धोखाधड़ी के दो मामलों में भगोड़ा घोषित
पिछले 05 वर्षों से था फरार
गिरफ्तारी पर ₹ 50,000/- का इनाम घोषित
परिचय:
उत्तरी रेंज-II/अपराध शाखा की टीम ने जालसाज चार्टर्ड अकाउंटेंट व उद्घोषित अपराधी अनिल कुमार बंसल, उम्र 61 वर्ष, निवासी पॉकेट-1, सेक्टर-22, रोहिणी, दिल्ली को सेक्टर-22, रोहिणी, दिल्ली से गिरफ्तार किया है, जो अपनी गिरफ़्तारी से बचने के लिए पिछले 05 वर्षों से फरार चल रहा था। प्राथमिकी संख्या 220/18, धारा 420/468/471/120-बी भारतीय दंड संहिता, थाना आर्थिक अपराध शाखा में उसकी गिरफ्तारी पर ₹ 50,000/- का इनाम भी घोषित किया गया था।
मामले के संक्षिप्त तथ्य:
वर्ष 2018 में, शिकायतकर्ता अरुण कुमार खत्री ने आरोप लगाया कि एसबीएम एक्सपोर्ट लिमिटेड, कनॉट प्लेस, दिल्ली के मालिक अनिल कुमार बंसल ने भुगतान किए बिना फर्म के जाली दस्तावेजों पर सामान खरीदा। इसके अलावा यह भी पता चला कि ऐसे और भी शिकायतकर्ता हैं जिन्हें कथित व्यक्तियों द्वारा उसी तरीके से धोखा दिया गया और ₹ 13.72 करोड़ की ठगी कर ली गयी | इस संबंध में प्राथमिकी संख्या 220/18, धारा 420/468/471/120 बी भारतीय दंड संहिता, थाना आर्थिक अपराध शाखा दर्ज की गई थी। जांच के दौरान, यह भी पता चला है कि आरोपी अनिल कुमार बंसल की दिल्ली के कनॉट प्लेस में श्री बालाजी ओवरसीज के नाम से एक और फर्म थी और उसने पराग पाहवा, निवासी मोती नगर, दिल्ली से 500 एलईडी टीवी खरीदने के नाम पर 6 करोड़ रुपये की ठगी की थी। इस संबंध में, एक अन्य प्राथमिकी संख्या 303/2018, धारा 406/420/120-बी भारतीय दंड संहिता, थाना-मोती नगर, दिल्ली दर्ज की गयी थी । जांच के दौरान, आरोपी अनिल कुमार बंसल का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए लेकिन उसका पता नहीं लगाया जा सका।
जानकारी, टीम और संचालन:
उप-निरीक्षक रवि सैनी को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि आरोपी अनिल कुमार बंसल रोहिणी, दिल्ली के क्षेत्र में रह रहा है, अगर समय पर कार्यवाही की जाये तो उसे पकड़ा जा सकता है |
उपरोक्त सूचना के आधार पर संयुक्त आयुक्त एसडी मिश्रा व उपायुक्त अंकित सिंह द्वारा सहायक आयुक्त नरेन्द्र सिंह की देख रेख में एक टीम का गठन किया गया जिसका नेतृत्व निरीक्षक संदीप सिंह कर रहे थे | जिसमें उप-निरीक्षक रवि सैनी, सहायक उप-निरीक्षक प्रदीप गोधारा, सहायक उप निरीक्षक सुरेंद्र, प्रधान सिपाही परवीन, प्रधान सिपाही आशीष, प्रधान सिपाही मुकेश, प्रधान सिपाही अर्जुन, प्रधान सिपाही सत्यव्रत और प्रधान सिपाही राजेंद्र शामिल थे।
टीम द्वारा दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-22 के इलाके में जाल बिछाया गया व आरोपी अनिल कुमार बंसल को वहाँ से गिरफ्तार कर लिया गया।
अपराध करने का तरीका:
आरोपियों ने दिल्ली व एनसीआर में कई कार्यालय खोले व अपने आप को इलेक्ट्रॉनिक सामान के बड़े डीलर के रूप में प्रस्तुत किया| उन्होंने पीड़ितों को झांसा दिया कि ग्राहकों को सप्लाई करने के लिए उन्हें बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक सामान की आवश्यकता है और पीड़ितों का विश्वास जितने के लिए 25% अग्रिम राशि का भुगतान भी किया। पीड़ितों का विश्वास जितने के बाद उन्होंने भुगतान किये बिना सामान की बड़ी खेप ले ली व बाद में शेष राशी का भुगतान नहीं किया | आरोपियों के दिल्ली व एनसीआर में कई कार्यालय हैं।
सुलझाये गये मामले:
- प्राथमिकी संख्या 220/18, धारा 420/468/471/120बी भारतीय दंड संहिता, थाना आर्थिक अपराध शाखा, मंदिर मार्ग, दिल्ली।
- प्राथमिकी संख्या 303/18, धारा 406/420/120बी भारतीय दंड संहिता, थाना मोती नगर, दिल्ली।
- प्राथमिकी संख्या 269/2018, धारा 406/420 भारतीय दंड संहिता, थाना समस्तीपुर, बिहार।
- प्राथमिकी संख्या 184/2019, धारा 406/420/120बी भारतीय दंड संहिता, थाना बराड़ा, अंबाला हरियाणा।
- प्राथमिकी संख्या 520/2018, धारा 420/467/468/471/323 /504/506/406/120 भारतीय दंड संहिता, थाना सेक्टर -44, गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश।
- प्राथमिकी संख्या 1580/2017, धारा 420/406 भारतीय दंड संहिता, थाना सेक्टर -44, गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश।
बरामदगी: –
एक मोबाइल फोन।
आरोपी का प्रोफाइल:
अनिल कुमार बंसल, उम्र 61 वर्ष, निवासी पॉकेट-1, सेक्टर-22, रोहिणी, दिल्ली का रहने वाला है| उसने 1978 में सीए की डिग्री पूरी की थी। वर्तमान में, वह नरेला, बवाना और मुंडका स्थित विभिन्न कंपनियों के साथ फ्री-लांसर के रूप में काम कर रहा है। वह पिछले 05 वर्षों से अपनी गिरफ्तारी से बच रहा था और दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में अपना ठिकाना बदल कर रह रहा था।