आप नेता आतिशी ने भाजपा के ‘महिला बेवक़ूफ़ बनाओ बिल’ का पर्दाफ़ाश

Listen to this article

*महिला आरक्षण के नाम पर मोदी जी और भाजपा 2024 के चुनाव से पहले लेकर आ रही ‘महिला बेवक़ूफ़ बनाओ बिल’-आतिशी

*बिल के प्रावधानों के अनुसार पहले जनगणना और फिर परिसीमन के बाद ही लागू होगा आरक्षण यानि 2024 के चुनाव में महिलाओं को नहीं मिलने वाला आरक्षण-आतिशी

*जिस महिला आरक्षण बिल का ढिंढोरा पीट रही भाजपा, 2027-28 से पहले नहीं होने वाला उसका क्रियान्वयन-आतिशी

*बिल के प्रावधानों से साफ़- 2024 के चुनाव से पहले देश की महिलाओं को बेबकूफ़ बनाने का प्रयास कर रही भाजपा-आतिशी

*अगर मोदी जी की नियत साफ़ तो 2024 के चुनाव में ही महिलाओं को क्यों नहीं देते आरक्षण, क्यों कर रहे जनगणना और परिसीमन का इंतज़ार-आतिशी

*यदि मोदी जी को महिलाओं की फ़िक्र तो 2024 चुनाव में लोकसभा की 543 सीटों पर लागू हो बिल अन्यथा महिलाओं को न बनाए बेवकूफ-आतिशी

*मोदी जी को महिलाओं की बेहतरी को लेकर कोई चिंता नहीं; भाजपा बृजभूषण वाली महिला विरोधी पार्टी, इनके जुमले में नहीं फँसने वाली महिलाएँ-आतिशी

*आप महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती है, हमारी माँग महिलाओं के लिए आरक्षण 2024 के चुनाव से ही शुरू किया जाए-आतिशी

2024 के चुनाव से पहले महिला वोट के लिए भाजपा महिलाओं के लिए आरक्षण का जुमला लेकर आई है। भाजपा महिला आरक्षण के नाम पर एक ऐसा बिल लेकर आई है जो 2027-28 से पहले लागू ही नहीं हो सकता। भाजपा के इस जुमले की पोल खोलते हर आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता व दिल्ली कैबिनेट मंत्री आतिशी ने इसे ‘महिला बेवक़ूफ़ बनाओ बिल’ करार दिया। इस बाबत प्रेस-कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से साझा करते हुए आतिशी ने कहा कि, महिला आरक्षण के नाम पर मोदी जी और भाजपा 2024 के चुनाव से पहले ‘महिला बेवक़ूफ़ बनाओ बिल’ लेकर आ रही है। बिल के प्रावधानों के अनुसार पहले जनगणना और फिर परिसीमन के बाद ही लागू होगा आरक्षण यानि कि 2024 के चुनाव में महिलाओं को नहीं मिलने वाला आरक्षण। ऐसे में भाजपा जिस महिला आरक्षण बिल का ढिंढोरा पीट रही है, 2027-28 से पहले उसका क्रियान्वयन नहीं होने वाला है। बिल के प्रावधानों से साफ़ है कि 2024 के चुनाव से पहले वोट माँगने के लिए भाजपा देश की महिलाओं को बेबकूफ़ बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि, अगर मोदी जी की नियत साफ़ है तो 2024 के चुनाव में ही महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं देते है, जनगणना और परिसीमन का इंतज़ार क्यों कर रहे है। यदि मोदी जी को महिलाओं की फ़िक्र है तो 2024 चुनाव में लोकसभा की 543 सीटों पर लागू हो बिल अन्यथा महिलाओं को बेवकूफ न बनाए। उन्होंने कहा कि, मोदी जी को महिलाओं की बेहतरी को लेकर कोई चिंता नहीं है। भाजपा बृजभूषण वाली, महिला विरोधी पार्टी है और देश की महिलाएँ इनके जुमले में फँसने वाली नहीं है।

