो रहे काम को हम रूकने नहीं देंगे। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
पहले शिक्षा पर बात नहीं होती थी और राजनीतिक मुद्द से स्कूल गायब था- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह स्कूल 1985 में बना था। स्कूल को बने 37 साल से ज्यादा हो चुके हैं। इस बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों की सरकारें बनीं, लेकिन किसी के राजनीतिक एजेंडे स्कूल अहमियत नहीं रखते थे। स्कूल ठीक करने, बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और गरीबों के बच्चों को आगे बढ़ने का मौका देने को लेकर राजनीति में बात ही नहीं होती थी। राजनीति मुद्दे स्कूल गायब था। न तो कांग्रेस कहती थी कि हम आएंगे तो बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे और न भाजपा कहती थी। लेकिन राजनीति में आने के बाद हमने यही कहा कि हमें वोट देंगे तो हम आपके बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे। हमारी पूरी राजनीति ही बच्चों की अच्छी शिक्षा देने पर आधारित है।
दिल्ली के सारे टिन शेड वाले स्कूलों को तोड़कर शानदार बिल्डिंग बनवा रहे हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 37 सालों में भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियों की सरकारें आई, लेकिन किसी भी पार्टी ने आपके टिन शेड वाले स्कूल को ठीक करने के बारे में नहीं सोचा। ऐसा कहा जाता है कि हम सभी जरिया हैं, सब कुछ ऊपर वाला ही करवाता है। ऊपर वाला शायद इंतजार कर रहा था कि एक दिन आम आदमी पार्टी की सरकार आएगी और दिल्ली के सारे टिन शेड वाले स्कूलों को शानदार बनाएगी। आज केवल उत्तम नगर ही नहीं, बल्कि दिल्ली के अंदर जितने भी टिन शेड वाले स्कूल हैं, उन्हें तोड़कर इसी तरह स्कूल की शानदार बिल्डिंग बनाई जा रही है।
दिल्ली में बन रहे शानदार सरकारी स्कूल बच्चों को अच्छा भविष्य देने जा रहे हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले एक गरीब का बच्चा जब सरकारी स्कूल में आता था तो उसके अंदर बहुत हीन भावना होती थी कि मैं कैसे स्कूल में जा रहा हूं। राजनीति में आने से पहले हम कई एनजीओ के साथ मिलकर झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर काम करते थे। तब मैंने देखा कि एक ही घर के अंदर अगर एक बेटी और एक बेटा है, तो माता-पिता बेटी को सरकारी स्कूल में भेज देते थे और किसी तरह अपना पेट काटकर बेटे को किसी छोटे-मोटे प्राइवेट स्कूल में पढ़ने भेज देते थे। उस बेटी के अंदर वहीं से हीन भावना होने लगती थी कि मैं तो बेकार से स्कूल में जा रही हूं। उसे यह कभी लगता ही नहीं था कि मैं पढ़ाई करने स्कूल जा रही हूं। उस वक्त बस यही होता था कि लड़की अगर 8वीं या 12वीं तक पढ़ जाएगी तो उसकी शादी कर देंगे। लेकिन अब दिल्ली के अंदर जिस तरह के शानदार सरकारी स्कूल बन रहे हैं, ये बच्चों को अच्छा भविष्य देने जा रहे हैं। आज ऐसे ढेरों माता-पिता हैं, जो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए भेज रहे हैं। अब सरकारी स्कूलों में आ रहे बच्चों के अंदर हीन भावना नहीं है, बल्कि वे जबरदस्त आत्मविश्वास के भरे हुए हैं कि हम भी जिंदगी में कुछ कर सकते हैं और हम भी भारत के विकास में शामिल होकर भारत माता के सपनों को साकार कर सकते हैं। अब हमारे बच्चों के अंदर यह आत्म विश्वास दिखाई देने लगा है।
