*राहुल गांधी बोले- हिंसा, नफरत और अन्याय है भाजपा का मॉडल
*22 जनवरी का कार्यक्रम एक राजनीतिक कार्यक्रम बन गया है
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का मंगलवार को नागालैंड में जोरदार स्वागत हुआ। मंगलवार सुबह नागालैंड की राजधानी कोहिमा के पास से शुरू हुई राहुल गांधी की यात्रा को अपार जनसमर्थन देखने को मिला। जगह-जगह सड़क किनारे हजारों लोग राहुल गांधी की एक झलक देखने को उमड़ पड़े। राहुल गांधी ने भी बस से उतरकर लोगों के साथ बातचीत की और पैदल चले।
राहुल गांधी कोहिमा वॉर सिमेट्री भी पहुंचे और उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था। राहुल गांधी एक खेल स्टेडियम में भी रुके, जहां कोहिमा ग्राम खेल संघ द्वारा खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। राहुल गांधी को अपने बीच पाकर खिलाडी व दर्शक भी काफी खुश नज़र आए।
मंगलवार दोपहर को राहुल गांधी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ऐतिहासिक यात्रा रही थी। लोगों ने कहा कि जब कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा की है तो पश्चिम से पूरब या पूरब से पश्चिम भी यात्रा करनी चाहिए। इसके बाद कांग्रेस ने तय किया कि पूरब से पश्चिम तक की यात्रा की जाएगी।
राहुल गांधी ने कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का लक्ष्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का है। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ विचारधारा की यात्रा है। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ मणिपुर से शुरू की गई है, क्योंकि मणिपुर के साथ बहुत अन्याय हुआ है। ये पहली बार है जब हिंदुस्तान के एक राज्य में महीनों से हिंसा जारी है, लेकिन प्रधानमंत्री वहां गए तक नहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने नागालैंड से भी वादा किया था, जो पूरा नहीं किया गया।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस नफरत और बंटा हुआ हिंदुस्तान नहीं चाहती है। कांग्रेस मोहब्बत और भाईचारे का हिंदुस्तान चाहती है। भाजपा का जो हिंसा और नफरत का मॉडल है, वो अन्याय का भी मॉडल है। भाजपा के इस मॉडल में दो-तीन बड़े उद्योगपतियों को सारा धन मिल जाता है और ओबीसी, दलित एवं वंचित वर्ग को उनकी भागीदारी नहीं मिलती। जिस प्रकार देश में अन्याय हो रहा है, उससे हिंसा और नफरत बढ़ रही है। भाजपा और आरएसएस का लक्ष्य चुनिंदा लोगों को हिंदुस्तान का पूरा धन देने का है। यही बात हम जनता के सामने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में रखेंगे।
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि 22 जनवरी का कार्यक्रम एक राजनीतिक कार्यक्रम बन गया है। हिंदू धर्म के जो ध्वजवाहक हैं, उन्होंने कहा है कि वो इस कार्यक्रम में नहीं जा पाएंगे। ये एक राजनीतिक कार्यक्रम बन गया है। भाजपा-आरएसएस ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को चुनावी और राजनीतिक फ्लेवर दे दिया है, इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष ने वहां जाने से इनकार किया। जहां तक धर्म की बात है, कांग्रेस सभी धर्मों के साथ है। कांग्रेस पार्टी से जो भी जाना चाहे, वो जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि जो सचमुच धर्म को मानते हैं, वो धर्म के साथ व्यक्तिगत रिश्ता रखते हैं। वे अपने जीवन में धर्म का प्रयोग करते हैं। जो धर्म के साथ सार्वजनिक रिश्ता रखते हैं, वो धर्म का फायदा उठाने का प्रयास करते हैं। मैं अपने धर्म का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करता हूं, मैं अपने धर्म के सिद्धांतों पर जिंदगी जीने की कोशिश करता हूं। इसलिए मैं लोगों की इज्जत करता हूं, अहंकार से नहीं बोलता, नफरत नहीं फैलाता। यही मेरे लिए हिंदू धर्म है।