दिल्ली में नाला सफाई में सैकड़ों करोड़ रूपयों का घोटाला हुआ है जिसमें दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, ठेकेदार और निचले स्तर के कुछ अधिकारी भी सभी संलिप्त हैं और इसकी सी.बी.आई. जांच आवश्यक है, इस भ्रष्टाचार की परिनिति राजेन्द्र नगर हादसे के रूप में देखी है – वीरेन्द्र सचदेवा

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*सिचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं दिल्ली जल बोर्ड जो बड़े नालों एवं सीवर की सफाई का काम देखते हैं उनकी एक ट्रक भी नाला गाद सिंघोला खामपुर या अन्य किसी कूड़ा लैंडफिल साइट पर नहीं डाली गई है जो साफ करता है कि नालां एवं सीवर की सफाई हो ही नहीं रही है – वीरेन्द्र सचदेवा

*दिल्ली में 2022 में सिचाई विभाग ने 3 लाख मेट्रिक टन, लोक निर्माण विभाग ने 2 लाख मेट्रिक टन, तीनों दिल्ली नगर निगम ने 2 लाख मेट्रिक टन, दिल्ली जल बोर्ड ने 40 हजार मेट्रिक टन गाद निकाली थी, इस अंदाज से 2024 में 8 से 9 लाख मेट्रिक टन गाद निकाली गई होगी – सवाल उठता है कि गाद निकाली तो यह 9 लाख मेट्रिक टन गाद गई कहां और या गाद निकाली ही नहीं गई – वीरेन्द्र सचदेवा

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज एक पत्रकार वार्ता में कहा कि गत दो-तीन सालों में दिल्ली की सीवर व्यवस्था एवं बरसाती पानी की निकासी पूरी तरह चरमरा गई है, हलकी सी बारिस आने पर भी दिल्ली की सड़कें जलमग्न हो जाती हैं।

पत्रकार वार्ता का संचालन मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने वरिष्ठ निगम पार्षद संदीप कपूर की उपस्थिति में किया और कहा की केजरीवाल सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त है और आज यह कहना अतिशयोक्ति ना होगा की केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं लांघ दी हैं और आज सामने आया सिल्ट सफाई घोटाला केजरीवाल सरकार के ताबूत की antim कील साबित होगा.

सचदेवा ने कहा ki दिल्ली में 1998 के बाद से भारतीय जनता पार्टी का शासन नहीं रहा है पर समय-समय पर दिल्ली नगर निगम के माध्यम से हम लोक सेवा में समर्पित रहे और छोटे नालों और कालोनियों की नालियों की सफाई हमारे कार्यकाल में पूरी निष्ठा से की जाती थी पर गत दो वर्षों में हमने देखा कि मुख्य मार्ग हो या कालोनियों की गलियां सभी में एक बराबर जल भराव की स्थिति देखी जा रही है।

हमनें इस कार्य के अध्ययन के लिये विधायक श्री मोहन सिंह बिष्ट, दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह, वरिष्ठ निगम पार्षद श्री संदीप कपूर एवं प्रदेश मीडिया प्रमुख श्री प्रवीण शंकर कपूर की एक आंतरिक कमेटी का गठन किया जिसको अचानक गत दो वर्ष से बढ़े जल भराव के कारणों की जांच का काम सौंपा गया।

सचदेवा ने कहा कि हमारी आंतरिक कमेटी 20 जून, 2024 के आसपास ही हमें सचेत किया था कि दिल्ली के नालों एवं नालियों की डी-सिल्टिंग का काम न तो दिल्ली सरकार का कोई संबंधित विभाग कर रहा है और न ही दिल्ली नगर निगम कर रहा है।

हमनें पत्रकार सम्मेलन के माध्यम से दिल्ली सरकार को चेताया था कि मानसून की कोई तैयारी नहीं पर सरकार के कान पर जू नहीं रेंगी है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 28 जून, 2024 को आई पहली मानसून बरसात ने ही दिल्ली सरकार के झूठे दावों की पोल खोल दी और 28 जून, 2024 को जो बरसार से जल भराव का सिलसिला शुरू हुआ है तो स्थिति यह है कि 10 मिनट की बारिस भी आ जाये तो आई.टी.ओ. जैसे प्रमुख चौराहे भी जलमग्न हो जाते हैं।

सचदेवा ने कहा कि भाजपा की नालों की सफाई की जांच के लिये बनाई आंतरिक कमेटी अपना काम करती रही और आज जो तथ्य हम आपके समक्ष रख रहे हैं वह पुष्टि करते हैं कि दिल्ली में इस वर्ष नालों और नालियों की सफाई पर कोई काम नहीं किया गया है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि दिल्ली में दिल्ली सरकार का सिचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड एवं दिल्ली नगर निगम यह चार संस्थान नालों और सीवर की सफाई कर सिल्ट निकालने का काम करते हैं पर सिचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं दिल्ली जल बोर्ड जो बड़े नालों एवं सीवर की सफाई का काम देखते हैं उनकी एक ट्रक भी नाला गाद सिंघोला खामपुर या अन्य किसी कूड़ा लैंडफिल साइट पर नहीं डाली गई है जो साफ करता है कि नालां एवं सीवर की सफाई हो ही नहीं रही है।

सचदेवा ने कहा है कि हमारी जांच में पता लगा है कि दिल्ली में नालों की सिल्ट निकालकर डालने के लिये नरेला में सिंघोला खामपुर एक तय स्थान है पर 2023-2024 और अब 2024-2025 से दिल्ली सरकार के उपरोक्त तीनों विभाग हों या दिल्ली नगर निगम चारों का एक ट्रक भी वहां नहीं पहुंच रहा है। वर्तमान स्थिती यह है की सिंघोला साईट लगभग बंद है।

दिल्ली नगर निगम ने जो कुछ आंतरिक नालियों की सफाई की है उसके कुछ सौ ट्रक भलस्वा लैंडफिल साइट पर जरूर गये हैं।

दिल्ली में 2021-2022 के आंकड़ों के अनुसार सिचाई विभाग ने 3 लाख मेट्रिक टन, लोक निर्माण विभाग ने 2 लाख मेट्रिक टन, तीनों दिल्ली नगर निगम ने लगभग 2 लाख मेट्रिक टन, दिल्ली जल बोर्ड ने 40 हजार मेट्रिक टन गाद निकाली थी, इस अंदाज से चलें तो 2024 में कम से कम 8 से 9 लाख मेट्रिक टन गाद निकाली गई होगी – सवाल यह उठता है कि यदि सभी विभागों ने गाद निकाली तो यह 9 लाख मेट्रिक टन गाद गई कहां और या फिर इस वर्ष दिल्ली में नालों की सफाई नहीं हुई और गाद निकाली ही नहीं गई।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि यह साफ है कि दिल्ली में नाला सफाई में सैकड़ों करोड़ रूपयों का घोटाला हुआ है जिसमें दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, ठेकेदार और निचले स्तर के कुछ अधिकारी भी सभी संलिप्त हैं और इसकी सी.बी.आई. जांच आवश्यक है। इस भ्रष्टाचार की परिनिति राजेन्द्र नगर हादसे के रूप में देखी है।

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