राजस्थान में सत्ता की रस्साकसी पर बीजेपी (BJP) की बारीक नज़र बनी हुई है. इस लड़ाई-झगड़े के बीच बीजेपी फ़िलहाल तमाशबीन ही बना रहना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक़ राजस्थान (Rajasthan) के विधानसभा चुनाव में सिर्फ़ सवा साल का वक्त ही बचा है. ऐसे में लड़ाई-झगड़े के साथ चलती राजस्थान की कांग्रेस (Congress) सरकार बीजेपी (BJP) के लिए सोने पर सुहागा साबित हो सकती है.
बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक़ फ़िलहाल सचिन पायलट (Sachin Pilot) से बीजेपी सीधे तौर पर संपर्क में नहीं है और ना ही पायलट के पास अभी उतने विधायक हैं कि वे राजस्थान की सत्ता संतुलन में कोई बड़ा फेरबदल ही कर पाये. बीजेपी फ़िलहाल राजस्थान में कांग्रेस के ड्रामे पर नज़र रख इस बात का इंतज़ार कर रही है कि ऊंट किस करवट बैठता है.
बीजेपी की नज़र इस वोट बैंक पर…
सूत्रों के मुताबिक़, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि गुर्जर वोट बैंक को बीजेपी में जोड़ने के लिए बीजेपी की ओर से भविष्य में सचिन पायलट को अपने साथ जोड़ने की कोशिश नहीं होगी. राजस्थान में गुर्जर समाज परंपरागत तौर पर कांग्रेस का वोट बैंक है और बीजेपी की नज़र इस वोट बैंक पर लंबे समय से है.
सचिन पायलट के हाथ सीएम कुर्सी नहीं लगी तो…
सचिन पायलट कुर्सी की लड़ाई में अगर इस बार मात खाते हैं तो इतना तय है कि वे असंतुष्ट होंगे और अगर ऐसा हुआ तो अगले विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट बीजेपी का रुख़ कर सकते हैं. पार्टी के एक बड़े नेता ने कहा कि सचिन पायलट बीजेपी में आएंगे या नहीं ये फ़ैसला बीजेपी का आला नेतृत्व ही करेगा. हालांकि बीजेपी ने फ़िलहाल सचिन पायलट को लेकर फ़िलहाल किसी भी तरह से उनके संपर्क में होने से साफ़ इनकार किया है.