कल्याणकारी योजनाओं को परखा जाएगा ताकि जिसका हक है उसे मिले मदद: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

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*अधिक से अधिक गरीबों, बुजुर्गों और वंचित वर्गों की आर्थिक मदद करेगी सरकार: सीएम रेखा गुप्ता
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि उनकी सरकार गरीबों, बुजुर्गों और सरकारी आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाले लोगों के कल्याण के लिए पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा कि इन वर्गों के लिए चलाई जा रही सभी मौजूदा योजनाओं को दोबारा से परखा जाएगा, ताकि योग्य लाभार्थियों तक सहायता पहुंचे और अपात्र व्यक्तियों को योजनाओं से बाहर किया जा सके। मुख्यमंत्री का कहना है कि विकलांगों को डिजिटल कार्ड देने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री का कहना है पिछली सरकार ने इस वर्ग के साथ धोखाधड़ी की है, लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सामाजिक कल्याण विभाग और अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार केवल आर्थिक सहायता ही नहीं बल्कि पुनर्वास, कौशल विकास, शैक्षिक सहायता और अन्य सामाजिक सेवाएं भी प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि गरीब, बुजुर्ग व अन्य वर्ग के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही हैं जिनमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए आर्थिक सहायता योजना शामिल है। यह योजना 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को, विशेष रूप से अनुसूचित जाति/जनजाति समुदायों या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से आने वालों को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करती है। पात्र व्यक्तियों को उनकी आयु के अनुसार 2,000 रुपये से 2500 रुपये तक की राशि दी जाती है। इस योजना के तहत चार लाख से अधिक बुजुर्गों को यह राशि प्रदान की गई। इसका उद्देश्य यह है कि सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी जानकारी दी कि विकलांग व्यक्तियों के लिए सहायता योजना (पीडब्ल्यूडी) भी चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत गंभीर दिव्यांगता वाले और आत्मनिर्भर नहीं हो सकने वाले व्यक्तियों को 2,500 रुपये प्रतिमाह की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके तहत 1.34 लाख विकलांगो को यह राशि दी गई। इसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके अलावा दिल्ली पारिवारिक लाभ योजना (डीएफबीएस) के तहत ऐसे परिवारों को 20,000 रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाती है, जिन्होंने अपने घर के मुख्य कमाने वाले सदस्य को खो दिया हो। इसके अंतर्गत लगभग 1100 आश्रितों को यह मदद दी गई। यह सहायता परिवार को अचानक आए आर्थिक संकट से उबरने में मदद करती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि विभाग की SMILE योजना (Support for Marginalised Individuals for Livelihood and Enterprise, आजीविका और उद्यम के लिए हाशिए पर पड़े व्यक्तियों को सहायता) का उद्देश्य भिक्षावृत्ति में लगे लोगों का पुनर्वास करना है। इसमें उन्हें आश्रय, चिकित्सा, परामर्श, कौशल प्रशिक्षण और आजीविका के अवसर प्रदान किए जाते हैं ताकि वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार लाने और पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य एक मजबूत, समावेशी और संवेदनशील सहायता प्रणाली तैयार करना है। हम सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रह जाए और सरकारी संसाधनों का सदुपयोग हो। बैठक में विकलांगता प्रमाणन में देरी, भिक्षुओं के पुनर्वास और लाभार्थी डेटा के डिजिटलीकरण जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे इन समस्याओं का शीघ्र समाधान करें और बेहतर समन्वय व सेवा वितरण के लिए स्पष्ट कार्य योजना प्रस्तुत करें।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि पिछली सरकार ने दिल्ली के इन वंचित लोगों के साथ गंभीर स्तर पर लगातार धोखाधड़ी की, जिसका परिणाम यह हुआ कि असली वंचितों के बजाय फर्जी लोग भी इसका लाभ उठा ले गए। उन्होंने जानकारी दी कि पिछली सरकार के कार्यकाल में विधवा महिलाओं को पेंशन देने में भारी गड़बड़ियां पाई गई थी। पिछली सरकार के कार्यकाल में जो पात्र नहीं थे, उन्हें भी पेंशन दी जा रही थी। लेकिन हमारी सरकार अब ऐसा नहीं होने देगी। जो पात्र होंगे, उन्हें हर हाल में आर्थिक मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, लेकिन अपात्र को ऐसी योजनाओं से बाहर किया जाएगा।

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