*कुलपति ने दिया प्रमोशन के सभी लंबित मामलों का 28 फरवरी तक निपटान करने का निर्देश
दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक परिषद (एसी) की 1021वीं बैठक का आयोजन कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार, 27 दिसंबर को विश्वविद्यालय के काउंसिल हॉल में किया गया। बैठक के आरम्भ में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अकादमिक परिषद की बैठक के दौरान कुलपति ने सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल/ निदेशकों को निर्देश दिया कि प्रमोशन के सभी मामलों का 28 फरवरी, 2025 तक निपटान करें। हाउस में उपस्थित सभी एसी सदस्यों ने कुलपति के इस निर्णय का स्वागत किया।
बैठक के आरंभ में ज़ीरो ऑवर के दौरान परिषद के सदस्यों ने अनेकों मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की और अपने-अपने विचार एवं सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक के दौरान कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता ने 10 अक्तूबर को हुई एसी की 1020वीं बैठक के मिनट्स पुष्टिकरण के लिए अकादमिक परिषद के समक्ष रखे और बैठकों में लिए गए निर्णयों पर ‘कार्रवाई रिपोर्ट’ प्रस्तुत की।
अकादमिक परिषद में शून्य काल के दौरान एसी सदस्यों द्वारा कॉलेजों में प्रमोशन का मुद्दा उठाने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कुलपति ने प्रिंसिपलों को निर्देश दिया कि प्रमोशन के सभी मामलों को 28 फरवरी, 2025 तक निपटाया जाए। इस संबंध में कॉलेज ब्रांच की ओर से एक पत्र भी जारी कर दिया गया है। इस पत्र के माध्यम से प्रिंसिपलों/ निदेशकों से अनुरोध किया गया है कि वह कॉलेज/संस्थानों में शिक्षण कर्मचारियों की पदोन्नति के सभी लंबित मामलों को संबंधित सीएएस के तहत कॉलेज/संस्थान के आईक्यूएसी के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर शीघ्रता से निपटाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं तथा पूरी प्रक्रिया को 28 फरवरी, 2025 तक अवश्य पूरा करें। हालांकि, यदि कॉलेज/संस्थान 28 फरवरी, 2025 तक पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें उपरोक्त समय सीमा के विस्तार के लिए कुलपति से स्पष्ट अनुमोदन प्राप्त करना होगा।
स्वास्थ्य सुविधाओं के एक प्रश्न पर डीयू दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने बताया कि कुलपति प्रो. योगेश सिंह के निर्देश पर विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए डीयू हेल्थ सेंटर को चार मंजिला बनाने का काम शुरू हो चुका है। वहां पर डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि रेलवे के एक अस्पताल को भी इस शर्त के साथ डीयू से संबंधता दी गई है कि वह डीयू के सभी शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों को रेलवे कर्मचारियों के समान चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा।
आज की बैठक में एजेंडे पर चर्चा करते हुए विभिन्न विभागों/ प्रोग्रामों के पाठ्यक्रम को भी यूजीसीएफ के आधार पर स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही जी.बी. पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पीजी एजुकेशन एंड रिसर्च (जीआईपीएमईआर) में डीएम (न्यूरोएनेस्थीसिया) कोर्स में शैक्षणिक सत्र 2025-2026 से प्रति वर्ष 02 से 04 सीटों तक प्रवेश बढ़ाने के लिए की गई निरीक्षण समिति की सिफारिशों पर विचार के उपरांत उन्हें अनुमोदित कर दिया गया; जो कि वित्त पोषण एजेंसी यानी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार / राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा अनुमति प्रदान करने के अधीन है। इनके अलावा लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) में शैक्षणिक सत्र 2025-2026 से बी.एससी. (मेडिकल टेक्नोलॉजी) रेडियोलॉजी कोर्स में 10 (दस) सीटों के साथ प्रवेश शुरू करने को भी अनुमोदित कर दिया गया, बशर्ते फंडिंग एजेंसी यानी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, नियामक निकाय (परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड) और राष्ट्रीय संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय आयोग (एनसीएएचपी) से अनुमति मिल जाए।
विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर (पीजी) कार्यक्रमों में एनईपी 2020 के कार्यान्वयन को भी एसी ने अनुमोदित कर दिया। इसके तहत एनईपी 2020 के आधार पर “स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम रूपरेखा 2024” (पीजीसीएफ 2024) के मसौदे को भी गहन चर्चा के पश्चात स्वीकृति प्रदान की गई।
हिंदू अध्ययन केंद्र के शासी निकाय द्वारा में हिंदू अध्ययन में पीएचडी शुरू करने के प्रस्ताव की सिफारिशों को शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के बजाय 2025-2026 से स्वीकार कर करते हुए इसका अनुमोदन भी अकादमिक परिषद द्वारा किया गया।
स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में एकल बालिकाओं के लिए अतिरिक्त सीटों के आरक्षण के निर्णय को भी एसी द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। इसके तहत प्रत्येक कार्यक्रम में एक सीट एकल बालिका के लिए अतिरिक्त कोटे के तहत आरक्षित की जाएगी।