एनडीएमसी ने नेहरू पार्क में ट्यूलिप की पृष्ठभूमि के साथ हरे-भरे क्षेत्र में ‘पार्क में संगीत’ का कार्यक्रम आयोजित किया

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*सितार वादक पं. कुशल दास और हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पं. उल्हास कशालकर ने नेहरू पार्क में एनडीएमसी के “म्यूजिक इन द पार्क” में प्रस्तुति दी।

वसंत ऋतु के स्वागत और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मध्य में ट्यूलिप के नए खिले फूलों की पृष्ठभूमि में, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने स्पिक मैके और एसआरएफ फाउंडेशन के सहयोग से आज , चाणक्यपुरी के नेहरू पार्क में “म्यूजिक इन द पार्क” श्रृंखला 2025 का पहला संगीत कार्यक्रम आयोजित किया।

एनडीएमसी द्वारा आयोजित “म्यूजिक इन द पार्क” का शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम सुनने के लिए दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के हजारों श्रोता प्रसिद्ध सितारवादक पंडित कुशल दास और प्रशंसित हिंदुस्तानी गायक पंडित उल्हास कशालकर के अद्भुत प्रदर्शन से मंत्रमुग्ध हो गए। इन कलाकारों के साथ प्रतिभाशाली संगीतकारों की एक मण्डली भी थी, जिनमें राम कुमार मिश्रा (तबला), आशय कुलकर्णी (तबला), विनय मिश्रा (हारमोनियम) , सरवर हुसैन (सारंग) और साईं महाशब्दे (वोकल) शामिल थे।

राजनयिकों, सरकारी और कॉर्पोरेट क्षेत्रों के उच्च अधिकारियों, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्रों, पार्क में  आगंतुकों / जॉगर्स, अन्य व्यक्तियों आदि सहित हजारों फूल प्रेमियों ने भी इस शास्त्रीय संगीत समारोह को सुनकर प्रमुख शास्त्रीय संगीत कलाकारों की विभिन्न संगीत धुनों पर मंत्रमुग्ध हो गए।

यह संगीत समारोह राष्ट्रीय राजधानी के हृदय स्थल- नई दिल्ली के हरे-भरे क्षेत्र में वसंत ऋतु का उत्सव ट्यूलिप की नवांकुर कोपलों के आगमन के साथ मनाने के लिए एनडीएमसी के कार्यक्रमों की श्रृंखला का हिस्सा बना। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) इनसे  “एनडीएमसी ट्यूलिप फेस्टिवल – 2025” और “म्यूजिक इन द पार्क” कार्यक्रमों के साथ वसंत ऋतु का जश्न मना रही है।

एनडीएमसी द्वारा अपने क्षेत्र में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के पीछे का उद्देश्य महानगरों में व्यस्त दिनचर्या से दिन-ब-दिन बिगड़ती शहरी जिंदगी को खुशहाल और उन्नत करना भी है।

कला और संस्कृति को बढ़ावा देना एनडीएमसी अधिनियम-1994 की धारा 12 के तहत प्रदान किए गए परिषद के कार्यों में से एक है। यह प्रावधान परिषद को कला और संस्कृति को संग्रहालयों और सभागारों की सीमा से बाहर खुले में लाने की जिम्मेदारी देता है जहां आम जनता इनमें भाग ले सके और इनका निशुल्क भरपूर आनन्द उठा सके।

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