- दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दक्षिणी भारत के रहने वाले ये बच्चे बीटेक, मार्केटिंग, इतिहास और सोशल साइंस में पढ़ाई कर रहे हैं – मनीष सिसोदिया
- यह बच्चे चुनावी कैंपेन के दौरान वॉर रूम, बैक रूम, रिसर्च रूम, फील्ड रिसर्च, कैंपेनिंग और लोगों से संवाद करने जैसे काम करेंगे – मनीष सिसोदिया
- मेरे साथ अगले एक-डेढ़ महीने काम करके ये बच्चे चुनावी प्रक्रिया और लोकतंत्र की बातें सीखकर जाएंगे- मनीष सिसोदिया
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और जंगपुरा से प्रत्याशी मनीष सिसोदिया के साथ चुनावी कैंपेन में काम करने के लिए 100 युवा जुड़ गए हैं। यह युवा इंटर्नशिप विद मनीष सिसोदिया के जरिए ऑनलाइन आवेदन किए थे। इन बच्चों से मनीष सिसोदिया ने बात कर जाना कि वे क्या सोचकर उनके साथ जुड़े हैं? मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दक्षिणी भारत के रहने वाले ये बच्चे बीटेक, मार्केटिंग, इतिहास और सोशल साइंस में पढ़ाई कर रहे हैं। यह बच्चे चुनावी कैंपेन के दौरान वॉर रूम, बैक रूम, रिसर्च रूम, फील्ड रिसर्च, कैंपेनिंग और लोगों से संवाद करने जैसे काम करेंगे। मेरे साथ अगले एक-डेढ़ महीने काम करके ये बच्चे चुनावी प्रक्रिया और लोकतंत्र की बातें सीखकर जाएंगे।
आम आदमी के वरिष्ठ नेता और जंगपुरा से प्रत्याशी मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए इंटर्नशिप विद मनीष सिसोदिया नाम से एक प्रोग्राम लॉन्च किया था और लिखा था कि मैं जंगपुरा विधानसभा से चुनाव लड़ने जा रहा हूं। मुझे अच्छा लगेगा कि अगर देश के युवा मेरे साथ आकर काम करें। इसके पीछे मेरा मकसद यह था कि कॉलेज के युवा आएं और चुनावी प्रक्रिया, जो एक लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है, उसका हिस्सा बनें और देखें कि लीडर्स कैसे काम करते हैं, जनता कैसे सोचती है? चुनावी प्रक्रिया में क्या-क्या बाधाएं हैं? दुनिया भर के लोकतंत्र के लिए यह कैसे एक पॉवरफुल टूल है। उसको बहुत नजदीक से मॉनिटर करें, कुछ सीखें और उसमें कुछ अपना सहयोग करें। इसमें सैकड़ों युवाओं ने मेरे साथ काम करने के लिए आवेदन दिया था। इसमें से करीब 100 युवा अब तक हमें ज्वाइन कर चुके हैं और वे मेरे साथ काम करेंगे। आज मैं उनसे बातचीत कर रहा था और समझ रहा था कि वे क्या सोचकर हमारे साथ आए हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि एक सोशल वर्क में मास्टर्स करने वाले बच्चे से लेकर, युवा जो बीटेक कर रहे हैं, टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, मार्केटिंग, इतिहास या राजनीतिक विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं, इन सब बैकग्राउंड के दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दक्षिणी भारत से आने वाले बच्चे मेरे साथ आकर काम कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि ये लोग मेरे साथ अगले एक-डेढ़ महीने में काम करके लीडरशिप स्किल्स भी सीखेंगे। मुझे भी बहुत कुछ सिखाएंगे, मेरे बारे में अच्छी फीडबैक देंगे और सबसे बड़ी बात यह है कि चुनावी प्रक्रिया और डेमोक्रेसी की बातें सीखकर जाएंगे।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये लोग चुनावी कैंपेन में जो भी काम होते हैं, जैसे कि वॉर रूम, बैक रूम, रिसर्च रूम से लेकर फील्ड रिसर्च करना, कैंपेनिंग करना और लोगों से इंटरेक्शन करना। वे इस तरह के हर काम करेंगे। यह एक इंटर्नशिप प्रोग्राम है जो आगे चलकर इनके स्किल्स के लिए काफी काम आएगा। चाहे इनमें से आगे चलकर कुछ लोग पॉलिटिशियन, अधिकारी या उद्यमी बनें, जहां भी लोग लीडरशिप के रोल में रहेंगे, वहां इनको समाज, देश और लोकतंत्र की एक अच्छी समझ काम आएगी।