पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने आनंद विहार के निर्माणधीन फ़्लाइओवर का किया निरीक्षण, निर्माण कार्य में देरी पर अधिकारीयों को लगाईं फटकार

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*पीडब्ल्यूडी मंत्री ने दिया अल्टीमेटम- अप्रैल तक तैयार हो फ्लाईओवर, अगर अब हुई देरी तो नपेंगे अफसर

*ये फ्लाईओवर पूर्वी दिल्ली को ट्रैफिक से निजात दिलाने की दिशा में एक अहम प्रोजेक्ट, इसके निर्माण में आगे कोई भी देरी नहीं की जाएगी बर्दाश्त-पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी

*पीडब्ल्यूडी मंत्री का अधिकारीयों को निर्देश- दोगुनी की जाए श्रमिकों और मशीनों की संख्या, दिन-रात काम करते हुए तेज़ी से किया जाए निर्माण कार्य, हर सप्ताह सौंपी जाये प्रोग्रेस रिपोर्ट

*वर्तमान में रोड स्ट्रेच पर प्लानिंग के साथ बेहतर ढंग से किया जाए ट्रैफिक मैनेजमेंट, आवाजाही करने वालों को न हो परेशानी-पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी

*पीडब्ल्यूडी अधिकारी भविष्य में किसी अन्य प्रोजेक्ट में देरी से बचने के लिए अपने प्लानिंग-मॉनिटरिंग प्रोसेस को बेहतर बनाए-पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी

*आनंद विहार से अप्सरा बॉर्डर के बीच ये 6 लेन का फ्लाईओवर, ट्रांसपोर्ट हब आनंद विहार के ट्रैफिक लोड को कम करेगा

*फ़्लाइओवर बनने के बाद रोड़ स्ट्रेच पर 2 ट्रैफिक सिग्नल होंगे कम, आनंद विहार से सीमापुरी तक की सड़क होगी सिग्नल फ्री

पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने बुधवार सुबह आनंद विहार के निर्माणधीन फ्लाईओवर का निरीक्षण किया| यहाँ निर्माण कार्य में चल रही देरी पर उन्होंने अधिकारीयों को फटकार लगाई और अल्टीमेटम देते हुए कहा कि बचा हुआ अप्रैल तक पूरा किया जाए वर्ना संबंधित अधिकारी अपने ख़िलाफ़ एक्शन के लिए तैयार रहे| उन्होंने कहा कि ये फ्लाईओवर पूर्वी दिल्ली को जाम-मुक्त बनाने की दिशा में एक अहम प्रोजेक्ट है| ऐसे में इसके निर्माण में आगे कोई भी देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी| साथ ही उन्होंने अधिकारीयों को निर्देश दिए कि बचे हुए काम को तेजी के साथ पूरा किया जाये, यहाँ श्रमिकों और मशीनों की संख्या दोगुनी की जाए और दिन-रात काम किया जाए साथ ही उन्हें हर सप्ताह इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपी जाए|

निरीक्षण के दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि, अरविन्द केजरीवाल सरकार में इतने अहम् प्रोजेक्ट्स को लेकर देरी बर्दाश्त नहीं है| फ़्लाइओवर का निर्माण तय समय से पीछे चल रहा है जिसके कारण हर दिन हज़ारों वाहनों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है और लोगों को परेशानी होती है।

उन्होंने अधिकारीयों को निर्देश देते हुए कहा कि आगे फ्लाईओवर निर्माण में कोई भी देरी ये कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी| इसलिए नए निर्धारित टाइमलाइन पर काम पूरा करने के लिए हर जरुरी कदम उठाये जाये और समय रहते काम को पूरा किया जाये| ज़रूरत पड़े तो यहाँ श्रमिकों और मशीनों की संख्या दोगुनी की जाए, दिन रात काम किया जाये पर किसी भी हालत में अप्रैल तक इस फ्लाईओवर को जनता को समर्पित किया जाए|

पीडब्ल्यूडी मंत्री ने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि, अप्रैल तक यदि फ़्लाइओवर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ तो अफ़सर अपने ख़िलाफ़ एक्शन के लिए तैयार रहे।

साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि, वर्तमान में इस रोड स्ट्रेच पर प्लानिंग के साथ बेहतर ढंग से ट्रैफिक मैनेजमेंट किया जाए ताकि यहाँ आवाजाही करने वालों को कोई परेशानी न हो, लोगों को ट्रैफिक में फँसना न पड़े और उनका समय बचे। साथ ही उन्होंने विभाग को अपने प्लानिंग और मॉनिटरिंग प्रोसेस को बेहतर बनाने के निर्देश दिए ताकि भविष्य में किसी भी परियोजना में होने वाली देरी से बचा जा सके।

नए फ्लाईओवरों से जनता को होने वाले लाभ

इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत आनंद विहार आरओबी और अप्सरा बॉर्डर आरओबी के बीच रोड नंबर-56 पर करीब 1440 मीटर लंबा और छह लेन का चौड़ा फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। इसके निर्माण के बाद रामप्रस्थ कॉलोनी, विवेक विहार और श्रेष्ठ विहार रेड लाइट पर लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या से लोगों को मुक्ति मिल जाएगी। इस फ्लाई ओवर से होकर प्रतिदिन औसतन 1.48 लाख वाहन गुजरेंगे। जिन्हें आवागमन में काफी सहूलियत हो जाएगी। इस फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान रैंप, फूटपॉथ, साइनेज, स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज, हॉर्टिकल्चर समेत अन्य कार्य भी किए जाएंगे।

आनंद विहार से अप्सरा बॉर्डर के बीच फ्लाईओवर

-6 लेन के फ्लाईओवर का निर्माण
-आसपास के इलाकों के लोगों को फ्लाईओवर से सीधी कनेक्टिविटी मिले इसके लिए 2 अप-डाउन रैंप का निर्माण
-फ्लाईओवर के साथ ही साइकिल लेन व मल्टी-यूटिलिटी जोन आदि का भी किया जाएगा निर्माण
-फ्लाईओवर का इस्तेमाल करने वाले लोगों को मिलेगा 2 रेडलाइट से निजात

अनुमान है कि इस फ्लाईओवर पर प्रतिदिन करीब 1.48 लाख वाहन गुजरेंगे। एक बार सफर करने पर वाहन चालकों का करीब 11.07 मिनट बचेगा। साथ ही, 42700 घंटे प्रतिदिन मैन पावर की बचत होगी। कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन 1.50 लाख टन कम होगा। सालाना 16.57 लाख लीटर ईंधन की बचत होगी और प्रति वर्ष लोगों के 144.78 करोड़ रुपए की बचत होगी।

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