दिल्ली विश्वविद्यालय की संस्कृति परिषद् एवं पीजीडीएवी महाविद्यालय (सांध्य) के संयुक्त तत्त्वावधान में साहित्यिक श्रेणी की दो दिवसीय अन्तर्महाविद्यालीय प्रतियोगिताएं मंगलवार व बुधवार को आयोजित की गई। साहित्यिक श्रेणी में आयोजित इस प्रतियोगिता के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय में अन्तर्महाविद्यालीय प्रतियोगिताओं क्रम प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डीयू कल्चर काउंसिल के अध्यक्ष अनूप लाठर और विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्कृति परिषद् के अधिष्ठाता प्रो. रवीन्द्र कुमार उपस्थित हुए।
डॉ. मनोज वर्मा, डॉ. सचिन बदौलिया एवं डॉ. दीपक उपाध्याय के निर्णायकत्व में वक्तृत्व एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ “जलवायु परिवर्तन की चुनौतियाँ और सामाजिक दायित्व” विषयक वक्तृत्व प्रतियोगिता से हुआ, जिसमें पचास से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के आकर्षण का केन्द्र रही वाद-विवाद प्रतियोगिता में सत्तर से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग करते हुए “सोशल मीडिया का प्रयोग एवं सामाजिक भागीदारी” विषय पर पक्ष अथवा प्रतिपक्ष में अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अग्रिम सत्र में, पर्यावरण, तकनीकी एवं साहित्य आदि विषयों पर अवलम्बित प्रश्नमंच प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हंसराज, किरोड़ीमल, वेंकटेश्वर, पीजीडीएवी, आदि अट्ठाईस महाविद्यालयों की विद्यार्थी टोलियों ने प्रतिभाग ग्रहण किया। ये सभी प्रतियोगिताएं डॉ. चारु कालरा के पर्यवेक्षण में सम्पन्न हुई।
प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए गए। इस अवसर पर कार्यक्रम के पर्यवेक्षक डॉ. हेमन्त वर्मा, कार्यक्रम के सह-समन्वयक डॉ. विजय मिश्रा, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रवीन्द्र कुमार गुप्ता, कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. करिश्मा सारस्वत सहित महाविद्यालय के प्रो. हरीश अरोड़ा, डॉ. विपिन प्रताप सिंह, डॉ. मयंक पाण्डे, डॉ. डिम्पल गुप्ता, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. सोनिका नागपाल, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. योगेश शर्मा, डॉ. जयपाल, डॉ. नीतीश बागड़ी, डॉ. राहुल रंजन, डॉ. रजनीश, डॉ. आदित्य प्रताप सिंह आदि विभिन्न संकाय सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. पवन कुमार द्वारा प्रदत्त धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।