अरविंद केजरीवाल सरकारी पदों पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को रखकर उनसे अपनी और अपनी पार्टी का काम कराते हैं और तनख्वाह सरकारी खजानों से देते हैं – डॉ सुधांशु त्रिवेदी

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*पनो को रेवड़ी नहीं रबड़ी बांटने का काम करने वाले केजरीवाल पर माले मुफ्त दिले बेरहम कहावत एकदम चरित्रार्थ होती है – डॉ सुधांशु त्रिवेदी

*10 साल के अंदर किसी पार्टी का चाल, चिंतन,चरित्र और चेहरा इतना नहीं बदला होगा, जितना आम आदमी पार्टी का – वीरेन्द्र सचदेवा

*सरकारी पैसों से किसी भी व्यक्ति का या राजनीतिक पार्टी का काम करना गैर संवैधानिक है और भाजपा इसका पुरजोर विरोध करती है – वीरेन्द्र सचदेवा

*पिछले एक महीने में 80, 70, 000 रुपये सरकारी खजाने से तनख्वाह के रुप में आम आदमी पार्टी के 107 कार्यकर्ताओं को दिये गये है – वीरेन्द्र सचदेवा

सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी एवं दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अरविंद केजरीवल द्वारा दिल्ली के सरकारी खज़ानों या सरकारी आय को अपनो के बीच में बांटने की गंदी राजनीति का पर्दाफाश किया। किस तरह से अरविंद केजरीवाल सरकारी पदो पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को रखकर उससे पार्टी का काम कराते हैं और तनख्वाह सरकारी खजानों से देते हैं, इसको लेकर भाजपा नेताओं ने केजरीवाल से सबूत दिखाते हुए कई सवाल का जवाब मांगा। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश प्रवक्ता श्री हरीश खुराना उपस्थित थे।

डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय राजनीति में खुद को कट्टर ईमानदार मुख्यमंत्री बताने वाले अरविंद केजरीवाल के नए किरदार निरंतर सामने आते जा रहे हैं। आपने देखा पहले शराब के कारोबार में उनका किरदार दिखा, फिर बिजली के व्यापार में उनका किरदार दिखा। फिर अदालत के अंदर और फिर भ्रष्टाचार के साथ सारोकार में भी दिखा अब एक नए प्रकार का किरादार उनका दिख रहा है कि जिसमें अपने सिपे सलाहकार और पार्टी के कार्यकर्ताओं को सरकारी तनख्वाह पर नियुक्त करना और उनसे सरकारी पद पर रहते पार्टी का काम कराना यह उनकी नई नीति का हिस्सा है।

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि किसी सरकारी पद पर रहकर अगर कोई व्यक्ति अरविंद केजरीवाल के व्यक्तिगत राजनैतिक कार्य करें या फिर उनके स्टॉफ के लिए काम करे तो यह एक नया स्वरुप दिल्ली को देखने को मिल रहा है। अपनो को रेवड़ी नहीं रबड़ी बांटने का काम केजरीवाल ने किया है और सरकार की आय को जिस रुप में केजरीवाल प्रयोग करते हैं उन पर यह कहवात एकदम चरित्रार्थ होती है कि ‘माले मुफ्त दिले बेरहम’। उनमे से कई लोगों ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट भी रातों रात डिलीट करने शुरु कर दिए हैं क्योंकि उनमे सीधा दिख रहा था कि वह पार्टी का काम पैसा लेकर कर रहे थे।

इस पूरे मामले में कई ऐसी जानकारियां सामने आई हैं जो चौकाने वाली है जैसे कि श्री राम कुमार झा हैं जो उनके निजी स्टॉफ का काम कर रहे हैं और अभी जब घर का विषय आया था तो पत्रकारों से उलझते हुए इनकी वीडियो वायरल हुई थी, यह सरकार से सैलरी पा रहे हैं। एक निशा सिंह हैं जो एसोसिएट फेलो हैं और इनके ऊपर एक मुकदमा भी है यह सरकारी काम करते हुए आम आदमी पार्टी का काम कर रही हैं।

