दिल्ली विश्वविद्यालय ईसी की 1268 वीं बैठक आयोजित

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*12 कॉलेजों को लेकर कुलपति ने गठित की ईसी की कमेटी, 15 दिन में सौंपेगी रिपोर्ट  

*वीपीसीआई को ढाका में 12.76 एकड़ भूमि आवंटित करने को भी मिली मंजूरी

दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद (ईसी) की 1268 वीं बैठक का आयोजन शुक्रवार, 15 दिसंबर को डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में हुआ। विश्वविद्यालय के कान्वेंशन हाल में आयोजित इस बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई और उन्हें पारित किया गया। दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों को लेकर दिल्ली की शिक्षा मंत्री द्वारा केंद्र सरकार को लिखे पत्र पर जीरो आवर के दौरान गहन विचार विमर्श हुआ। कुलपति द्वारा इस मुद्दे पर एक ईसी कमेटी के गठन का सुझाव दिया गया जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। कुलपति ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसलिए इस मामले को गंभीरता से देखने की जरूरत है। उन्होने कहा कि यह कमेटी कल से ही काम शुरू करेगी और 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उसके पश्चात रिपोर्ट को भारत सरकार और दिल्ली सरकार को भेजा जाएगा। पटेल चेस्ट हस्पताल को मल्टी स्पेसलिटी हस्पताल बनाने के लिए ढाका में 12.76 एकड़ भूमि आवंटित करने को भी ईसी में मंजूरी प्रदान की गई।

बैठक के आरंभ में डीयू रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता ने पिछली ईसी बैठक के मिनट्स और एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत की। ज़ीरो आवर के दौरान ईसी सदस्यों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की गई। ईसी के एजेंडे पर चर्चा के दौरान गत 30 नवम्बर को आयोजित हुई विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद (एसी) की 1016 वीं बैठक में की गई सिफारिशों पर विचार किया गया। इसके तहत विभिन्न विभागों के कुछ सिलेबसों को भी मौजूदा सीबीसीएस/एलओसीएफ आधारित पाठ्यक्रम/परीक्षा योजनाओं को यूजीसीएफ़-2022 के अनुसार पाठ्यक्रम/परीक्षा योजनाओं में परिवर्तित करने को स्वीकृति प्रदान की गई। एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों (आईटीईपी) के लिए पाठ्यक्रम संरचना तथा सेमेस्टर 1 और 2 में प्रस्तुत किए जाने वाले कोर्सों के पाठ्यक्रम के संबंध में फेकल्टी ऑफ एजुकेशन की सिफारिशों को स्वीकार किया गया।

फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए ‘डिपार्टमेंट ऑफ एडल्ट कंटीन्यूइंग एजुकेशन एंड एक्सटेंशन’ के नाम में मामूली संशोधन करते हुए इसे ‘डिपार्टमेंट ऑफ कंटीन्यूइंग एजुकेशन एंड एक्सटेंशन’ करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। तीन मुख्य विषयों में से एक के रूप में कंप्यूटर विज्ञान के साथ बी.एससी. भौतिक विज्ञान; तीन मुख्य विषयों में से एक के रूप में कंप्यूटर विज्ञान के साथ बी.एससी. एप्लाइड साइंस तथा तीन मुख्य विषयों में से एक के रूप में कंप्यूटर विज्ञान के साथ बी.एससी. गणितीय विज्ञान विषयों को भी “बी.एससी.विद कंप्यूटर साइंस” कोर्सों का पर्याय घोषित करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

विद्यार्थियों द्वारा एक समय में दो शैक्षणिक डिग्रियाँ करने को भी ईसी द्वारा मंजूरी प्रदान की गई। इसके तहत विद्यार्थी एक कोर्स नियमित और दूसरा कोर्स मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) मोड में कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त दिल्ली विश्वविद्यालय के विभागों/केंद्रों के शिक्षकों के लिए पदोन्नति दिशानिर्देशों के संबंध में अकादमिक काउंसिल की सिफारिशों को भी ईसी द्वारा स्वीकार कर लिया गया।

वीपीसीआई बनेगा मल्टी स्पेसलिटी हस्पताल

वीपीसीआई को मल्टी स्पेसलिटी हस्पताल बनाने का रास्ता भी ईसी से पास हो गया। वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट (वीपीसीआई) के विस्तार एवं अपग्रेड करने हेतु विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव को भी बैठक में पारित कर दिया गया। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि वीपीसीआई के विस्तार और अपग्रेड करने की महती आवश्यकता है ताकि एक ही छत के नीचे पल्मोनरी रोगों सहित गंभीर बीमारियों के लिए भी उपचार प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि वीपीसीआई के विस्तार और अपग्रेडेशन से पल्मोनरी रोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण नैदानिक और अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करने में काफी मदद मिलेगी। कुलपति ने बताया कि इस मामले पर काफी विस्तार से चर्चा हुई है और इस संबंध में वीपीसीआई के संकाय सदस्यों के विचार और बाहरी विशेषज्ञों के सुझाव प्राप्त करने के लिए कई बैठकें भी की गईं। उसके पश्चात ही मसौदा प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके बाद एक समिति का गठन किया गया था। दिल्ली विश्वविद्यालय के पास मुखर्जी नगर के निकट ढाका में 12.76 एकड़ खाली भूमि उपलब्ध है। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद बैठक में यह यह निर्णय लिया गया कि उक्त भूमि का आवंटन वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट (वीपीसीआई) को किया जाए।

