दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति के सामने खुलासा हुआ है कि दिल्ली के जन-कल्याणकारी कामों को वित्त विभाग रोक रहा है। याचिका समिति के सदस्य सौरभ भारद्वाज ने बताया कि ऐसे चार मामले सामने आए हैं। वित्त विभाग की तरफ से स्वास्थ्य विभाग में दो काम रोके गए हैं। इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड, समाज कल्याण विभाग के अंदर काम रोके गए हैं। अस्पतालों में वर्षों से लगे हुए डाटा एंट्री ऑपरेटर को वित्त विभाग की आपत्ति की वजह से पिछले छह माह में निकाल दिया गया। इस वजह से अस्पतालों में ओपीडी कार्ड बनाने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर नहीं हैं। दिल्ली जल बोर्ड से पिछले कई वर्षों का ब्यौरा मांगकर 6 माह से पैसे रोक लिए गए। इस कारण यमुना को साफ करने, पीने के पानी और सीवर लाइन सहित तमाम प्रोजेक्ट ठप कर दिए गए। समाज कल्याण विभाग के अंदर वित्त विभाग की ओर से बुजुर्गों की पेंशन में आपत्तियां लगा दी जाती हैं। जिसकी वजह से बुजुर्गों को महीनों तक पेंशन का इंतजार करना पड़ता है।
दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति ने दिल्ली विधानसभा में दिल्ली जल बोर्ड, स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को बुलाया। अखिलेश पति त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान डाटा एंट्री ऑपरेटर और ट्यूबवैल चलाने वालों की तनख्वाह, दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े कामों, पानी के बिलों का मामला सामने लाया गया। दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति के सदस्य सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली का वित्त विभाग हर ऐसे काम में ऑब्जेक्शन लगाता है जो कि वर्षों से होते आ रहे हैं। पिछले सप्ताह याचिका समिति की बैठक में सामने आया था कि मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों की तनख्वाह को वित्त विभाग ने रोक दिया। इसके अलावा मोहल्ला क्लीनिक में होने वाली जांचों को वित्त विभाग ने अजीब आपत्ति लगाकर रोक दिया कि आप हमें कैबिनेट नोट भेजिए।
उन्होंने बताया कि याचिका समिति के सामने आज आया है कि स्वास्थ्य विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर वर्षों से लगे हुए हैं। वह मरीजों के कंप्यूटर पर ओपीडी कार्ड बनाते हैं। उन डाटा एंट्री ऑपरेटर को अधिकतर अस्पतालों में पिछले छह माह में निकाल दिया गया। क्योंकि वित्त विभाग ने आपत्ति लगा दी थी कि एआर विभाग बताएगा कि किस अस्पताल में कितने डाटा एंट्री ऑपरेटर लगेंगे। इसलिए डाटा एंट्री ऑपरेटर को निकाल दिया गया। एआर विभाग की स्टडी के कारण 6-6 महीने से अस्पतालों में ओपीडी कार्ड बनाने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर नहीं हैं और अस्पतालों में हाहाकार मचा हुआ है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड से पिछले कई वर्षों का ब्यौरा मांगा गया। इस वजह से दिल्ली जल बोर्ड के 6 माह से पैसे रोक लिए गए। इस कारण यमुना को साफ करने का प्रोजेक्ट, पीने के पानी का प्रोजेक्ट, सीवर लाइन प्रोजेक्ट सहित अन्य ठप कर दिए गए। ठेकेदारों ने समय से पैसे नहीं मिलने पर काम रोक दिए।
उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग के अंदर बुजुर्गों की पेंशन में ऐसी आपत्तियां लगा दी जाती हैं, जिसकी वजह से महीनों तक फाइलें घूमती हैं। इस वजह से बुजुर्गों को महीनों तक पेंशन का इंतजार करना पड़ता है। हमारे सामने ऐसे चार मामले सामने आए हैं। वित्त विभाग की तरफ से स्वास्थ्य विभाग में दो काम रोके गए, दिल्ली जल बोर्ड, समाज कल्याण विभाग के अंदर काम रोके गए हैं। सभी जगह वित्त विभाग अपनी आपत्तियां लगाकर जनता को परेशान करने का काम कर रहा है।