*मणिपुर के लोगों ने राहुल गांधी से कहा कि मणिपुर में एक संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह और सशक्त शासन की जरूरत है
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दूसरे दिन कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा पर चुप्पी के लिए प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया है। सोमवार को मणिपुर में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश और एनएसयूआई प्रभारी कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए मणिपुर हिंसा को भाजपा-आरएसएस की समाज को बांटने की राजनीति का नतीजा बताया।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर में जो सामाजिक सद्भावना थी, वह पिछले साल तीन मई से बिगड़ गई है। लाखों लोग, परिवार विस्थापित हो चुके हैं। 300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। भाजपा सरकार पर व्यंग्य कसते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर एकमात्र राज्य है, जिसके दो मंत्री पिछले आठ महीने से लापता हैं, जो केवल ऑनलाइन काम कर रहे हैं। यह कमाल का मंत्रिमंडल है। ये ऐसा मंत्रिमंडल है, जिसके मुख्यमंत्री आज तक प्रधानमंत्री मोदी से मिल नहीं पाए हैं। मणिपुर की राजनीतिक पार्टियां आठ महीने से लगातार मांग कर रही हैं कि वह प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं। उनको अभी तक बैठक का मौका नहीं मिला है। प्रधानमंत्री ने कोई सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई है।
जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई। अविश्वास प्रस्ताव का एक मात्र उद्देश्य था कि पीएम मोदी मणिपुर पर अपनी चुप्पी तोड़ें। लेकिन प्रधानमंत्री जी ने 123 मिनट का भाषण दिया, मगर मणिपुर पर सिर्फ साढ़े तीन मिनट ही बोले। उसमें भी कोई बड़ी बात नहीं कही।
‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का जिक्र करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कल और आज विभिन्न नागरिक संस्थाओं से मिले। पहले जब हम मणिपुर आते थे, तो मणिपुरी संस्थाओं से मिलते थे। आज मणिपुर में अलग-अलग समुदाय की संस्थाओं से मिलना पड़ रहा है। सभी लोगों ने राहुल गांधी से कहा है कि मणिपुर में एक संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह और सशक्त शासन की जरूरत है। मणिपुर के राहत शिविरों में रहने वाले लोगों ने भी राहुल गांधी से कहा कि जैसा हमसे वादा किया गया था, वैसी राहत हमें नहीं मिली है। उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर की पीड़ा और संकट, पूरे देश का संकट है। भाजपा-आरएसएस की समाज को बांटने की राजनीति का नतीजा ही मणिपुर की हिंसा है।
वहीं कन्हैया कुमार ने कहा कि जब देश में अन्याय की आंधी बह रही है, तब न्याय के लिए राहुल गांधी लड़ाई लड़ रहे हैं। यही इस यात्रा का मूल भाव है। यह यात्रा मणिपुर से इसलिए शुरू की गई, क्योंकि मणिपुर में आठ महीने से हिंसा जारी है, फिर भी प्रधानमंत्री मोदी यहां नहीं आए, लेकिन राहुल गांधी मणिपुर आए। जब देश में अन्याय हो रहा है, ऐसे में राहुल गांधी न्याय की मुखर आवाज बनकर संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस देश के नौजवानों, किसानों और पूरी आवाम से आग्रह करती है कि वह भी न्याय योद्धा बनकर इस न्याय यात्रा में शामिल हों।