*निगम ने 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट पर निगरानी बढ़ाई, हितधारकों के साथ समन्वय के लिए क्षेत्रीय उपायुक्त को नोडल अधिकारी नियुक्त किया
*बायोमास/खुले में कूड़ा जलाने के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 932 अधिकारियों और कर्मचारियों की 383 निगरानी टीमें बनाई गईं
*एमसीडी सड़कों की सफाई के लिए मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों का अधिकतम उपयोग करेगी
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कमर कस ली है। इसी दिशा में काम करते हुए दिल्ली नगर निगम ने विंटर एक्शन प्लान-2023-24 तैयार किया है। इसके तहत, एमसीडी ने सर्दियों की शुरुआत में वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में विभिन्न पहल और परिणामोन्मुख कार्य करने की योजना बनाई है।
हॉटस्पॉट क्षेत्रों पर फोकस:
एमसीडी ने 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट की पहचान की है। इनमें नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर.के. पुरम, ओखला, जहांगीर पुरी, आनंद विहार, विवेक विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी और द्वारका शामिल हैं। इन क्षेत्रों में प्रदूषण रोधी कार्य करने के लिए संबंधित उपायुक्त को जोन का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। निगम की योजना है कि जोनल कार्यालयों द्वारा विभिन्न प्रदूषणरोधी उपाय किए जाएंगे जिसमें कूड़े/प्लास्टिक कचरे का समुचित निस्तारण, सी एंड डी कचरे की अवैध डंपिंग को रोकना और चालान के माध्यम से उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है। अधिक प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की भी पहचान की गई है और उन्हें रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। वायु प्रदूषण रोकने के लिए अधिकारियों ने समयबद्ध लघु और दीर्घकालिक कार्य योजना तैयार की गई है।
धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय
एमसीडी ने धूल नियंत्रण एवं प्रबंधन सेल (डीसीएमसी) का गठन किया है। सभी अधीक्षण अभियंता और निदेशक (उद्यान) इस सेल के सदस्य हैं। धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने और प्रदूषण कम करने के लिए सीएक्यूएम/डीपीसीसी द्वारा जारी उपायों/सलाहों की निगरानी और कार्यान्वयन के लिए नियमित बैठकें आयोजित की जाएंगी। योजना के अनुसार, सी एंड डी अपशिष्ट और धूल प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए विभिन्न उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे। इस उद्देश्य के लिए, मैकेनिकल रोड स्विपिंग का अधिकतम उपयोग किया जाएगा, सड़कों की सफाई और धूल कणों को दबाने के लिए पानी का छिड़काव किया जाएगा। धूल प्रदूषण से निपटने के लिए कच्ची सड़कों/टूटी सड़कों/गड्ढों का रखरखाव व मरम्मत भी की जाएगी।
हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सड़क से उड़ने वाली धूल के समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। वायु प्रदूषण में धूल के कणों का बड़ा योगदान होता है। इसे ध्यान में रखते हुए सीएंडडी साइटों पर एंटी-स्मॉग गन तैनात की जाएगी। एमसीडी खुले में सीएंडडी सामग्री साइटों व अन्य प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
खुले में कूड़ा जलाने पर कार्रवाई
एमसीडी ने बायोमास/खुले में कूड़ा जलाने की गतिविधियों को रोकने के लिए 932 अधिकारियों और कर्मचारियों की कुल 383 निगरानी टीमों का गठन किया है। योजना के मुताबिक तय किया गया है कि खुले में कूड़ा जलाने और कूड़ा फेंकने की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। होटलों और खुले भोजनालयों में कोयले/लकड़ी के उपयोग को रोकने के लिए निगरानी कड़ी की जाएगी।
एमसीडी जीरो वेस्ट कॉलोनिों को भी बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है जो स्रोत पर ही 100% अपशिष्ट का पृथक्करण करें और इन-हाउस कंपोस्टिंग करे। निगम द्वारा पार्कों/खुले क्षेत्रों में निकलने वाले गीले कचरे से खाद बनाने का कार्य भी किया जा रहा है।
हरियाली एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम
एमसीडी के उद्यान विभाग ने बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। सड़क की धूल को नियंत्रित करने के लिए हरियाली बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। फ्लाईओवर के नीचे खुले क्षेत्रों, उद्यानों, निगम भवनों, व सड़कों को हरा-भरा करने का काम किया जा रहा है।
जागरुकता एवं शिकायत निवारण तंत्र
दिल्ली नगर निगम जन संचार माध्यमों और अभियानों के माध्यम से लोगों को वायु प्रदूषण के बारे में जागरूक करेगी। दिल्ली सरकार के ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप (सीपीसीबी) और 311 मोबाइल ऐप (एमसीडी) जैसे शिकायत निवारण तंत्र की प्रभावी ढंग से निगरानी की जाएगी और शिकायत का समय पर समाधान किया जाएगा।
दिल्ली नगर निगम राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।