पीकेएल सीजन 11 में 100 रेड पॉइंट पूरे करने वाले पहले रेडर बनने के बाद दबंग दिल्ली के.सी. के स्टार रेडर आशु मलिक ने अपने शानदार सफ़र और चैंपियन वाली मानसिकता के बारे खुलकर बात की। इस प्रतिभाशाली रेडर ने दबाव से अपने खेल के प्रभावित होने के दावों को भी खारिज किया। आशु ने दृढ़ता से कहा, “दबाव सिर्फ़ बातों तक सीमित है। मैं पूरी तरह से नई सोच के साथ मैच में उतरता हूँ।”
आशु मलिक इस सीजन में अपने खेल में सुधार का श्रेय मुख्य कोच जोगिंदर नरवाल के मार्गदर्शन को दिया। उनका मानना है की मुख्य कोच प्रशिक्षण शिविरों में कौशल विकास पर जोर देते हैं और यही सभी खिलाड़ियों के सुधरे हुए प्रदर्शन के पीछे का राज है।
उन्होंने कहा, “शिविर में अभ्यास बहुत बढ़िया रहता है और कोच ने कई खिलाड़ियों का स्किल सुधारने में मदद की है। उन्होंने खुद कई पीकेएल सीजन खेले हैं और नए खिलाड़ियों को छोड़कर, वह हमारे अधिकांश युवा खिलाड़ियों के साथ खेले हैं। वह प्रत्येक खिलाड़ी की कमज़ोरियों, मजबूती और तकनीकों को जानते हैं।”
खिलाड़ी से कोच बने जोगिंदर के इस अनोखे दृष्टिकोण ने विशेष रूप से नए खिलाड़ियों को फायदा पहुंचाया है, क्योंकि खेल के बारे में जोगिंदर की प्रत्यक्ष समझ उन्हें अपनी टीम को रणनीतियों को अधिक प्रभावी ढंग से बताने में सक्षम बनाती है।
पिछले चैंपियन पुनेरी पल्टन के खिलाफ अपने आखिरी मैच में, दबंग दिल्ली के.सी. ने अंतिम 10 मिनट में 15 अंक बनाए और हार को टालते हुए एक रोमांचक टाई खेला। अपनी टीम के मजबूत प्रदर्शन के बारे में बोलते हुए मलिक ने कहा, “शुरू में, उनके डिफेंस ने हम पर दबाव डाला, लेकिन हमें पता था कि हमें उनकी बढ़त को तोड़ना होगा। हमने हर रेड में कोशिश की।”
आशु मलिक ने टीम के सामूहिक प्रयास की प्रशंसा की। आशु के मुताबिक जिस तरह से उसकी टीम ने शुरुआती मिनटों के बाद अपनी लय हासिल की, वह काबिलेतरीफ़ है।
बेंगलुरु बुल्स के खिलाफ मैच से पहले अपनी टीम के मौजूदा फॉर्म पर भरोसा जताते हुए मलिक ने कहा, “टीम का मनोबल अभी बहुत ऊंचा है और हम पिछले तीन मैचों से शानदार लय में हैं। सभी बारह टीमें बराबरी की हैं और कोई भी किसी को हरा सकती हैं।आपने ऐसे भी मैच देखे हैं जहां तालिका में सबसे नीचे की टीमों ने शीर्ष पर मौजूद टीमों को हराया है। इसलिए मुझे खुशी है कि हम अभी भी मुकाबले में बने हुए हैं।”