प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 30 मई की शाम से रखे जाने वाले मौन व्रत को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौन व्रत के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है।
प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी और डॉ. नासिर हुसैन शामिल थे।
चुनाव आयोग से मुलाकात के उपरांत कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के सामने महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी है। कांग्रेस ने अपनी शिकायत में चुनाव आयोग से कहा है कि चुनाव के मतदान से पहले साइलेंट पीरियड में कोई भी नेता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव प्रचार नहीं कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि वे 30 मई की शाम से मौन व्रत पर बैठेंगे, लेकिन हम सभी जानते हैं कि जब साइलेंट पीरियड चल रहा होगा; इस बीच यह अप्रत्यक्ष प्रचार आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मौन व्रत 01 जून की शाम को शुरू करना चाहिए। लेकिन अगर वे इसे 30 मई से ही शुरू करने पर जोर देते हैं, तो चुनाव आयोग को इसे मीडिया द्वारा प्रसारित करने से रोकना चाहिए। चैनलों और प्रिंट मीडिया पर इस प्रकार के प्रसारण की बिल्कुल भी अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
सिंघवी ने बताया कि चुनाव आयोग के समक्ष उन्होंने भाजपा के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से चलाए जा रहे भद्दे और आपत्तिजनक विज्ञापनों की भी शिकायत की है। इसी के साथ एक अन्य शिकायत में राहुल गांधी के डॉक्टर्ड वीडियो के बारे में भी अपनी बात रखी है। हिमंता बिस्वा सरमा के एक बयान के संबंध में भी चुनाव आयोग से कार्रवाई करने का आग्रह किया है।