पहले टिन शेड वाले स्कूलों में बच्चों को जाने काम मन नहीं करता था और अब उनका स्कूल से घर आने का मन नहीं करता- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज यहां आईं बच्चियों के चेहरे पर खुशी और चमक दिखाई दे रही है। अभिभावकों के चेहरे पर भी यह आत्मविश्वास दिखाई दे रहा है कि अब हमारा बच्चा बड़ा होकर परिवार और समाज के लिए कुछ कर सकता है। जबकि पहले गरीब घरों के माता-पिता यही सोचते थे कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई तो होती नहीं है तो फिर बच्चे को स्कूल भेजकर क्या करेंगे? सिर्फ समय ही बर्बाद होगा। इससे अच्छा तो ये है कि बच्चे को कहीं काम पर लगा दो तो कमा कर कुछ पैसे घर लाएगा। दिल्ली में माता-पिता के अंदर अब यह सोच खत्म हो गई है। दिल्ली में एक-एक कर शानदार स्कूल बन रहे हैं। अब चंद स्कूलों की बिल्डिंग ही बननी रह गई हैं। बाकी दिल्ली सरकार के लगभग सभी स्कूल शानदार बन गए हैं। इन अच्छे स्कूलों में बच्चों का भी आने का मन करता है। पहले बच्चे कहते थे कि उन्हें स्कूल जाने का मन नहीं करता था। आज यह बदलाव हुआ है कि बच्चे कहते हैं कि स्कूल से वापस घर जाने का मन नहीं करता है। अब बच्चों का मन यही करता है कि वे अपने स्कूल की क्लास, लैब, लाइब्रेरी में ही बैठे रहें। उत्तर नगर के इस स्कूल का ऑडिटोरियम बहुत शानदान है। मैं चुनौती देता हूं कि दिल्ली के 99.9 फीसद स्कूलों में बच्चों के लिए अच्छा वातानुकूलित ऑडिटोरियम नहीं मिलेगा।
एमसीडी के सभी स्कूल ठीक करेंगे, ताकि बच्चों की नींव अच्छी बन सके- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों का प्यार है कि उन्होंने हमें दिल्ली नगर निगम की जिम्मेदारी भी सौंपी है। अब हमें नगर निगम के भी 1800 स्कूलों को ठीक करना है। इन स्कूलों में बच्चे 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई करते हैं और फिर 6वीं कक्षा में दिल्ली सरकार के स्कूलों में आते हैं। इन बच्चों की 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई अच्छी नहीं हो पाती है और जब ये बच्चे 6वीं कक्षा में आते हैं तो शिक्षकों को भी इन्हें पढ़ाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती हैं, ताकि वे सही ट्रैक पर आ सकें। मगर हम चाहते हैं कि सभी बच्चों की नर्सरी और केजी कक्षा से ही अच्छी नींव बननी शुरू हो। इसलिए अब हम एमसीडी के स्कूलों को भी ठीक करेंगे। जब दिल्ली के स्कूलों को ठीक करने में पांच साल लग गए तो एमडीसी के स्कूल ठीक करने में भी 6-7 वर्ष लग जाएंगे।
पढ़ने के बाद हर युवा कम से कम अपना घर चलाने के काबिल बन सके, हमें इस पर काम करना है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आज बच्चे पढ़-लिख जाते हैं और उनके हाथ में डिग्री भी हैं, मगर उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिलती है। फिर उनके मन में यह सवाल आता है कि पढ़ाई का क्या फायदा हुआ? बीए, बीएसी, एमबीए, बीकॉम, वकालत की डिग्री लेकर घूम रहे हैं, लेकिन कहीं नौकरी नहीं मिल रही है। हमें इसके ऊपर काम करना पड़ेगा। अगर आपको पढ़ने-लिखने के बाद भी नौकरी न मिले तो फिर उस डिग्री का कोई फायदा नहीं है? रोजगार मिलना बहुत जरूरी है। पढ़ाई-लिखाई कम से कम बच्चें को इस काबिल तो बनाए कि वो अपने माता-पिता और परिवार का पेट पाल सके, अपना घर चला सके। हमें अब इस दिशा में काम करना है।
हमें 12वीं कर निकलने वाले हर बच्चे के करियर पर ध्यान देना होगा कि वो आगे क्या कर सकता है?- अरविंद केजरीवाल
