दिल्ली विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग द्वारा सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक), नोएडा के सहयोग से 14 से 18 जुलाई, 2025 तक “साइबर अपराध, बचाव और जाँच” विषय पर एक पाँच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता (आईएसईए) परियोजना के तीसरे चरण के अंतर्गत आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीयूसीसी के पूर्व निदेशक प्रो. अजय कुमार गुप्ता मुख्यातिथि रहे जबकि समापन सत्र में डीयूसीसी के निदेशक और डीन (प्रौद्योगिकी संकाय) प्रो. संजीव सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। प्रो. सिंह ने अपने संबोधन में शिक्षा के माध्यम से एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए संकाय सदस्यों हेतु विकसित हो रही साइबर तकनीकों से अवगत रहने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया।
इस एफडीपी का उद्देश्य साइबर सुरक्षा के उभरते क्षेत्रों में संकाय विशेषज्ञता को बढ़ाना था, जिसमें साइबर खतरों की पहचान, रोकथाम और जाँच पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसने उन्नत साइबर सुरक्षा उपकरणों और तकनीकों की गहन समझ प्रदान की, जिसमें सैद्धांतिक अंतर्दृष्टि को व्यावहारिक सत्रों के साथ जोड़ा गया। इस कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके वास्तविक दुनिया के साइबर खतरों से निपटने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने में सक्षम बनाया।
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक सुरेंद्र सिंह और दिल्ली विश्वविद्यालय की संयुक्त रजिस्ट्रार, मीनाक्षी सहाय ने समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। गणितीय विज्ञान संकाय की डीन प्रो. नीलिमा गुप्ता के मार्गदर्शन में चालू वर्ष में लगातार यह तीसरा एफडीपी सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। सत्र के दौरान गणितीय विज्ञान संकाय की कार्यवाहक डीन प्रो. रंजीता पांडे, कंप्यूटर विज्ञान विभाग के कार्यवाहक प्रमुख डॉ. दिलीप सेनापति, कंप्यूटर विज्ञान विभाग के कार्यवाहक प्रमुख डॉ. ओम पाल, एसोसिएट प्रोफेसर और एफडीपी समन्वयक डॉ. रीना कसाना, सहायक प्रोफेसर और एफडीपी सह-समन्वयक श्रीमती रेखा सारस्वत, परियोजना प्रभारी वैज्ञानिक सीडैक नोएडा सुश्री कांति सिंह और परियोजना सह-समन्वयक वैज्ञानिक सीडैक नोएडा ने कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।