*नया भारत अपनी गलतियों को दोहराने वाला भारत नहीं: प्रो. योगेश सिंह
*विकसित भारत के लिए चाहियें एक-एक ट्रिलियन डॉलर के 100 ब्रांड: प्रो. योगेश सिंह
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के लिए विश्व स्तरीय कंपनियाँ खड़ी करनी होंगी। एक-एक ट्रिलियन डालर के कम से कम 100 ब्रांड भारत से होने चाहियें। प्रो. योगेश सिंह ‘विकसित भारत @2047’ अभियान के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय की मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति द्वारा छत्रपति शिवाजी जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ‘संकल्प : विकसित भारत@2047’ विषयक कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि नए भारत की बदलती तस्वीर हमारे सामने है। नया भारत अपनी गलतियां दोहराने वाला भारत नहीं है।
कुलपति ने विकसित भारत के लिए विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि विकसित राष्ट्र बनने के लिए हमें दूसरे देशों का अनुसरण करने की नहीं अपितु अपने मॉडल बनाने की जरूरत है। क्योंकि अलग-अलग देशों की भौतिक और भौगोलिक परिस्थितियाँ अलग-अलग होती हैं। कुलपति ने छत्रपति शिवाजी के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके अनेकों योगदान भारत के लिए रहे हैं, लेकिन अगर एक अद्वितीय योगदान की बात करें तो वहां की युद्ध नीति है। शिवाजी ने पृथ्वीराज चौहान की माफ करने की गलती को नहीं दोहराया।
प्रो. योगेश सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था का ऐतिहासिक विश्लेषण करते हुए कहा कि हमें आर्थिक विकास के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाने की जरूरत है। विकसित भारत बनाने के लिए सेवा एवं विनिर्माण क्षेत्र में तेज़ी लाने की आवश्यक है। कुलपति ने कहा कि आज भारत लगभग सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है और नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, अध्यात्म, संस्कृति, खाद्य, महिला सशक्तिकरण आदि सभी क्षेत्रों में भारत नई ऊँचाइयाँ हासिल कर रहा है। प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्र में भारत लीडर बनने की क्षमता रखता है। कुलपति ने कहा कि हमें शोध में आमूल परिवर्तन लाने की जरूरत है। शिक्षा में निवेश अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने में सहायक सिद्ध होगा। हमें लीडरशिप के क्षेत्र में काम करने की जरूरत है और दिल्ली विश्वविद्यालय इसमें अपना अहम योगदान दे सकता है।
कार्यक्रम के आरंभ में मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष प्रो. निरंजन कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न ‘विकसित भारत@2047’ अभियान को लेकर अत्यंत सजग है। भविष्य का भारत केवल आर्थिक नहीं बल्कि नैतिक, चारित्रिक और आध्यात्मिक विकास पर आधारित होगा। कार्यक्रम के समापन पर आर्यभट्ट कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. मनोज सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शोभना सिन्हा ने किया। इस अवसर पर डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पाणी, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, प्रॉक्टर प्रो. रजनी अब्बी, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता और मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष प्रो. निरंजन कुमार सहित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी उच्च पदाधिकारियों सहित डीन, विभागाध्यक्ष, प्राचार्य, संकाय सदस्य, शिक्षक, शोधार्थी, छात्र और समाज के अन्य लोग उपस्थित रहे।