उन्होंने कहा कि हमने बिजनेस ब्लास्टर्स और आंत्रप्रिन्योरशिप प्रोग्राम शुरू किया है। यह बच्चों को योग्य बनाने की दिशा में एक कदम है। अब हमें 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी कर निकलने वाले एक-एक बच्चे पर ध्यान देना है। हमें उनके करियर के ऊपर ध्यान देना कि वो आगे जाकर क्या काम कर सकते हैं। अब हम बच्चों को बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के जरिए इस तरह तैयार कर रहे हैं कि हर बच्चा बिजनेस करने के लिए तैयार हो सके। वो अपनी पढ़ाई जारी रखने के साथ ही 11वीं कक्षा से ही बिजनेस करने के लिए तैयार हो जाए। हम बच्चों को नया बिजनेस करना सिखा रहे हैं, ताकि अगर 11वीं कक्षा से ही उस बच्चे का कोई छोटा सा भी बिजनेस शुरू हो गया तो वो 12वीं पूरी करने के बाद जब कॉलेज जाएगा तो उसका दिमाग इस दिशा में नहीं चलेगा कि उसे नौकरी ढूंढनी है, बल्कि बिजनेस करने की दिशा में चलेगा। वह खुद अपनी प्रतिभा को खोजते हुए यह सोचगा कि मैं कई चीजें कर सकता हूं। यही सोच हमारे बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। हम पिछले तीन वर्षों से दिल्ली के अंदर बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम चला रहे हैं। अब इस प्रोग्राम से सीखकर हम यह कोशिश करेंगे कि इसे और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है। हम इस प्रोग्राम को ऐसा बनाना चाह रहे हैं कि बच्चे 12वीं से निकलने के बाद बच्चा बिजनेस करना चालू करे।
हमें बच्चों को बिजनेस करने के लिए तैयार करना होगा, ताकि वो नौकरी तलाशने की बजाय नौकरी दे सकें- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब हम आंत्रप्रिन्योरशिप प्रोगाम को कॉलेज में भी शुरू करने जा रहे हैं। 11वीं और 12वीं के बाद बच्चों को आगे की डिग्री के लिए कॉलेज जाना होता है। मगर जो बच्चे अभी बीए, बीकॉम, बीएसी की पढ़ाई पूरी करने वाले हैं, अगर हम उन्हें एक वर्ष पहले ही कॉलेज में बिजनेस करना सिखा दें तो वो कॉलेज डिग्री लेने के बाद नौकरी नहीं ढूंढेगा, बल्कि बिजनेस करेगा। साथ ही वो अपने आस-पास के लोगों और अपने परिवार के लोगों को काम पर लगा सकेगा। अगर आज हर बच्चा बिजनेस करने लगेगा तो हर बच्चा तीन-चार नौकरियां तैयार करने लायक हो जाएगा और तभी हमारे देश से बेरोजगारी दूर होगी। क्योंकि ऐसा कभी नहीं होने वाला है कि सरकारी नौकरियां इतनी बढ़ जाएंगी कि हर किसी को सरकारी नौकरी मिल जाए। हमें अपने बच्चों को इस दिशा में तैयार करना पड़ेगा कि वो बिजनेस करना सीख सके।
शिक्षा तो सबके लिए जरूरी है, लेकिन इसका एक ही उद्देश्य रोजगार होना चाहिए- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के अंदर दिल्ली में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम का अनुभव बहुत ही अच्छा रहा है। बच्चों ने अब सोचना शुरू कर दिया है। आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में लगभग तीन लाख बच्चे पढ़ते हैं। जब इन तीन लाख बच्चों को बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम में शामिल किया गया तो 52 हजार टीम बनकर तैयार हुईं। इसमें प्रत्येक टीम एक-एक बिजनेस आइडिया पर काम कर रही है। मैंने सुना है कि कई जगह बच्चे काफी नए और रचनात्मक तरीके से काम कर रहे हैं। अब हमें इसको और आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा तो सबके लिए जरूरी है, लेकिन शिक्षा का एक उद्देश्य ही रोजगार होना चाहिए। अगर नौकरी के बिना हम बच्चों को सिर्फ डिग्री देकर छोड़ दें तो उसका कोई फायदा नहीं है। अब हम सकको मिलकर इसी दिशा में काम करना है। मैंने अपने 7-8 वर्षों के अनुभव में यह देखा है कि जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। सब मुमकिन है। बस इसके लिए अच्छी नीयत चाहिए और सबको मिलकर मेहनत करने की जरूरत है।
