सीवर सफाई में क्रांतिकारी बदलाव: दिल्ली सरकार लाई अत्याधुनिक “रीसाइक्लर मशीन”, अब सफाई के लिए सीवर में नहीं उतरेंगे श्रमिक

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मानसून से पहले दिल्ली में जलभराव की पुरानी समस्या से निपटने और सीवर सफाई को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, दिल्ली सरकार ने मुंबई से अत्याधुनिक “रीसाइक्लर मशीन” मंगवाई है। इसका आज ग्रेटर कैलाश क्षेत्र में सफल ट्रायल किया गया।

PWD मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने स्वयं इस मशीन का निरीक्षण किया और कहा—
“हम हर मानसून में देखते हैं कि कैसे दिल्ली की सड़कें पानी में डूब जाती हैं, और कई बार यह पानी घरों तक भी घुस जाता है। इसका बड़ा कारण है कि सीवर और नालों की डीसिल्टिंग पिछले 10-20 वर्षों से नहीं हुई। हमने इसके समाधान के लिए बड़ी मशीनें मंगवाने की शुरुआत की है। हमारी कोशिश है कि हर विधानसभा में एक ऐसी मशीन हो जिससे सीवर की संपूर्ण सफाई हो सके। सफाई के बाद हम सीसीटीवी कैमरे से जांच कर 100% क्लीनिंग सुनिश्चित करेंगे। हमारा उद्देश्य है कि मानसून के समय दिल्ली को जलभराव से पूरी तरह मुक्ति मिले।

हमारी सरकार का प्रयास है कि किसी भी श्रमिक को सीवर में न उतरना पड़े। इसके लिए देश या दुनिया से जो भी अत्याधुनिक तकनीक की जरूरत हो, हम उसे लाएँगे। मुंबई में ऐसी 100 मशीनें काम कर रही हैं और गुजरात में भी 30 मशीनें उपयोग में हैं। आज हमने डेमोंस्ट्रेशन किया है, लेकिन पिछले सप्ताह ही हमने 32 सुपर सकर मशीनों (वैक्यूम ट्रक) की खरीद के आदेश दे दिए हैं।

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और आधुनिक शहरी भारत के विजन को साकार करने की दिशा में हमारा ठोस प्रयास है।”

रीसाइक्लर मशीन की विशेषताएं:
• यह सीवर से गाद और गंदा पानी एकसाथ खींचती है।
• खींचे गए पानी को मशीन में ही शुद्ध कर दोबारा जेटिंग के लिए उपयोग किया जाता है।
• इससे पानी की खपत घटती है और अतिरिक्त पानी टैंकर की जरूरत नहीं होती।
• मशीन एकल इकाई में फिट होती है, जिससे संचालन में कम जगह लगती है।
• यह पूरी प्रक्रिया को तेज, सटीक और पर्यावरण-अनुकूल बनाती है।

दिल्ली सरकार अब इस मशीन को चरणबद्ध तरीके से राजधानी के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में लागू करने की योजना बना रही है ताकि मानसून से पहले व्यापक सफाई हो सके।

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