- 11 अक्टूबर को राजौरी सेक्टर में ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर अमृतपाल का शव प्राइवेट एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव कोटली कलां लाया गया- राघव चड्ढा
अग्निवीर योजना के कारण अमृतपाल को न सैन्य सम्मान मिला, न शहीद का दर्जा और न परिवार को मिलेगा पेंशन- राघव चड्ढा
-मोदी सरकार से सैन्य सम्मान नहीं मिलने के बाद पंजाब पुलिस ने शहीद अमृतपाल को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी- राघव चड्ढा
- परिवार को अग्निवीर अमृतपाल के शव को न तो तिरंगे में लपेट कर सौंपा गया और न ही उनको कोई पेंशन मिलेगी- राघव चड्ढा
- ‘‘आप’’ की पंजाब सरकार शहीद अग्निवीर अमृतपाल के परिवार को एक करोड़ रुपए सम्मान राशि और शहीद का दर्जा भी देगी- राघव चड्ढा
- केंद्र सरकार से देश की जनता पूछ रही, क्यों अग्निवीर अमृतपाल का शव तिरंगे में लपेटकर नहीं लाया गया और शहीद का दर्जा नहीं दिया गया?- राघव चड्ढा
- ‘‘आप’’ ने कहा था कि अग्निवीर योजना देश की सेना के साथ खतरनाक प्रयोग है और इसका सैनिको के मनोबल पर प्रभाव पड़ेगा- राघव चड्ढा
- ऐसी केंद्र सरकार पर लानत है, जो शहीद का सम्मान नहीं करती, दीवाली पर जवानों के साथ फोटो खिंचवाने भर से उनका सम्मान नहीं होता- राघव चड्ढा
- शहादत के बाद जवानों की राजकीय सम्मान के साथ विदाई होनी चाहिए और उनके परिवार के साथ खड़ा होना चाहिए- राघव चड्ढा
आम आदमी पार्टी ने अग्निवीर योजना को लेकर रविवार को मोदी सरकार पर तीखा हमला किया। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि आज मोदी सरकार की अग्निवीर योजना की सच्चाई देश के सामने आ गई है। पंजाब के मनसा जिले के रहने वाले अग्निवीर अमृतपाल सिंह की 11 अक्टूबर को राजौरी सेक्टर में ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई। बिना तिरंगे में लपेटे उनके पार्थिव शरीर को एक प्राइवेट एंबुलेंस से पैतृक गांव कोटली कलां लाया गया। अमृतपाल को सैन्य सम्मान और शहीद का दर्जा भी नहीं दिया गया। अब उनके परिवार को कोई पेंशन भी नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से शहीद अमृतपाल को सैन्य सम्मान नहीं मिलने के बाद पंजाब पुलिस ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। ‘‘आप’’ की पंजाब सरकार उनके परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि देने के साथ-साथ उन्हें शहीद का दर्जा भी देगी। लानत है ऐसी केंद्र सरकार पर, जो शहीद का सम्मान नहीं करती।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने रविवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्निवीर स्कीम को लेकर भाजपा की केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने ने कहा कि पंजाब की वीर भूमि पर जन्मे शहीद अग्निवीर अमृतपाल सिंह की 11 अक्टूबर 2023 को रजौरी सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल पर ड्यूटी के दौरान मृत्यू हुो गई थी। जब उनके पार्थिव शरीर को पंजाब के मानसा जिले में उनके गांव कोटली कलां लाया गया तो अग्निवीर स्कीम की सच्चाई देश की जनता के सामने आ गई। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि जब सेना में जवानों की भर्ती को लेकर भाजपा सरकार अग्निवीर योजना लाई थी। तब इस योजना को लेकर कई सारी आशंकाएं जताई जा रही थीं। आम आदमी पार्टी ने भी बड़ी बुलंदी से अग्निवीर योजना की आशंकाएं जाहिर कीं और उससे जुड़े कई जरूरी सवाल मोदी सरकार पर दागे थे, लेकिन उस समय भाजपा की केंद्र सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी। लेकिन जिसका हमें डर था, वही हुआ।
