दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म द्वारा आयोजित कार्यशाला में मीडिया, राजनीति और कानूनी प्रणाली पर हुई चर्चा

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मीडिया, राजनीति और कानूनी प्रणाली के विषय पर दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म (डीयू) के मानक निदेशक प्रोफेसर जेपी दुबे के मार्गदर्शन में कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में फैकल्टी ऑफ़ लॉ, (यूनिवर्सिटी ऑफ़ दिल्ली) की सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर व अकादमिक परिषद सदस्य डॉ. सीमा सिंह विशिष्ट वक्ता रहीं। कार्यशाला का मुख्य केंद्र छात्रों को भारत में मीडिया, राजनीति और कानूनी प्रणाली के मुख्य तत्वों को समझाने की तरफ रहा।

डॉ. सीमा सिंह ने मीडिया और राजनीति के साथ जुड़े विधिक पहलुओं की विस्तृत परिप्रेक्ष्य प्रदान की और समृद्धि भरी चर्चा की। मीडिया की भूमिका व उसके बदलते रूप व लोकतंत्र में उसके कर्तव्य के बारे में बताया। उन्होंने आज के समय में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म द्वारा मंच प्रदान करता है जहाँ हर व्यक्ति अपने विचारों को व्यक्त कर सकता है।

वहीं पत्रकार की जिम्मेदारियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि एक पत्रकार के लिए जरूरी है कि वह सही जानकारी लोगों तक पहुंचाए। ज्ञान के महत्व पर जोर देते हुए और स्वामी विवेकानन्द को उद्धृत करते हुए कहा, “ज्ञान ही शक्ति है।” डॉ. सिंह ने सूचना के निष्पक्ष प्रसार की वकालत करते हुए नागरिकों तक सही सूचना पहुँचने के अधिकार व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जोर दिया।

कार्यशाला में अनुचित टीआरपी कल्चर और सनसनीखेज के हानिकारक प्रभाव, मीडिया और सरकार के बीच चल रहे संघर्ष और लोकतंत्र में सूचित नागरिकों के महत्व जैसे कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया गया। मीडिया द्वारा संप्रभुता को खतरे, मीडिया ट्रायल और आरुषि तलवार हत्याकांड जैसे उल्लेखनीय मामलों के साथ-साथ मीडिया द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन के आसपास के नैतिक विचारों पर भी प्रकाश डाला। कार्यशाला का निष्कर्ष छात्रों के सवालों के जवाब के साथ हुआ। कार्यशाला के संयोजक कमल बेनीवाल रहे व ईसीए प्रमुख मिथिलेश पांडे, डॉ. पूर्णिमा आदि संकाय सदस्य कार्यशाला में उपस्थित रहें।

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