इसके साथ ही यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के भवन एवं अस्पताल के निर्माण हेतु भूमि आवंटन पर भी विचार किया गया। बैठक में बताया गया कि कॉलेज भवन और अस्पताल के निर्माण की आवश्यकता इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए महसूस की गई है कि पांच दशकों से अधिक के अस्तित्व के बावजूदइसे अब तक अपनी जमीन और भवन नहीं मिल सका है। यही नहीं, जीटीबी अस्पताल परिसर में सीमित जगह कॉलेज के महत्वाकांक्षी विस्तार में बाधा बन रही हैजिससे कॉलेज को उत्कृष्टता के अगले स्तर तक ले जाने में बाधा आ रही है। सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के साथ कॉलेज और अस्पताल भवन के निर्माण के लिए 40-50 एकड़ जमीन आवंटित करने के लिए कॉलेज से अनुरोध प्राप्त हुआ है।

डीएम (पल्मोनरी मेडिसिन) और एम.एस.सी. मनोरोग (मेंटल हेल्थ) नर्सिंग कोर्स होंगे शुरू

कुलपति द्वारा गठित निरीक्षण समिति की सिफारिशों के अनुसार मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सरकार भारत/राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा अनुमोदन के अधीन, प्रति वर्ष 2 (दो) सीटों के साथ डीएम (पल्मोनरी मेडिसिन) कोर्सों को शुरू करने के लिए भी डीयू ईसी की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही डीन, फैकल्टी ऑफ साइंस को मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएचबीएएस) में शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से 20 सीटों के इनटेक के साथ एम.एस.सी. साइकियाट्रिक (मेंटल हेल्थ) नर्सिंग कोर्स प्रारंभ करने के निर्णय को भी स्वीकृति प्रदान की गई। आईएचबीएएस के मनोचिकित्सा विभाग में प्रति वर्ष दो (02) सीटों के साथ वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम में डीएम शुरू करने के लिए कुलपति द्वारा गठित निरीक्षण समिति की सिफारिश पर निर्णय लिया गया। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से आगे, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सरकार द्वारा अनुमोदन के अधीन। भारत/राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, स्वीकार किया जाए। आईएचबीएएस के मनोचिकित्सा विभाग में ही शैक्षणिक सत्र 2023-24 से प्रति वर्ष दो (02) सीटों के साथ डीएम इन जेनेरिक मेंटल हेल्थ कोर्स शुरू करने के लिए भी (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सरकार/ /राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा अनुमोदन के अधीन) स्वीकृति प्रदान की गई।

डीयू में 6134 शिक्षकों की हुई प्रमोशन और 3577 की हुई नियुक्तियां

कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बैठक के आरंभ में विश्वविद्यालय से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करते हुए बताया कि अब तक विश्वविद्यायल द्वारा कॉलेजों और विभागों में कुल 6134 प्रमोशन हुए हैं। इनमें 3914 आसिस्टेंट प्रोफेसर, 1435 एसोसिएट प्रोफेसर, 698 प्रोफेसर और 87 सीनियर प्रोफेसर शामिल हैं। शिक्षकों की नियुक्तियों संबंधी आंकड़े सांझा करते हुए कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यायल द्वारा कॉलेजों और विभागों में कुल 3577 नियुक्तियां की जा चुकी हैं। इन नियुक्तियों में 3510 आसिस्टेंट प्रोफेसर, 44 एसोसिएट प्रोफेसर, 7 प्रोफेसर और 16  प्रिंसिपल/डायरेक्टर शामिल हैं। डीयू में नव निर्माणों को लेकर कुलपति ने जानकारी देते हुए बताया कि इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस की इमारत का निर्माण कार्य 330 करोड़ रुपए से शुरू हो गया है इसमें वन विभाग से मंजूरी मिलने का इंतजार है और इसके मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस के हॉस्टल के लिए 289.61 करोड़ की लागत से कार्य जनवरी 2024 में शुरू हो जाएगा।

क्यूएस रैंकिंग में 381-400 रैंक से 220वें स्थान पर पहुंचा डीयू: कुलपति 

डीयू कुलपति ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: स्थिरता 2024 में दिल्ली विश्वविद्यालय के भारत में पहले स्थान पर आने पर सभी को बधाई दी। उन्होंने ईसी को बताया कि क्वाक्यूरेली साइमंड्स (क्यूएस) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: सस्टेनेबिलिटी 2024 में भारत से आईआईटी सहित कुल 56 संस्थानों में दिल्ली विश्वविद्यालय को भारत में पहला स्थान मिला है। उन्होंने बताया कि विश्व स्तर पर 1,403 संस्थानों में से डीयू को 220वां स्थान पर आया है, जबकि पिछले वर्ष इस सूची में डीयू 381-400 रैंक पर था। प्रो. योगेश सिंह ने इस वर्ष में हुई डीयू के वैधानिक निकायों की बैठकों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी 2023 से आज तक कार्यकारी परिषद की 5, अकादमिक परिषद की 4, यूनिवर्सिटी कोर्ट की एक वित्त समिति की 2 बैठकें आयोजित हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि अब तक दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ 33 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। 

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