यूएसएआईडी से भारत को मिल रही राशि को लेकर श्वेत पत्र लाए मोदी सरकार- खेड़ा

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*ट्रंप के बयान से साबित हुआ कि मोदी को यूएसएआईडी के पैसे चुनावों को प्रभावित करने के लिए दिए गए- खेड़ा

*ट्रंप के बयान पर अपना रुख स्पष्ट करें प्रधानमंत्री मोदी- कांग्रेस

कांग्रेस ने यूएसएआईडी से भारत को मिल रही राशि को लेकर श्वेत पत्र लाने की मांग की है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताजा बयान दिया है कि उनके दोस्त नरेंद्र मोदी को 21 मिलियन डॉलर दिए गए हैं। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि क्या शाम पांच बजे के बाद जो मतदान प्रतिशत बढ़ जाता है, क्या वह इसी पैसे से बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी को ट्रंप के इस बयान पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि ये जानकारी दी जाए कि यूएसएआईडी से भारत के किन राजनीतिक दलों, राजनीतिक संगठनों व गैर-सरकारी राजनीतिक संस्थाओं को पैसा मिला और कब-कब मिला। ये भी देश को बताया जाए कि नरेंद्र मोदी ने चुनावों को प्रभावित करने और वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर लिए या नहीं। कांग्रेस पार्टी इस मामले पर श्वेत पत्र की मांग करती है, जिसमें पूरी जानकारी साझा की जाए।

पवन खेड़ा ने कहा कि यूएसएआईडी को लेकर रोज नई-नई बातें सामने आ रही हैं। पहले सामने आया कि यूएसएआईडी का पैसा भारत में चुनावों में इस्तेमाल हो रहा है। इसपर भाजपा ने झूठ फैलाया कि इसका करार 2012 में यूपीए सरकार के दौरान हुआ था। इसके बाद 21 फरवरी को अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि यह पैसा बांग्लादेश में गया है। अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कह दिया कि 21 मिलियन डॉलर उन्होंने अपने दोस्त नरेंद्र मोदी को मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए दिए हैं। लेकिन ट्रंप के इस बयान के बाद चारों तरफ चुप्पी है। इसलिए कांग्रेस नरेंद्र मोदी से जानना चाहती है कि ये 21 मिलियन डॉलर कहां गए। उन्होंने यह भी बताया कि वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक ऐसा कोई फंड भारत में नहीं आया। ऐसे में देश के सामने यह आना आवश्यक है कि अब कौन सच बोल रहा है, कौन झूठ बोल रहा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि विदेशी फंड के बावजूद मोदी सरकार के 400 पार के सीटों के मंसूबे की हवा निकल गई। नरेंद्र मोदी कितना भी विदेशी फंड ले आएं, वो भारत के लोकतंत्र को कमजोर नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि 1960 के दशक से आरएसएस लगातार विदेशों से पैसे लेकर भारत और भारत की सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचता रहा है। सीआईए के एक एजेंट ने अपनी पुस्तक में इसके कई उदाहरण दिए हैं। अब ट्रंप का बयान चिंता बढ़ाने वाला है।

एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए पवन खेड़ा ने बताया कि यूएसएआईडी ने भारत को 2001 से 2024 के बीच 2.9 बिलियन डॉलर दिए हैं। इस राशि का 44.4 प्रतिशत पैसा मोदी सरकार में आया है। साल 2021-2024 के बीच 650 मिलियन डॉलर आया। ये पैसा कहां गया, इसके बारे में श्वेत पत्र लाकर हिसाब देश के सामने रखा जाए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस पहले ही उदाहरण दे चुकी है कि कैसे पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी आपदा की घोषणा से एक महीने पहले यूएसएआईडी ने अक्टूबर 2016 में कैशलेस इंडिया अभियान शुरू किया। इसके अलावा 2021 में 100 मिलियन डॉलर से अधिक की कोविड सहायता राशि प्राप्त करने के लिए मोदी सरकार ने अमेरिकी प्रशासन से कई बार अनुरोध किया था।

पवन खेड़ा ने कहा कि श्वेत पत्र में यह भी बताया जाए कि जब 2012 के दौरान अन्ना हजारे का आंदोलन चरम पर था। उस समय अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल यूपीए की सरकार के खिलाफ आरएसएस के साथ मिलकर साजिश रच रहे थे और नरेंद्र मोदी, आडवाणी के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे, उस वक्त यूएसएआईडी से कितना पैसा आया और किसे गया।

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