आज एक और स्कूल टिन शेड से शानदार बिल्डिंग में तब्दील हुआ- आतिशी
इस अवसर पर मौजूद दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि आज दिल्ली का एक और स्कूल टिन शेड से शानदार बिल्डिंग में तब्दील हो गया। आज जब इस स्कूल की कुछ पुरानी तस्वीरें देखी और उसी जगह यह नई विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस स्कूल को देख रही हूं तो पहले और अब के स्कूल में ज़मीन-आसमान का अंतर है। यह शानदार स्कूल पढ़ रही बच्चियों के सपनों को नई उड़ान देगा। मुझे बेहद ख़ुशी है कि कभी टिन शेड में चलने वाला यह स्कूल आज शानदार बिल्डिंग वाला स्कूल बन गया है। यह स्कूल 1985 में बना था और आज भी यह टिन शेड में ही चलता था। टिन शेड स्कूल में पढ़ते समय बच्चियों को विभिन्न तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। बारिश के दौरान क्लास रूम में पानी भी टपकता था, गर्मी में क्लास रूम टपकता था। उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली में सैकड़ों ऐसे स्कूलें थे जो बदहाल थे। क्लास रूम में पंखे टूटे होते थे, खिड़कियां टूटी थीं, बच्चों के लिए टॉयलेट नहीं होते थे। स्कूलों की ऐसी स्थिति देखकर दिल्ली के पैरेंट्स भी यही सोचने लगे थे कि शायद सरकारी स्कूल ऐसे ही होते हैं। उन्होंने कहा कि लोग यह तक सोचते थे कि ग़रीब परिवार के बच्चों के भाग्य में ऐसे ही टूटे-फूटे स्कूल लिखे हैं। उन्होंने कहा कि 2015 में दिल्ली के लाखों गरीब माता-पिता को अरविंद केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री मिला। सीएम अरविंद केजरीवाल और शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया ने एक सपना देखा कि चाहे कोई बच्चा ग़रीब से ग़रीब परिवार का हो या अमीर से अमीर परिवार से हो, सबको विश्वस्तरीय शिक्षा मिलनी चाहिए।
पिछले आठ साल में सीएम केजरीवाल के नेतृत्व में हमने 20 हजार नए क्लासरूम बनाए- आतिशी
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि पिछले 8 साल में सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूरी दिल्ली में ऐसे सैकड़ों स्कूल बनवाए हैं जो विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस है। अगर हम पिछले आठ सालों को देखें तो हमे पता चलता है कि शिक्षा के क्षेत्र में कितना बड़ा बदलाव आया है और कितनी बड़ी शिक्षा क्रांति आई है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद 1947 से 2015 तक दिल्ली में कुल मिलाकर 24 हजार क्लास रूम बच्चों के पढ़ने के लिए बने है। लेकिन 2015 के बाद मात्र आठ साल में सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की लीडरशिप में 20 हजार नए कमरे बने है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में न सिर्फ़ क्लासरूम बने हैं, बल्कि यहां बच्चों को विश्व स्तरीय सुविधाएं और शिक्षा भी मुहैया कराई जा रही है। शिक्षा मंत्री ने सीएम अरविंद केजरीवाल का ध्यानवाद करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री ऐसी हिम्मत न दिखाते कि बजट का 25 प्रतिशत राशि शिक्षा पर खर्च किया जाएगा तो आज दिल्ली के बच्चों को इतने शानदार स्कूल नहीं मिल पाते।
