दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा 22-24 जुलाई, 2025 तक “यूजी रिसर्च: यूजीसीएफ एनईपी 2020 के तहत आगे की राह” विषय पर तीन दिवसीय कॉलेज शिक्षक विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप स्नातक अनुसंधान को सुदृढ़ करने के लिए डीयू के कॉलेजों के 50 से अधिक प्राणीविज्ञान संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया। एफडीपी की शुरुआत मंगलवार, 22 जुलाई को हुई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुश्री लता गुप्ता, उपाध्यक्ष, भाजपा (दिल्ली प्रदेश) ने महिला सशक्तिकरण, मानसिक स्वास्थ्य और कौशल विकास पर विशेष ध्यान देते हुए, वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने में अनुसंधान की परिवर्तनकारी भूमिका पर ज़ोर दिया। बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे डीयू के डीन ऑफ कॉलेजेज, प्रो. बलराम पाणि ने अंतःविषय अनुसंधान के महत्व और प्रभावशाली परिणाम प्राप्त करने के लिए उपलब्ध संसाधनों के प्रभावी उपयोग पर ज़ोर दिया। शैक्षणिक मामलों की डीन, प्रो. के. रत्नाबली ने “यूजीसीएफ के अंतर्गत स्नातक अनुसंधान के दिशानिर्देश और चुनौतियाँ” विषय पर उद्घाटन व्याख्यान दिया। उन्होंने नए शैक्षणिक दृष्टिकोण, क्रेडिट-आधारित इंटर्नशिप, कौशल संवर्धन कार्यक्रम और मूल्यवर्धित पाठ्यक्रमों का परिचय दिया, जो छात्रों को नवप्रवर्तक और रोजगार सृजक बनने में मदद करेंगे।
प्राणीशास्त्र विभाग की अध्यक्ष प्रो. रीता सिंह ने गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया, एक मजबूत स्नातक अनुसंधान संस्कृति को पोषित करने के महत्व पर प्रकाश डाला और कार्यक्रम का अवलोकन प्रदान किया। एफडीपी में विशेषज्ञ वार्ता, इंटरैक्टिव सत्र, और मार्गदर्शन, अनुसंधान पर्यवेक्षण, नैतिकता और सहयोगात्मक अवसरों पर चर्चाएं शामिल थीं, ताकि संकाय को अनुसंधान कार्यक्षेत्र को व्यापक बनाने, अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देने और एआई-संचालित युग में उच्च-गुणवत्ता वाले अनुसंधान मानकों को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। कार्यक्रम ने स्नातक स्तर पर नवाचार, नैतिक अनुसंधान प्रथाओं, कौशल विकास और एक स्थायी अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।