- अभी कर्मचारियों को पांच महीने की सैलरी दी गई है, बाकी सैलरी भी जल्द मिल जाएगी- अरविंद केजरीवाल
- हमारी आम लोगों की सरकार है, इसलिए आम लोगों का दुख-दर्द समझते हैं, क्योंकि हम आम लोगों के बीच से ही आए हैं- अरविंद केजरीवाल
- हम एक आम आदमी के लिए जो काम कर रहे हैं, वो किसी दूसरी पार्टी ने कभी नहीं किया और न तो उनकी करने की इच्छा है- अरविंद केजरीवाल
- एक आम आदमी की बुनियादी जरूरतें बिजली, पानी, शिक्षा और इलाज ही है, अगर यह मिल जाए तो उसे और कुछ नहीं चाहिए- अरविंद केजरीवाल
- पहले एक बेइमान सरकार थी, जिसने 15 साल में एमसीडी को बर्बाद कर दिया, अब ईमानदार सरकार है, इसलिए परिवर्तन आने लगा है- अरविंद केजरीवाल
- अगर ईमानदार सरकार हो तो सरकार में पैसे की कमी नहीं है, अच्छी नीयत वाली सरकार लाएंगे तो सब अच्छा होगा- अरविंद केजरीवाल
- वेतन पाकर हरदयाल म्युनिसिपल लाइब्रेरी के कर्मचारियों के खिले चेहरे, किया सीएम अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद
दिल्ली नगर निगम द्वारा अनुदानित हरदयाल म्युनिसिपल लाइब्रेरी के कर्मचारियों के लिए बुधवार का दिन बेहद खास हो गया। एमसीडी में भाजपा शासनकाल से अटकी हरदयाल लाइब्रेरी के 96 कर्मचारियों की सैलरी का मसला सीएम अरविंद केजरीवाल ने हल कर दिया है। बुधवार को सीएम ने कैंप कार्यालय में इन करचारियों के साथ बैठक कर उन्हें पांच महीने की सैलरी का चेक सौंपा और बाकी वेतन भी जल्द दिलाने का भरोसा दिया। लंबे इंतजार के बाद सैलरी पाकर कर्मचारियों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने सीएम केजरीवाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि अगर दिल्ली में मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिलाओं को बस में सफर की सुविधा नहीं मिल रही होती तो उन्हें अपने घर का खर्च चलाने में और ज्यादा तकलीफ हुई होती। वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी आम लोगों की सरकार है। इसलिए हम आम लोगों का दुख-दर्द समझते हैं, क्योंकि हम आम लोगों के बीच से ही आए हैं। हम एक आम आदमी के लिए जो काम कर रहे हैं, वो किसी दूसरी पार्टी की सरकार ने कभी नहीं किया और न तो उनकी करने की इच्छा है। इस दौरान एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक, मेयर डॉ. शैली ओबेराय, डिप्टी मेयर आले मोहम्मद समेत कर्मचारी मौजूद रहे।
हरदयाल म्युसिपल लाइब्रेरी के कर्मचारियों के साथ बैठक के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि इतने संघर्षों के बाद अब सभी कर्मचारियों की सैलरी बननी चालू हो गई है। अभी कर्मचारियों को पांच महीने की सैलरी दी गई है और 35 महीने की सैलरी लंबित है। अब सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई हैं। इसलिए बाकी सैलरी भी जल्द ही मिल जाएगी। सीएम ने कहा कि हमारी आम लोगों की सरकार है। आम लोगों के दुख-दर्द को हम समझते हैं। क्योंकि हम आम लोगों के बीच से ही आए हुए हैं और हम कोई नेता नहीं हैं। पंजाब में हमारी सरकार बनी, वहां हमारे 92 विधायक हैं। इन 92 विधायकों में से 80 लोग पहली बार चुनाव लड़कर विधायक बने हैं। इसी तरह दिल्ली में भी कुछ लोगों को छोड़ दें तो बाकी सभी लोग पहली बार ही चुनाव लड़े और विधायक बने।
सीएम ने कहा कि हम सभी मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। इसलिए हम समझते हैं कि घर का खर्चा चलाना कितना मुश्किल है। तनख्वाह तो 20 दिन में ही खत्म हो जाती है। बाकी 10 दिन गुजराना बड़ा मुश्किल होता है। अगर सैलरी मिलनी ही बंद हो जाए तो मरने वाली स्थिति आ जाती है। हम लोगों ने दिल्ली में लोगों की बिजली, पानी, बच्चों की फीस, इलाज आदि पर ज्यादा काम किया है। केवल 10 साल में आम आदमी पार्टी की पंजाब और दिल्ली में सरकार बनने का मुख्य कारण यही है कि हम जो काम कर रहे है, वो किसी दूसरी पार्टी ने कभी नहीं किया और न तो उनकी करने की इच्छा है। ये लोग हमें गालियां तो बहुत देते हैं। लेकिन एक आम आदमी की बुनियादी जरूरत तो बिजली, पानी, शिक्षा और इलाज ही है। अगर आम आदमी को बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य ठीक से मिल जाए तो उसे और क्या चाहिए। हम लोग हरदयाल म्युनिसिपल लाइब्रेरी के कर्मचारी की अन्य मांगों पर भी गौर करेंगे। हमारा हरदयाल लाइब्रेरी से पुराना रिश्ता भी है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ईमानदार और बेइमान सरकार के बीच अंतर देखने का यही एक तरीका है। एक बेइमान सरकार थी, जिसने 15 साल के अंदर एमसीडी को बर्बाद कर दिया। अब एमसीडी में एक ईमानदार सरकार