आप नेता आतिशी ने कहा कि, कल रात मीडिया के माध्यम से खबर मिली की देश की संसद में महिला आरक्षण बिल लाया जा रहा है और इसे कैबिनेट से मंज़ूरी भी मिल गई है। ऐसे में अब संसद में, विधान सभाओं में महिलाओं को एक तिहाई समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि, आम आदमी पार्टी ने इस बिल का स्वागत किया और कहा कि हम संसद में भी और विधानसभाओं में भी महिलाओं के आरक्षण का स्वागत करते है। लेकिन जबतक हम बिल व उसके प्रावधानों को नहीं देखते तब तक इसपर टिप्पणी नहीं कर सकते है।

उन्होंने साझा करते हुए कहा कि, आज कुछ समय पहले महिला आरक्षण का ये 128 वाँ संविधान संशोधन बिल पब्लिक डोमेन में आया। जब हमने इस बिल के हर हिस्से को सावधानीपूर्वक पढ़ा तो पाया कि ये महिला आरक्षण बिल नहीं, ये तो 2024 के चुनाव से पहले ‘महिला बेवक़ूफ़ बनाओ बिल’ है।

आतिशी ने कहा कि, ये बिल ‘महिला बेबकूफ़ बनाओ बिल’ इसलिए है क्योंकि इस बिल के सेक्शन-5 के अनुसार 2024 के चुनाव में महिलाओं को आरक्षण नहीं मिलने वाला है। ये बिल जब पास होगा तो उसके बाद जो जनगणना होगी और उसके आधार पर परिसीमन होगा, उस परिसीमन के आधार पर महिलाओं को आरक्षण दिया जायेगा। ऐसे में इस बिल के क्रियान्वयन में कई साल लग जाएँगे।

उन्होंने कहा कि, जनगणना होने में कम से कम एक साल का समय लगता है। उसके बाद परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होगी। अब एमसीडी जैसे छोटे चुनाव के लिए परिसीमन करने में जब चुनाव आयोग को जब 6 महीने का समय लग गया तो पूरे देश में परिसीमन करना होगा तो किसी भी परिसीमन कमिटी को कम से कम 2-3 साल का समय लग जायेगा।

साथ ही संविधान के 91वे संशोधन के अनुसार 2026 से पहले राष्ट्रीय स्तर पर परिसीमन नहीं किया जा सकता है। यानि की जिस महिला आरक्षण बिल का इतना ढिंढोरा पीटा जा रहा है उसका जल्द से जल्द भी क्रियान्वयन किया गया तो वो 2027-28 में होगा, 2024 में नहीं।

आतिशी ने कहा कि, इस बिल के प्रावधानों को पढ़कर ये साफ़ है कि 2024 के चुनाव से पहले देश की महिलाओं को बेबकूफ़ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अगर मोदी जी और भाजपा की नियत होती कि वो महिलाओं को वास्तविक रूप में आरक्षण देना चाहते है तो 2024 के चुनावों में ही दे देते। क्यों उन्होंने ऐसा कहा कि पहले हम जनगणना और उसके बाद परिसीमन का इंतज़ार करेंगे उसके बाद आरक्षण देंगे। वो आज जितनी भी सीटें है उसमे ही एक तिहाई पर महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दे सकते।

उन्होंने कहा कि, ये सिर्फ़ और सिर्फ़ महिलाओं को बेबकूफ़ बनाने का तरीक़ा है इसलिए इस बिल का नाम ‘महिला बेबकूफ़ बनाओ बिल’ होना चाहिए।

आतिशी ने कहा कि, ये साफ़ है कि मोदी जी को महिलाओं की बेहतरी को लेकर कोई चिंता नहीं है। भाजपा बृजभूषण की पार्टी है, महिला विरोधी पार्टी है और इसलिए क्योंकि अब लोकसभा के चुनाव आ रहे है, इन्हें वोट माँगने जाना है इसलिए अब महिलाओं को बेबकूफ़ बनाने का प्रयास कर रहे है।

उन्होंने कहा कि, हमारी मोदी जी से माँग है कि संसद में ये जो बिल पेश किया जा रहा है उसमें संशोधन किया जाये। इसे लेकर जनगणना और परिसीमन का इंतज़ार न किया जाए। और आम आदमी पार्टी ये माँग करती है कि महिलाओं का आरक्षण 2024 के चुनाव से ही शुरू किया जाए।

Print Friendly, PDF & Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *