*वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिये दिल्ली विश्वविद्यालय का 1664.74 करोड़ का अनुमानित बजट पारित
*विश्वविद्यालय द्वारा की गई विभिन्न गतिविधियों को दर्शाने वाला दस्तावेज है वार्षिक लेखा: प्रो. योगेश सिंह
दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद (ईसी) की 1274 वीं बैठक का आयोजन गुरुवार, 27 फरवरी को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में हुआ। विश्वविद्यालय के कान्वेंशन हाल में आयोजित इस आपातिक बैठक बैठक के दौरान 12 फरवरी, 2025 को आयोजित वित्त समिति बैठक में की गई सिफारिशों पर विचार के उपरांत उन्हें पारित किया गया। बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिये दिल्ली विश्वविद्यालय का 1664.74 करोड़ रुपए का अनुमानित बजट भी पारित किया गया। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1191.33 करोड़ रुपए के संशोधित बजट अनुमान को भी पारित किया गया।
इस अवसर पर डीयू के वित्त अधिकारी गिरीश रंजन ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए महानिदेशक लेखा परीक्षा (केंद्रीय व्यय) के कार्यालय द्वारा जारी पृथक लेखा परीक्षा रिपोर्ट (एसएआर) को ऑडिटिड एनुअल रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत किया जिसे कार्यकारी परिषद ने स्वीकृति प्रदान कर दी। कुलपति ने कहा कि यह रिपोर्ट विश्वविद्यालय के खातों को प्रतिबिंबित करने वाला एक दस्तावेज ही नहीं, बल्कि उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने में विश्वविद्यालय की अकादमिक प्रगति के लिए आवश्यक विभिन्न प्रासंगिक क्षेत्रों में विश्वविद्यालय द्वारा की गई शैक्षणिक गतिविधियों को दर्शवाने वाला दस्तावेज भी है। बैठक के आरंभ में रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता ने गत 17 जनवरी, 2025 को आयोजित कार्यकारी परिषद की 1273 वीं बैठक के मिनट्स और एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत की।
वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिये पारित बजट अनुमान के अनुसार सैलरी हैड में कुल 921.58 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। इसके अनुसार रेगुलर फ़ैकल्टि सैलरी के तहत 310.42 करोड़ और रेगुलर नॉन फ़ैकल्टि सैलरी के लिये 120.93 करोड़ रुपए तथा अन्य विषयों जैसे कि लीव एनकैशमेंट, एलटीसी, चिलड्रन एजुकेशन एलाउंस, मेडिकल रिइमबर्समेंट और अन्य सेवानिवृति लाभ आदि के लिये 109.40 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
इसके अतिरिक्त शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक रिक्त पदों के खर्च को भी बजट में शामिल किया गया है जिसके तहत 380.83 करोड़ रुपए का अनुमान पेश किया गया है। आवर्ती खर्चों के तहत पेंशन एवं पेंशन संबंधी लाभ, नॉन सैलरी आइटम्स, नॉन-नेट फैलोशिप और हायर एजुकेशनल फाइनांसिंग एजेंसी हेतु कुल 683.16 करोड़ रुपए का अनुमान पेश किया गया है। इसके साथ ही बिल्डिंग, पुस्तकें और जर्नल्स, प्रयोगशाला उपकरण, क्लास रूम उपकरण एवं फर्नीचर, कम्प्युटर, परिसर विकास और सीसीटीवी सर्विलांस एवं अन्य पूंजीगत आस्तियों के लिये 60.00 करोड़ रुपए का बजट अनुमान पेश किया गया है।
ऑडिटिड एनुअल रिपोर्ट के अनुसार सहायता अनुदान का विवरण:
ऑडिटिड एनुअल रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय को 2023-24 के दौरान 786.27 करोड़ रुपए (आवर्ती / वेतन अनुदान 768.39 करोड़ रुपए, पूंजी अनुदान 10 करोड़ रुपए और ईडब्ल्यूएस अनुदानः 7.88 करोड़ रुपए) का सहायता अनुदान प्राप्त हुआ। 01 अप्रैल 2023 को इसका अथ शेष रुपए 30.21 करोड़ (ईडब्ल्यूएस अनुदान रुपए 14.71 करोड़ और पूंजी अनुदानः रुपए 15.49 करोड़) था। कुल 816.48 करोड़ रुपए की राशि में से, इसने 784.71 करोड़ रुपए (आवर्ती / वेतन अनुदानः 764.79 करोड़ रुपए, पूंजी अनुदानः 11.80 करोड़ रुपए और ईडब्ल्यूएस अनुदानः 8.12 करोड़ रुपए) का उपयोग किया, जिससे शेष 31.77 करोड़ रुपए (आवर्ती / वेतन अनुदान. 3.60 करोड़ रुपए, पूंजी अनुदानः 13.70 करोड़ रुपए) आवर्ती / वेतन अनुदान (ईडब्ल्यूएस): 14.47 करोड़ रुपए) 31 मार्च 2024 तक शेष रह गए।
विश्वविद्यालय को वर्ष के दौरान अन्य विशिष्ट योजनाओं के तहत 3.48 करोड़ रुपए का सहायता अनुदान भी प्राप्त हुआ और इन योजनाओं के तहत इसके पास 1.64 करोड़ रुपए का अथ शेष था। रुपए 5.12 करोड़ की कुल उपलब्ध निधि में से, इसने 5.42 करोड़ रुपए का उपयोग किया और 31.03.2024 तक शेष (-) 0.30 करोड़ रुपए रह गए।
विश्वविद्यालय के पास 31 मार्च 2023 तक 492.80 करोड़ रुपए का अव्ययित ओबीसी/उत्कृष्टता/योजना अनुदान भी था। वर्ष के दौरान इसने 31 मार्च 2024 तक 493.45 करोड़ रुपए (सहायता अनुदान 139.90 करोड़ रुपए और ब्याज आयः 353.55 करोड़ रुपए) की शेष राशि छोड़कर 0.65 करोड़ रुपए का ब्याज अर्जित