गुड फ्राइडे के दिन रिलीज हो रही फिल्म ‘क्रू’ हिंदी सिनेमा में उस नई स्थापना पर जोर देती फिल्म है जिसके लिए हिंदी सिनेमा की नायिकाएं बीते एक दशक या उससे भी ज्यादा समय से एड़ी चोटी का जोर लगाती रही हैं, और वह है नायकों से समानता। तो हिंदी सिनेमा की ‘धमाल’, ‘गोलमाल’, ‘हाउसफुल’ और ‘वेलकम’ जैसी हीरो प्रधान कॉमेडी फ्रेंचाइजी फिल्मों से मुकाबला करने निकली है एकता कपूर और अनिल कपूर की कंपनियों की मिलीजुली कोशिश, फिल्म ‘क्रू’। क्रू यानी हवाई जहाज में काम करने वाले कर्मचारियों का दस्ता। कहानी तीन विमान परिचारिकाओं (एयर होस्टेस) की है। तीनों गरीब हैं। तीनों की अपनी अपनी परेशानियां हैं। तीनों देश की बदलती आर्थिक हालत से दुखी हैं और तीनों के अपराध फिल्म में यूं दिखाए जाते हैं कि जो भी वह कर रही हैं, वह ठीक है। यही निर्देशक राजेश ए कृष्णन के सिनेमा का डीएनए है। कुणाल खेमू अभिनीत ओटीटी फिल्म ‘लूटकेस’ याद है न? राजेश की ‘लूटकेस’ के बाद ये दूसरी फिल्म है और सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली पहली।
फिल्म की स्टोरी तब्बू, करीना कपूर और कृति सेनन की है. तीनों एयर होस्टेस हैं और जिंदगी में अपनी-अपनी समस्याओं से उलझ रही हैं. अब काम भी ऐसी एयरलाइन में करती हैं जो दिवालिया होने की कगार पर है. सैलरी का कोई अता-पता है नहीं. फिर एक दिन उनके सामने एक ऐसा मौका आता है जिसमें उन्हें कुछ गलत तो करना है लेकिन जिंदगी बदल सकती है. यह फैसला क्या है और ये एयर होस्टेस अपनी जिंदगी में ढेर सारी समस्याओं को कैसे बुला लेती हैं यह तो आप फिल्म देखकर ही जान सकेंगे. लेकिन इतना बता देते हैं कि पहले हाफ में तो सब ठीक-ठाक चलता रहा. लेकिन दूसरे हाफ में डायरेक्टर ने अपने रंग दिखा ही दिए. दूसरे हाफ में फिल्म उनके हाथ से निकल जाती है. ना तो यह समझ आता है कि कहानी का अंत क्या करना है और ना ही कुछ बातों को स्थापित ही कर पाते हैं. कुल मिलाकर फिल्म क्या-क्या मोड़ नहीं लेती है, यही बाकी रह जाता है, बाकी सब तो डायरेक्टर करके ही मानते हैं.
राजेश कृष्णन की फिल्मों में कभी भी किसी को कुछ भी मिल जाता है. कभी किसी को नोटों से भरा बैग मिल जाता है तो कभी एयर होस्टेस को सोने के बिस्कुट. फिर वह ड्रामा बुनने की कोशिश करते हैं. लेकिन वह भी बाकी डायरेक्टर्स की तरह चीजों को संभाल नहीं पाते हैं, और अपनी कनविनियंस से फिल्म को कहीं भी पहुंचा देते हैं. फिर हर बार वही फंडा लाना ठीक भी नहीं रहता. बात चाहे लूटकेस की हो या फिर क्रू की. दूसरे हाफ में फिल्म को जल्द से जल्द निबटाने के लिए वह जो कर सकते हैं, करते हैं. वह यह बात भूल जाते हैं कि अगर फिल्म को क्रिस्प रखना है तो इसका मतलब कहानी के परखच्चे उड़ाना नहीं है. बल्कि उसमें बताए गए बिंदुओं को सिलसिलेवार तरीके से पेश करना है ना कि अपने हिसाब से गढ़ना.
क्रू में एक्टिंग की बात करें तो करीना कपूर खान, तब्बू और कृति सेनन ने ठीक-ठाक काम किया है. कुछ भी ऐसा नहीं है कि यादगार रह सके. कई सीन्स में तीनों ही एक्ट्रेस एक्टिंग के मामले में थोड़ा लाउड हो गई हैं. कुल मिलाकर तीनों ही एक्ट्रेस ने एवरेज काम किया है. कपिल शर्मा और दिलजीत दोसांझ भी ठीक हैं जितना काम मिला है कर लिया है.
फिल्म की रेटिंग की बात करें तो हम इसे 5 में से 3.5 स्टार देंगे। ब्यूरो रिपोर्ट एंटरटेनमेंट डेस्क टोटल खबरे,मुंबई