दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि राजधानी दिल्ली में हर दिन बढ़ते अपराधों से बेपरवाह मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने 100 दिनों की विफलता को भुलाकर कानून व्यवस्था को सुधारने की बजाय अपने ‘‘फूलकुमारी निवास’’ को सुसज्जित करने में व्यस्त है, जबकि उनकी नाक के नीचे लाजपत नगर में 42 वर्षीय एक महिला और उसके 14 वर्षीय बेटे की दर्दनाक हत्या पर पूरी दिल्ली सरकार चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा कि अनियंत्रित बिगड़ती कानून व्यवस्था के चलते बढ़ते अपराधों के कारण दिल्ली अपराधों की राजधानी बन चुकी है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि रेखा गुप्ता एक महिला मुख्यमंत्री होते हुए दिल्ली में एक महिला हत्या पर कोई कार्यवाही करने की बजाय असंवेदनशीलता दर्शाना दिल्ली की जनता के प्रति उनकी निष्क्रियता को दर्शाता है। दिल्ली में आए दिन बलात्कार और महिला उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहे है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा घरेलू नौकर की गिरफ्तारी के बाद यह बयान कि महिला रुचिका द्वारा डांटने पर नौकर ने मॉ और बेटे की हत्या कर दी, कहीं कुछ छिपाने का प्रयास तो नही किया जा रहा, इसकी जांच होनी चाहिए।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि घरेलू नौकरों द्वारा वारदातों को अंजाम देने में पुलिस द्वारा वेरिफिकेशन के जागरुकता अभियान की भी नाकामी है। पुलिस ने मॉ बेटे की हत्या के बाद यह उजागर नही किया कि अपराधी मुकेश की पुलिस द्वारा जांच हुई थी या नही? जबकि वह घर और दुकान दोनो का काम संभालता था।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, पुलिस आयुक्त सहित अधिकारियों ने दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद बनाने के लिए 2 बार बैठक की। लेकिन लूट, डकैती, हत्या, झपटमारी और महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों में कोई कमी नही आई है। क्या गृहमंत्री और मुख्यमंत्री की बैठकें जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए केवल औपचारिकता थी? अब जब केन्द्र और दिल्ली में भाजपा की सरकार है तब सुरक्षा व्यवस्था को दुरस्त करके पुलिस की निगरानी बढ़ाने में सक्रियता क्यों नही दिखाई दे रही है। भाजपा को बयानबाजी और औपचारिकताओं की जगह सक्रियता के साथ दिल्ली की कानून व्यवस्था को दुरस्त करने की जरुरत है।