‘हैवी वेट लिफ्टिंग में सक्षम होने से ज़्यादा सशक्त कोई एहसास नहीं है,’ कृष्णा श्रॉफ ने अपने फ़िटनेस फिलॉसफी पर कहा

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*’वेट ट्रेनिंग ने मुझे आत्मविश्वास की एक नई भावना दी है, जो बचपन में मेरे पास नहीं थी,’ कृष्णा श्रॉफ ने खुलासा किया!

*’स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बिल्कुल लत बन जाती है’: कृष्णा श्रॉफ ने वेट ट्रेनिंग के प्रति अपने जुनून के बारे में बताया

फ़िटनेस आइकन और एंटरप्रेन्योर कृष्णा श्रॉफ कभी भी अपनी सच्चाई बताने से पीछे नहीं हटती हैं, और जब फ़िटनेस की बात आती है, तो वेट ट्रेनिंग के प्रति उनका जुनून सबसे आगे नज़र आता है। फिटनेस की शौकीन कृष्णा का मानना है कि वेट ट्रेनिंग शरीर को तराशने का सबसे प्रभावी तरीका है, जिससे व्यक्ति खुद को ठीक वैसा आकार दे सकता है जैसा वह चाहता है। “मेरा जुनून हमेशा से वेट ट्रेनिंग रहा है। मेरा मानना ​​है कि वेट्स उठाना आपके शरीर को आकार देने का एक अच्छा तरीका है, चाहे आप खुद को आकार देना चाहें,” वह स्पष्ट रूप से स्वीकार करती हैं कि पारंपरिक कार्डियो वर्कआउट की तुलना में वेट ट्रेनिंग ज़्यादा पसंद है। कृष्णा के लिए जिम सिर्फ़ शारीरिक बदलाव के बारे में नहीं है, यह उस शक्ति की खोज के बारे में है जो हैवी वेट उठाने के बाद आती है।

कृष्णा के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की लत सिर्फ शरीर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अनुभव है जो शरीर और मन दोनों को एक साथ बदलता है। वह कहती हैं, “स्ट्रेंथ ट्रेनिंग सच में लत बना देती है। यह सिर्फ़ हफ़्ते-दर-हफ़्ते शारीरिक प्रगति नहीं दिखाती, बल्कि यह मानसिक रूप से भी बहुत कुछ बदलती है और आत्मविश्वास को नई ऊँचाइयों तक ले जाती है।”

शायद सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कृष्णा श्रॉफ अपने आत्मविश्वास और आत्म-छवि में आए बदलाव का श्रेय वेट ट्रेनिंग को देती हैं। वह कहती हैं, “मुझे लगता है कि जिम जाना, खास तौर पर वेट ट्रेनिंग, ने मुझे आत्मविश्वास की एक नई भावना दी है जो बचपन में मेरे पास नहीं थी।” उनका यह ईमानदार स्वीकार इस बात का प्रमाण है कि कृष्णा के लिए फिटनेस सिर्फ़ एक शौक से कहीं बढ़कर बन गई है। यह आत्म-खोज और सशक्तिकरण का एक साधन रहा है जो आज भी उन्हें आकार दे रहा है।

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