*दिल्ली में पहले ही महंगाई आसमान छू रही है और ओला उबर जैसी प्राईवेट कम्पनियों ने ऑटो चालको को बेरोजगारी के कगार पर खड़ा कर दिया है।- देवेन्द्र यादव
*सीएनजी वाहनों की जगह ई-वाहन लाने से पहले क्या भाजपा सरकार ने दिल्ली में बिजली की मांग, उपलब्धता, क्षमता को बढ़ाने और चार्जिंग स्टोशन की संख्या बढ़ाने पर कोई योजना बना रही है- देवेन्द्र यादव
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली सरकार की ई-वाहन नीति 2.0 को लाखों ऑटो चालको की रोजी रोटी छीनने की भाजपा की एक और गरीब विरोधी नीति का विरोध करते हुए कहा कि यह सरकार रोजगार देना तो दूर उल्टा लोगां का रोजगार छीनने की नई-नई नीतियां लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि ई-वाहन नीति के तहत 15 अगस्त, 2025 से किसी भी सीएनजी ऑटो रिक्शा के पंजीकरण की अनुमति नही दी जाएगी और न ही सीएनजी ऑटो परमिट का नवीनीकरण होगा।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि पहले सरकार सीएनजी वाहनों को प्रोत्साहन देती है और फिर उन्हीं को खत्म करने का निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा कि सीएनजी ऑटो की जगह ई-ऑटो की नीति लागू करने से पहले भाजपा की रेखा गुप्ता सरकार को डीटीसी और अन्य सरकारी विभागों को पूरी तरह से सीएनजी मुक्त बनाकर ई-वाहन नीति लागू करे, उसके बाद सीएनजी ऑटों को ई-ऑटों में बदलने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम करें ऑटों वालां पर आर्थिक बौझ न पड़ सके। क्योंकि दिल्ली में पहले ही महंगाई आसमान छू रही है और ओला उबर जैसी प्राईवेट कम्पनियों ने ऑटो चालको को बेरोजगारी के कगार खड़ा कर दिया है। भाजपा सरकार की सीएनजी ऑटों को ई-ऑटों में बदलने की नीति से लगभग 6 लाख लोग प्रभावित होंगे।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार ने ऑटो चालको के हितों अनदेखी की जबकि ऑटो चालकों ने आम आदमी पार्टी को सत्ता में लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसी प्रकार दिल्ली की भाजपा सरकार भी ऑटो चालको की लंबित पड़ी मांगों पर ध्यान न देकर एक ऐसी नीति लाना चाह रही है जिसके कारण ऑटो चालकों को दो वक्त की रोटी कमाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ऑटो वालो पर ई-वाहन नीति लागू करके प्रदूषण को कम करने का दावा करके अपनी पीठ थपथपा रही है। उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा की दिल्ली सरकार सीएजी को विशुद्ध इंधन मान रही है जबकि कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार ने एक झटके में डीटीसी बेड़े की सभी बसों को बदलकर दिल्ली के प्रदूषण को खत्म करने का क्रांतिकारी कदम उठाया था जिसकी विश्वभर में सराहना हुई थी।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि सीएनजी वाहनों की जगह ई-वाहन लाने से पहले क्या सरकार ने दिल्ली में बिजली की मांग की उपलब्धता और क्षमता को बढ़ाने के लिए किसी नीति पर कोई योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ई-वाहनों के चार्जिंग स्टेशन की पहले से ही कमी है और दिल्ली में घरेलू और व्यवसायिक संस्थानों में बिजली खपत की मांग प्रति वर्ष बढ़ रही है, सरकार को इस बिजली की मांग को अपने संज्ञान में लाकर ही ई-वाहन नीति पर कोई कदम उठाना चाहिए।