भाजपा और आम आदमी पार्टी की मिलीभगत से दिल्ली की जनता त्रस्त, प्रदूषण के नाम पर हुआ हजारों करोड़ का घोटाला – देवेन्द्र यादव

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*हाल ही में आई कैग रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खुली, लेकिन भाजपा ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया।- देवेन्द्र यादव

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण गंभीर संकट बन चुका है, लेकिन दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण पर भाजपा और आम आदमी पार्टी की नाकामी पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण एक विकराल समस्या बन चुका है लेकिन दोनो पार्टियां इस मुददे पर जिम्मेदारी लेने से बच रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की नेत्री चर्चा से नदारद रहती है और पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली लगातार गायब रहते है। उनकी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में भी वायु प्रदूषण जैसे महत्वपूर्ण विषय को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया था, जो यह दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर पूरी तरह असंवेदनशील है।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने वायु प्रदूषण को लेकर केवल आंशिक रिपोर्ट अर्थात आधी-अधूरी रिपोर्ट पेश की है, जबकि कैग को इस पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए। जनता को यह जानने का हक है कि आखिरकार प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर आवंटित धन कहां गया।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि आज विधानसभा में रखी गई कैग की पिछली रिपोर्ट ’31 मार्च 2021’ तक के मामलों को दर्शाती है, जिसे केजरीवाल सरकार ने रोकने की कोशिश की। अब ’राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) को लेकर भी ’नई कैग रिपोर्ट जारी होनी चाहिए’, ताकि प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर हुए समस्त घोटालों का खुलासा हो सके।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने वादा किया था कि दिल्ली का प्रदूषण एक-तिहाई तक कम कर देंगे और 2 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। लेकिन वास्तविकता यह है कि शीला दीक्षित सरकार (1998-2013) के कार्यकाल में दिल्ली का वन क्षेत्र 1.7 प्रतिशत से बढ़कर 20.08 प्रतिशत हुआ, जबकि केजरीवाल सरकार के 2013-2023 के कार्यकाल में यह वृद्धि केवल 5 प्रतिशत रही और हाल के दो सर्वेक्षणों के अनुसार दिल्ली का वन क्षेत्र घट रहा है। दिल्ली में वन क्षेत्र घटने के लिए भाजपा भी जिम्मेदार है, क्योंकि डीडीए और नगर निगम’ जैसे संस्थान भाजपा के नियंत्रण में थे!

देवेन्द्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की ‘राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (छब्।च्द्ध के तहत 2019-20 से 2023-24 के दौरान 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 131 शहरों को वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए 9,631 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई। लेकिन दिल्ली में प्रदूषण घटने के बजाय बढ़ा। 2019-20 में पीएम10 का स्तर 192 था, जो 2023-24 में बढ़कर 208 हो गया। यानी 8 प्रतिशत की वृद्धि। सवाल उठता है कि जब हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए, तो फिर प्रदूषण क्यों नहीं कम हुआ? अर्थात प्रदूषण के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि ’स्मॉग टावर’ के नाम पर दिल्ली को गुमराह किया गया। आनंद विहार और कनॉट प्लेस में लगाए गए टावरों से कोई लाभ नहीं हुआ। भाजपा, एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण में पूरी तरह विफल रही। दिल्ली के चारों ओर मौजूद ’थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने में भाजपा भी असफल रही। उन्होंने कहा कि जानबूझकर मेट्रो प्रोजेक्ट्स को वर्षों तक उलझाकर रखा गया। पूरे देश में भाजपा के राज में वायु प्रदूषण चरम पर पहुंच चुका है।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि प्रदूषण पर कैग रिपोर्ट की जगह भाजपा-केजरीवाल की संयुक्त विफलता पर विस्तृत रिपोर्ट पेश होनी चाहिए।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप तो लगाती है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती। हाल ही में आई कैग रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खुली, लेकिन भाजपा ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे के भ्रष्टाचार को ढकने में लगे हैं।

यादव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी दिल्ली की जनता को इस प्रदूषण की समस्या से राहत दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और भाजपा एवं आम आदमी पार्टी की इस मिलीभगत को उजागर करती रहेगी।

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