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने बताया कि जब शहीद अग्निवीर अमृतपाल के पार्थिव शरीर को पंजाब के मानसा जिले में उनके गांव कोटली कलां लाया गया तो उनके साथ सेना की कोई यूनिट नहीं आई। मात्र एक आर्मी का हवलदार और दो जवान सिविल वर्दी में उनके शव एक प्राइवेट एंबूलेंस में लेकर आए। उनके लिए सेना की कोई गाड़ी भी मुहैया नहीं कराई गई। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि उन्हें अंतिम विदाई के दौरान कोई सैंन्य सम्मान नहीं दिया गया। इस अग्निवीर योजना के चलते उन्हें और उनके परिवारवालों को कोई पेंशन भी नहीं दी जाएगी और शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अमृतपाल के पार्थिव शरीर को घर पहुंचने का एक दिल दहला देने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ है। केंद्र में बैठी भाजपा सरकार से लोगों ने कई सवाल पूछे हैं कि क्यों एक अग्निवीर को ऑन ड्यूटी शहीद होने पर कोई शहीद का दर्जा और सैन्य सम्मान नहीं मिला? क्यों उनके शव को एक प्राइवेट एम्बूलेंस और सिविल वर्दी में भेजा गया? उन्हें तिरंगे झण्डे में लपेटकर उनके परिवारवालों को नहीं सौंपा गया? क्या यही अग्निवीर स्कीम की असली सच्चाई है?
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने घोषणा करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सैनिकों का अपमान नहीं देख सकती और हमेशा सैनिकों के और उनके परिवारवालों के सम्मान में खड़ी है। ‘‘आप’’ की पंजाब सरकार ने फैसला लिया है कि शहीद अग्निवीर अमृतपाल के परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी। साथ ही उन्हें शहीद का दर्जा भी देगी और सरकार उनके परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होगी।
उन्होंने कहा कि जब भाजपा की केंद्र सरकार ने शहीद अमृतपाल को कोई सैन्य सम्मान या अंतिम श्रृद्धांजलि नहीं दी, तब पंजाब की मानसा जिले की पुलिस ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अतिम विदाई दी। इस घटना के बाद केंद्र में बैठी भाजपा सरकार की नीतियों पर एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है। यह देश सैनिकों की वजह से है नेताओं की वजह से नहीं है। यह बात जितनी जल्दी भाजपा सरकार समझ ले, उतना देश के लिए अच्छा है।
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि हमनें शुरु के कहा था कि अग्निवीर योजना देश की सेना के साथ एक खतरनाक प्रयोग है। कहीं न कहीं इससे सेना के बल पर और सैनिकों के मनोबल पर प्रभाव पड़ेगा। इस स्कीम को मत लागू करिए, लेकिन भाजपा सरकार के कान पर एक जूं तक नहीं रेंगी। इसका आज एक जीता जाता उदाहरण शहीद अमृतपाल के केस में देखा गया। यह स्कीम आनन-फानन में लागू की गई और इसको लेकर विपक्ष की जितनी आशंकाएं थीं, लगभग सभी को सच साबित करने का काम इस स्कीम ने किया है।
राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने पांच सवाल भाजपा की केंद्र सरकार के सामने रखे कि क्या 19 साल के शहीद अमृतपाल को अंतिन विदाई पर सैन्य सम्मान नहीं मिलना क्या भारतीय सेना का अपमान नहीं है, क्या यह उनके मनोबल को चोट नहीं पहुंचाएगा? ऑन ड्यूटी अमृतपाल की शहादत पर आपने उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया तो इस बात की क्या गारंटी है कि चार साल की ड्यूटी खत्म होने के बाद इन अग्निवीरों का भविष्य सुनहरा होगा? क्या भाजपा की सरकार नियमित जवानों और अग्निवीर जवानों के बीच भेदभाव करती है? क्या दुश्मन की गोली लगने की वजह से मृत्यू होना ही शहादत कहलाने के लायक है, क्या ऑन ड्यूटी कोई सैनिक अगर किसी कारण से शहीद होता है तो क्या उसे शहीद नहीं कहा जाएगा? अगर कोई -20 या -25 डिग्री में बॉर्डर पर तैनात भारत की रक्षा कर रहा होता है और इतनी ठंड की वजह से किसी दुर्घटना के चलते उसकी मत्यू हो जाती है तो क्या आप उसे शहीद का दर्जा नहीं देंगे? अगर अग्निवीर स्कीम इतनी अच्छी है तो कितने नेताओं के बच्चे अग्निवीर स्कीम के चलते भारतीय सेना में भर्ती हुए? ऐसी भाजपा सरकार पर लानत है जो अपने शहीद अगनिवीर सैनिकों को सम्मान नहीं दे पाती है।
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि भाजपा कान खोलकर सुन लें कि जब तक देश में सैनिक का सम्मान जिंदा है, तभी तक देश की समृद्धि का अरमान जिंदा है। भाषण और जुमलों से देश नहीं चलता, शहीदों की बदौलत ही मेरा हिंदुस्तान जिंदा है। जब इस देश में किसी नेता की मृत्यू होती है तो राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है। हमारा ध्वज आधा फहराया जाता है, स्मारक बनाए जाते हैं, सरकारी दफ्तरों की छुट्टी घोषित की जाती है। लेकिन आज किसी अग्निवीर की अगर ऑन ड्यूटी मृत्यू होती है तो उसे शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता, सैंन्य सम्मान नहीं मुहैया कराया जाता, उन्हें कोई पेंशन या सहायता राशि नहीं मुहैया कराई जाती है। भाजपा सरकार की अग्निवीर योजना की सच्चाई ये है।
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने तंज कसते हुए कहा कि दिवाली पर बॉर्डर पर जाकर सैनिकों के साथ फोटो खिंचवाना, कैमरे के सामने मिठाई खिलाने से सैनिकों का सम्मान नहीं होगा। अगर सेना का असल सम्मान करना है तो शहादत के बाद उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाए। दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ा हुआ जाए और कॉस्ट कटिंग की आड़ में उनकी पैंशन रोकी न जाए और उनका मुआवजा भी न रोका जाए। अगर भाजपा सरकार हमारे वीरों का सम्मान करती है तो फोटो खिचाना और मिठाई खिलाना बंद करे, हमारे अग्निवीरों को सम्मान देना शुरू करे।
उन्होंने अंत में कहा कि इस देश में सेना की और सेना से जुड़ी योजनाओं की हालत कुछ इस तरह की है कि ओआरओपी का अपना हक पाने के लिए पूर्व सैनिकों को सालों तक देश की सड़कों पर आंदोलन करना पड़ा। भारतीय सेना में भर्तियां खुलवाने के लिए देश के करोड़ो युवाओं को सड़को पर आंदोलन करना पड़ा। अग्निवीर योजना आने के बाद उसमें संशोधन कराने के लिए देश के युवाओं के प्रोटेस्ट करना पड़ा लाठियां खानी पड़ीं। ऐसी भाजपा सरकार पर लानत है जो भारत की सेना का सम्मान नहीं करती है। एक तरफ भाजपा की सरकार है जिसने शहीद अग्निवीर अमृतपाल को शहीद का दर्जा और सैन्य सम्मान नहीं दिया और दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में पंजाब में चल रही भगवंत मान की सरकार है, जिसने उन्हें शहीद के दर्जे के साथ एक करोड़ रुपयें की शहीद सम्मान राशि भी दी।
राघव चड्ढा ने कविता से बढ़ाया देश के सैनिकों का सम्मान
जब तक देश में सैनिक का सम्मान जिंदा है
तभी इस देश की समृद्धि का अरमान जिंदा है
भाषण और जुमले से देश नहीं चलता
शहीदों के बदौलत ही मेरा हिंदुस्तान जिंदा है।