संत प्रवृत्ति के डॉ वेद प्रकाश गुप्ता (संस्कृति सेवक ) ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री देवालय संघ की स्थापना के उद्देश्य, लक्ष्य और कार्यप्रणाली पर अपने विचार व्यक्त किए । डॉ वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा की
संस्कार एवं संस्कृति के संवर्धन के माध्यम से समाज को संगठित करने का उद्देश्य
समाज में तेजी से फैल रही राक्षसी प्रवृत्तियों को समाप्त करने के लिए संस्कार और संस्कृति के माध्यम से आत्मबल बढ़ाने और समाज को संगठित करके शक्तिशाली बनाने के लिए “श्री देवालय संघ” की स्थापना की गई है।
संगठन के उद्देश्य
डॉ वेद प्रकाश गुप्ता ने अपने भाषण में बताया कि समाज में स्पष्ट दिख रहे नैतिक मूल्यों के पतन को रोकने के लिए श्री देवालय संघ की स्थापना की गई l सामाजिक संस्कारों को पुनः जाग्रत करना श्री देवालय संघ की कार्य योजना है। डॉ वेद प्रकाश गुप्ता ने उदाहरण देते हुए बताया कि पुरातन भारतीय समाज में किसी भी आधार पर किसी भी प्रकार का कोई व्यक्तिगत या समूह भेदभाव नहीं था। केवल मानवता और मानवीय योग्यता के आधार पर समाज का संगठन चलता था।
यह तो आक्रांताओं और क्षुद्र आकांक्षाओं की पूर्ति करने वाले कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा भ्रम फैलाकर समाज में विभाजन पैदा कर दिया गया। और उसी के परिणामस्वरूप समाज में नैतिक मूल्यों का ह्रास हुआ और मानवता एवं समाज विरोधी राक्षसी प्रवृत्तियों का फैलाव बढ़ता गया। श्री देवालय संघ का गठन इसी समस्या के निराकरण के लिए किया गया है।
प्रैस कान्फ्रेंस में श्री देवालय संघ के राष्ट्रीय संयोजक श्री नितिन बात्री और श्री देवालय संघ के राष्ट्रीय समन्वयक,(प्रसिद्ध होलिस्टिक चिकित्सा विशेषज्ञ), डॉ धर्मेंद्र कुमार मिश्रा एवं प्रदीप कुमार मिश्रा ( प्रसिद्ध साहित्यकार )एवं अनेक राज्यों से आए संस्कृति रक्षक ने भी संगठन की योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
प्रैस कान्फ्रेंस का संचालन श्री देवालय संघ के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री रजनी कांत तिवारी (नेशनल थॉट्स मीडिया समूह) ने किया। प्रेस वार्ता में आदि अनेकों प्रतिष्ठित मीडिया हाउस के पत्रकार प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।