एनसीसी की बच्चियों ने की सीएम अरविंद केजरीवाल की अगवानी
स्कूल की नई पक्की बिल्डिंग का उद्घाटन करने पहुंचे सीएम अरविंद केजरीवाल की अगवानी एनसीसी की बच्चियों ने की। एनसीसी की बच्चियों ने पूरे सम्मान के साथ मुख्यमंत्री को उद्घाटन स्थल तक लेकर आईं। इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा मंत्री अतिशी के साथ दीप प्रज्वलित कर नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया। इसके बाद स्कूली बच्चों ने स्वागत गीत पेश किया।
1985 से टीन शेड में चल रहा था स्कूल
दिल्ली के उत्तम नगर में दिल्ली सरकार ने गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की नई बिल्डिंग भूतल के अलावा तीन मंजिला बनाया है। पहले यह स्कूल टीन शेड में चल रहा था, जिसे तोड़ के नई बिल्डिंग बनाई है है। 1985 से ही ये स्कूल टीन शेड में चल रहा था। स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ने के साथ ही टीन शेड को बढ़ाया गया लेकिन नई बिल्डिंग नहीं बनाई है। टीन शेड के बन 48 कमरों में कक्षाएं संचालित की जा रही थी।
ढाई साल से कम समय में तैयार हुई स्कूल की नई बिल्डिंग
सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने जनवरी 2021 में नई पक्की बिल्डिंग बनाने की मंजूरी दी और तेज गति से कार्य करते हुए ढाई साल से भी कम समय में निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। इस बीच तमाम बढ़ाएं भी आई, लेकिन सरकार ने स्कूल निर्माण के कार्य को रुकने नहीं दिया। निर्माण कार्य के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके मद्देनजर सभी बच्चों को पास के ओ स्कूलों में शिफ्ट कर दिया गया था। उत्तम नगर में ही स्थित एसकेवी और जीबीएसएसएस में अभी तक बच्चे पढ़ रहे थे, लेकिन अब ये सभी बच्ची पुनः नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो जायेंगे।
स्कूल की शानदार बिल्डिंग में है लिफ्ट समेत सभी आधुनिक सुविधाएं
पूरा स्कूल करीब 9,630 वर्ग मीटर एरिया में फैला है। इसमें से 2107.935 वर्ग मीटर में भूतल एरिया है। नई बिल्डिंग में 41 क्लास रूम हैं। इसके अलावा 12 लैब्स, 2 लाइब्रेरी, ऑफिस और स्टाफ रूम, विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए गतिविधि रूम, हर मंजिल पर शौचालय ब्लॉक और लिफ्ट भी लगी है। साथ ही, 250 लोगों के बैठने की क्षमता का एक बहुउद्देश्यीय ऑडिटोरियम भी है। यह स्कूल लड़कियों का है। यह स्कूल 6 से 12 तक संचालित किया जाता है। फिलहाल स्कूल में करीब 1600 लड़किया पढ़ती है। इस स्कूल से सटे दो और स्कूल बिल्डिंग हैं। एक स्कूल बिल्डिंग सीनियर सेकेंडरी बॉयज के लिए हैं, जिसमे करीब 1100 छात्रों का नामांकन है। जबकि दूसरी बिल्डिंग सर्वाेदय विद्यालय की है। इसमें दो शिफ्टों में कक्षाएं चलती हैं और यहां हर शिफ्ट में 1600 छात्र हैं। इस परिसर के 4 स्कूलों में लगभग 6000 छात्र पढ़ते हैं।
अगले साल से साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम भी ले सकेंगे छात्र
इस स्कूल के नए पक्के भवन के उद्घाटन से अब इस क्षेत्र के सभी बच्चों को सीखने का सम्मानजनक और आरामदायक स्थान मिलेगा। अभी तक इस स्कूल में केवल आर्ट्स और वोकेशनल स्ट्रीम की पढ़ाई होती थी। लेकिन नई बिल्डिंग में अगले साल से साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम भी स्टूडेंट्स को ऑफर की जाएगी।