- पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में एयर पॉल्यूशन की रोकथाम को लेकर दिल्ली सचिवालय में हुई हाई-लेवल बैठक
- IIT दिल्ली, SPA, TERI, CEEW, CSE, CSTEP, WRI इंडिया, क्लीन एयर एशिया सहित प्रमुख संस्थानों की भागीदारी
- विशेषज्ञों ने सस्टेनेबल अर्बन मोबिलिटी, कंस्ट्रक्शन डस्ट कंट्रोल और डेटा-ड्रिवन एयर क्वालिटी इंटरवेंशन्स पर बल दिया
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए ईवी वाहनों को तेजी से अमल में लाने और पुरानी, उम्र पूरी कर चुके वाहनों को हटाने पर फोकस
- भविष्य की दिशा: मेट्रो नेटवर्क को इस तरह बढ़ाया जाएगा कि हर नागरिक के 400 मीटर के दायरे में मेट्रो स्टेशन अवस्थित हो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, दिल्ली सरकार राजधानी को स्वच्छ, हरित और सस्टेनेबल बनाने को लेकर वायु प्रदूषण के खिलाफ निर्णायक कदम उठा रही है। इसी क्रम में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण एक्सपर्ट्स के साथ एक हाई-लेवल राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता की।
इस मीटिंग के दौरान आईआईटी दिल्ली, स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA Delhi), सीईईडब्ल्यू (CEEW), द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट (TERI ), सीएसटीईपी, डब्ल्यूआरआई इंडिया, सीएसई, क्लीन एयर एशिया और क्लीन एयर कलेक्टिव जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिनिधियों ने साइंस, इनोवेशन और कम्युनिटी-लेवल इंटरवेंशन्स पर वायु प्रदूषण पर आधारित सुझाव साझा किए।
बैठक में विशेषज्ञों ने सुझाव दिए कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्राथमिकता मिले, कंस्ट्रक्शन गतिविधियों को रेगुलेट किया जाए, और रियल-टाइम पॉल्यूशन ट्रैकिंग के लिए टेक्नोलॉजी का स्मार्ट उपयोग हो। साथ ही, नए वाहनों के पंजीकरण में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) को बढ़ावा देने पर भी ज़ोर दिया गया। इस चर्चा के दौरान इस बात पर जोर दिया गया की दिल्ली सरकार मेट्रो नेटवर्क का विस्तार कर रही है, जिससे हर नागरिक को 400 मीटर के दायरे में मेट्रो स्टेशन की सुविधा उपलब्ध हो सके। यह कदम न केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सशक्त बनाएगा, बल्कि निजी वाहनों पर निर्भरता घटाकर वायु प्रदूषण में भी सार्थक कमी लाने में मदद करेगा।
कॉन्फ्रेंस में विशेषज्ञों ने सुझाव दिया की दिल्ली में नए व्हीकल रजिस्ट्रेशन के दौरान इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) को अनिवार्य रूप से प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही, अपनी उम्र पूरी कर चुके वाहनों पर तत्काल और सख्त कार्रवाई की जाए, क्योंकि ऐसे वाहन दिल्ली की हवा को सबसे ज़्यादा प्रदूषित करते हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि अगर इन सुझावों को सख्ती से लागू किया जाए, तो वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण में बड़ा सुधार लाया जा सकता है।
माइक्रो-लेवल पर पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए भी रणनीतियाँ साझा की गई, इनमें कंस्ट्रक्शन साइट्स पर डस्ट कंट्रोल उपाय, पेड़ों की नियमित सफाई ताकि उन पर जमी धूल दोबारा हवा में न फैले, और मेन रोड के अलावा शहर के अंदर सड़कों व गलियों की सफाई के लिए छोटे मेकनाइज़्ड स्वीपर्स का उपयोग शामिल है। मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि इन सभी उपायों को दिल्ली सरकार पहले से ही अपने फ्यूचर प्लान्स में शामिल कर चुकी है और इन पर जल्द अमल शुरू किया जाएगा।
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि बच्चों को पीक पॉल्यूशन समय के दौरान वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए स्कूल कैलेंडर में जरूरी बदलाव किए जाएं। चर्चा में यह तथ्य भी सामने आया कि कभी – कभी केवल कंस्ट्रक्शन डस्ट ही दिल्ली की कुल पार्टिकुलेट पॉल्यूशन में लगभग 30% तक योगदान देती है, जो बेहद गंभीर चिंता का विषय है। माननीय मंत्री ने बताया की डीपीसीसी पोर्टल के माध्यम से कंस्ट्रक्शन डस्ट से होने वाले प्रदूषण पर काम कर रही है।
इस बैठक के दौरान यह भी प्रमुख रूप से सामने आया कि डस्ट कंट्रोल स्ट्रैटेजीज़ का डेटा-बेस्ड मूल्यांकन किया जाए और पार्किंग पॉलिसी में व्यापक सुधार लाए जाएं, ताकि अर्बन कंजेशन और उससे जुड़े प्रदूषण स्तर को प्रभावी रूप से कम किया जा सके। इसी क्रम में प्रदूषण पर निगरानी हेतु इस बात पर जोर दिया गया की दिल्ली के बॉर्डर एंट्री पॉइंट्स पर आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) सिस्टम्स लगाए जाएं, ताकि अनफिट एवं पॉल्यूशन फैलाने वाले व्हीकल्स की एंट्री पर सख्ती से रोक लगाई जा सके।
कई विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के प्रयासों को प्रभावी बनाने के लिए एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय, एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम्स को तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम बनाना, तथा म्युनिसिपल डिपार्टमेंट्स की कैपेसिटी-बिल्डिंग पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
इस दौरान मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा: “हम प्रदूषण के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं ताकि हमारे बच्चों को साफ हवा मिल सके। यह सिर्फ एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं, बल्कि एक नैतिक ज़िम्मेदारी है। आज की बैठक में जो भी सुझाव आए, उनमें से कई हमारे प्लान में पहले से शामिल हैं और बाकी सुझावों पर भी हम विचार करेंगे। हम इस लड़ाई को साइंस टेक्नोलॉजी , पॉलिसी, इनोवेशन और जनता के सहयोग के साथ पूरी ताकत से लड़ेंगे। प्रदूषण को कम करने की दिशा में हर छोटा कदम भी बेहद अहम है।”
सरकार के विकसित दिल्ली संकल्प को मजबूत करने के लिए वैज्ञानिक संस्थाओं, सिविल सोसाइटी और आम नागरिकों के साथ मिलकर प्रत्येक सेक्टर के लिए ठोस लक्ष्यों और रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम से युक्त विशिष्ट एक्शन प्लान तैयार करेगी, ताकि वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में असरदार और जवाबदेह कदम उठाए जा सकें।