इसके अलावा आंचल जी हैं ये वर्तमान विधायक की पत्नी हैं। विधिवत पार्टी का कार्य हो रहा है और वेतन सरकार की ओर से आ रहा है। अक्षय मल्होत्रा भी निजी स्टॉफ हैं और उनका वाहन चलाते हैं और साथ ही सोशल मीडिया का भी काम करते हैं, वे भी सरकारी वेतन पर काम कर रहे हैं।

यह सब उस मुख्यमंत्री के किरदार हैं जिसने कहा था कि हम सुरक्षा, वाहन, घर नहीं लेंगे। सोचिए आज वह कहां तक पहुंच गए हैं कि सरकारी खजाने का कैसे दुरुपयोग करते हैं, यह अच्छे से कर रहे हैं। 10 साल के अंदर किसी पार्टी का किरदार और चरित्र इतना नहीं बदला होगा जितना आम आदमी पार्टी के किरदार, चाल, चिंतन और चरित्र बदला है।

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि 434 नियुक्तियां रद्द की गई और उसमें से जो पहली लिस्ट सार्वजनिक डोमेन में आई वह 116 लोगों की थी, जब हमने उन लोगों की जानकारी इकट्ठी करनी शुरु कर दी तो आधी रात आते आते सबने अपने सोशल मीडिया एकाउंट डिलीट करने शुरु कर दिये और जो बच गए उनकी जानकारी हमने आपके सामने रखी। उन्होंने कहा कि मनोज कुमार झा के जब आप ट्वीट देखते हैं तो ये आम आदमी पार्टी के ट्वीट को रिट्वीट करते हैं और साथ ही यह चीफ मीडिया एडवाइजर हैं और वेतन हैं 1.5 लाख रुपये।

नीतिन बेथा एसोसिएट फेलो हैं और इनके ट्वीट में अरविंद केजरीवाल के गुणगान करने के अलावा कोई काम नहीं है और तनख्वाह पूरे एक लाख। एक नाम है प्रियदर्शनी और तनख्वाह 1.25 लाख रुपये और आप हरियाणा यूथ विंग की वाइस प्रेसिडेंट हैं। शालिनी यादव भी उनमें से एक है इनके बारे में बिजनेस वर्ल्ड ने भी लिखा कि यह राजनीति को बदलने के लिए आई है और अभी काम सिर्फ अरविंद केजरीवाल का गुणगान और बदले में तनख्वाह एक लाख रुपये और ऐसे 42 से 45 नाम है जिनके काम एक ही है कि कैसे दिल्ली में आम आदमी पार्टी का सोशल मीडिया पर प्रचार का एजेंडा चलायें। सरकारी पैसों से किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी का काम करना यह गैर संवैधानिक है और भाजपा इसका पुरजोर विरोध करती है।

सचदेवा ने कहा कि पिछले 10 साल के अंदर किसी पार्टी का चाल, चिंतन,चरित्र और चेहरा इतना नहीं बदला होगा, जितना आम आदमी पार्टी का बदल चुका है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या इन सभी लोगों की नौकरी लगाते वक्त कोई समकक्ष अधिकारी से सरकारी अप्रुवल लिया गया था। हकीकत यह है कि अरविंद केजरीवाल अपने लोगों की जेबे भरते वक्त अपनी जेब का भी ध्यान रखते हैं और यही कारण है कि इनके किसी भी विभाग को जब हम देखते हैं तो वह भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। आज दिल्ली का हर युवा पूछ रहा है कि यह हमारे हिस्से की नौकरी थी जिसे किसको दिया है केजरीवाल जवाब दें।

सचदेवा ने 107 लोगों की तनख्वाह के डिटेल कागज दिखाते हुए कहा कि पिछले एक महीने में 80, 70,000 रुपये सरकारी खजाने से तनख्वाह के रुप में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिये गये है। दूसरे कागज में 21 लोगों के लिए 21, 90,000 रुपये और तीसरे कागज में 9 लोगों को 5,58,000 रुपये दिए गए, इसका जबाव अरविंद केजरीवाल को देना पड़ेगा की आखिर इतने सालों में कितने हजारों करोड़ अपने साथी कार्यकर्ताओं में बाटे।

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