है। अभी इन लोगों ने हमारी सारी पावर छीन रखी है। इन्होंने एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी अभी तक बनने नहीं दी है। इस वजह से कई दिक्कतें आ रही हैं। इसके बावजूद, पिछले एक साल के अंदर एमसीडी में कितना बड़ा परिवर्तन आने लगा है। हमें दिल्ली सरकार चलाने में भी कई सारी तकलीफें आ रही हैं। अगर ईमानदार सरकार हो तो सरकारों में पैसे की कोई कमी नहीं है, सिर्फ नीयत की कमी है। अच्छी नीयत वाली सरकार लाएंगे तो सबकुछ ठीक होगा। हमारी नीयत अच्छी है तो हम अच्छी नीयत वालों को ही अपने आसपास रखेंगे। अगर हमारी नीयत खराब होती तो मैं भी अपने आसपास कुछ दलाल रखता, जो पूरी दिल्ली से पैसे इकट्ठे करके लाता।
कर्मचारियों को 30 महीने से सैलरी नहीं मिल रही थी, जगह-जगह इन्हें अपमानित किया जा रहा था- दुर्गेश पाठक
इस दौरान एमसीडी प्रभारी एवं विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि हमारे देश में नौकरीपेशा लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 30 महीने से ज्यादा से समय से हरदयाल म्युनिसिपल लाइब्रेरी के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला था और इन्हें हर जगह पर अपमानित किया जाता था। कई बार इन लोगों ने पूर्व सचिव की शिकायत भी की थी कि वो इन्हें अपने घर का और ड्राइवर का काम करवाती थीं। साथ ही कई महिलाओं को घर बुलाकर बेइज्जत भी किया गया। कर्मचारियों का काफी लंबा संघर्ष रहा। बिजली बिल का भुगतान न होने की वजह से हदरयाल लाइब्रेरी में पिछले दो तीन महीनों से बिलजी नहीं आ रही थी। अब बिल जमा कर दिया गया है। हमने बड़े संघर्षों के बाद पूरी कमेटी बदली। पूर्व सचिव बैंक में जाकर कहती थीं कि उनका हस्ताक्षर है, किसी दूसरे का हस्ताक्षर नहीं माना जाएगा। उनको एक वाहन आवंटित था, उसे भी वो लेकर चली गईं थीं, फिर बाद में उन्होंने वापस किया। आज सीएम अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन से हरदयाल म्युनिसिपल लाइब्रेरी के सभी कर्मचारियों को वेतन मिल गया है।
वेतन पाकर कर्मचारियों के खिले चेहरे, किया सीएम केजरीवाल का धन्यवाद
तीन साल से सैलरी के लिए संघर्ष कर रहे हरदयाल लाइब्रेरी के कर्मचारियों का आज चेहरा खिल उठा, जब उन्हें सीएम अरविंद केजरीवाल ने पांच महीने की सैलरी का चेक सौंपा और बाकी वेतन भी जल्द दिलाने का आश्वासन दिया। इस दौरान कर्मचारियों ने सीएम का धन्यवाद करते हुए कहा कि हम लोग तीन साल से परेशान थे। हमें वेतन मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। इस दौरान हम सबने बहुत तकलीफों का सामना किया। कर्मचारियों ने कहा कि अब हमें सैलरी मिलने लगी हैं। साथ ही महिलाओं का ऑफिस आना भी अब आसाना हो गया, क्योंकि बसों में महिलाओं का सफर फ्री है। दिल्ली का नागरिक होने के नाते मुफ्त बिजली और पानी योजना का भी हमें बहुत लाभ मिला है। इस दौरान हमने उतनी ही बिजली और पानी का इस्तेमाल किया, जितनी मुफ्त मिल रहा है। कर्मचारियों ने सरकार द्वारा दिल्ली में जगह-जगह लगाए गए तिरंगे झंडे की भी तारीफ की। कर्मचारियों ने कहा कि तिरंगे को देखकर मन में देशभक्ति का भाव जाग जाता है। कर्मचारियों ने कहा कि हम दिल्ली का नागरिक होने पर गर्व करते हैं। जब दिल्ली में ‘‘आप’’ की सरकार बनी, तभी से हमें उम्मीद थी कि कर्मचारियों का बहुत भला होगा। दिल्ली से ‘‘आप’’ की सरकार कभी नहीं जाएगी, क्योकि दिल्लीवालों के दिलों में अरविंद केजरीवाल बसते हैं।
32 महीने से धरने पर बैठे थे हरदायल लाइब्रेरी के कर्मचारी
उल्लेखनीय है कि हरदयाल म्युनिसिपल लाइब्रेरी एक स्वतंत्र संस्था है। इसे संचालित करने के लिए दिल्ली नगर निगम द्वारा अनुदान दिया जाता है। इसी अनुदान से कर्मचारियों की सैलरी समेत अन्य खर्चे पूरे किए जाते हैं। यहां 96 कर्मचारी कार्यरत हैं। एमसीडी की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 2021 में अनुदान देने बंद कर दिया। यहां कार्यरत कर्मचारी अपने वेतन की मांग को लेकर पिछले 32 महीने से धरने पर बैठे थे। वहीं, जब एमसीडी में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद से हरदयाल लाइब्रेरी के कर्मचारी महापौर कार्यालय में संपर्क कर वेतन जारी करने का अनुरोध करते रहें है, ताकि उनका जीवन यापन हो सके। इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देशन में एमसीडी की मेयर द्वारा किए गए अथक प्रयासों की बतौलत सैलरी संबंधित समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। इन्हीें अथक प्रयासों की बदौलत आज कर्मचारियों को 2021 की 5 महीने की सैलरी एकमुश्त दी गई।