राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। जनस्वास्थ्य एवं सुरक्षा की दृष्टि से दिल्ली नगर निगम इस दिशा में आवश्यक कदम उठा रहा है। स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने बताया कि इस समस्या के प्रभावी समाधान हेतु निगम के प्रत्येक जोन में शेल्टर होम की स्थापना के लिए एक उप-समिति का गठन किया गया है।
उन्होंने बताया कि यह समिति शेल्टर होम के निर्माण से लेकर संचालन तक की पूरी कार्ययोजना तैयार करेगी। इसमें उपयुक्त स्थान चिन्हित करने, संसाधनों का आकलन, बजट निर्धारण, जन-स्वास्थ्य और पशु कल्याण से जुड़े एन जी ओ व विशेषज्ञ संस्थाओं से समन्वय आदि बिंदुओं पर काम किया जाएगा। समिति प्रत्येक जोन के लिए उपयुक्त मॉडल तैयार कर एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट स्थायी समिति को सौंपेगी। समिति न केवल पशुओं के कल्याण को दृष्टिगत रखेगी, बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि आवारा कुत्तों से संबंधित जन-सुरक्षा, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के विषयों का भी समाधान हो सके।
गठित समिति में निम्नलिखित सदस्य शामिल हैं:
1. सुंदर सिंह, निगम पार्षद – अध्यक्ष
2. नीमा भगत, निगम पार्षद – सदस्य
3. शिखा भारद्वाज, निगम पार्षद – सदस्य
4. राजपाल सिंह, निगम पार्षद – सदस्य
5. पंकज लूथरा, निगम पार्षद – सदस्य
6. प्रवीण कुमार, निगम पार्षद – सदस्य
7. योगेश वर्मा, निगम पार्षद -विशेष आमंत्रित सदस्य
8. अतिरिक्त आयुक्त (पशु चिकित्सा सेवाएं) -सदस्य
9. निदेशक (पशु चिकित्सा सेवाएं)- सदस्य सचिव
सत्या शर्मा ने बताया कि स्थायी समिति की पिछली बैठक में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को गंभीरता से उठाया गया था। इस मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए स्थायी समिति ने एक उप-समिति के गठन का निर्णय लिया है, ताकि इस समस्या का प्रभावी और स्थायी समाधान निकाला जा सके।
उन्होंने बताया कि दिल्ली जैसे बड़े शहर में आवारा कुत्तों की समस्या एक प्रमुख शहरी जनस्वास्थ्य और नागरिक सुविधा का विषय बन चुकी है। इस समिति के माध्यम से हम न केवल इन कुत्तों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करना चाहते हैं, बल्कि नागरिकों को भी एक सुरक्षित और साफ-सुथरा वातावरण देने की दिशा में ठोस पहल कर रहे हैं