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दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस और त्योहारों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली पुलिस की आँख और कान जिन्हें प्रहरी के नाम से भी जाना जाता है। जी हाँ यह निजी सुरक्षा कर्मी जो कि दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था में मदद करेंगे। रविवार को दिल्ली पुलिस के 15 ज़िलों में क़रीब 4017 प्रहरियों के साथ बैठक करी गई और उन्हें सुरक्षा से संबंधित एक किट प्रदान करी गई। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस के साथ किस तरह से मिलकर उन्हें राजधानी दिल्ली के अत्यंत व्यवस्थित क्षेत्रों पर पैनी नज़र कैसे बनाकर रखनी है। इसे लेकर तमाम जानकारियां दी गई। दिल्ली विश्वविद्यालय के मल्टीपरपज हॉल में दिल्ली पुलिस की सेंट्रल ज़ोन के द्वारा दो ज़िलों की उत्तरी और सेंट्रल ज़िले की क़रीब 800 प्रहरियों के साथ बैठक कर उन्हें संबोधित किया और सुरक्षा प्रहरियों को शपथ दिलायी गई और उन्हें
सुरक्षा किट भी वितरण करी गई। इस मौक़े पर मुख्य अतिथि दिल्ली पुलिस आयुक्त एस बी के सिंह ने सेंट्रल ज़ोन के अंतर्गत दो ज़िले एक उत्तरी और दूसरा सेंट्रल जिला के क़रीब 800 प्रहरियों को संबोधित कर उन्हें ड्यूटी पर सतर्क और निगरानी कैसे करनी है। इन सब विषयों को लेकर बताया। सार्वजनिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने में निजी सुरक्षा गार्डों की पूरक भूमिका की सराहना की और उनकी सतर्कता एवं निगरानी के महत्व पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि प्रहरी सामुदायिक पुलिसिंग में एक अनिवार्य कड़ी हैं और उनका सहयोग कानून की पहुँच, जवाबदेही और प्रभावशीलता को बढ़ाता है। इस मौक़े पर
समारोह में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, आईपीएस, विशेष पुलिस आयुक्त/कानून एवं व्यवस्था (जोन-1) रवींद्र सिंह यादव, संयुक्त पुलिस आयुक्त/मध्य रेंज मधुर वर्मा, नॉर्थ DCP राजा बंठिया, सेंट्रल DCP निधिन वलसन, उपस्थित थे। आइए देखते हैं टोटल ख़बरें के वरिष्ठ संवाददाता राजेश खन्ना कि इस विशेष रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस आयुक्त ने अपने संबोधन के दौरान पुलिसकर्मियों और प्रहरियों को क्या कहा देखिए हमारे संवाददाता कि यह विशेष रिपोर्ट।

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