मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में एक बड़ा आरोप सामने आया कि Eduquity को TCS के मुकाबले आधी फीस मिली, जिससे परीक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ा।
लेकिन सच्चाई यह है कि पहले TCS को परीक्षा का पूरा End to End काम मिलता था,
जबकि अब ये जिम्मेदारी चार अलग-अलग एजेंसियों में बांटी गई है।
Eduquity को सिर्फ परीक्षा संचालन (Exam Execution) की ज़िम्मेदारी दी गई थी,
इसीलिए स्वाभाविक रूप से उनकी फीस कम थी।
दूसरा आरोप पेपर लीक हुए और सवाल रिपीट हुए।
बताया जाता है कि यह भी भ्रामक है। क्योंकि पेपर सेटिंग Eduquity का काम था ही नहीं।
यह जिम्मेदारी एक थर्ड पार्टी वेन्डर के पास थी।
Eduquity सिर्फ परीक्षा संचालन तक सीमित रहा l
तीसरा बड़ा दावा कुछ छात्रों को बहुत दूर के परीक्षा केंद्र दे दिए गए,
यहां तक कि अंडमान भेजने की बात भी की गई।
लेकिन सच यह है कि सेंटर अलॉटमेंट SSC द्वारा होता है, Eduquity द्वारा नहीं।
SSC ने खुद लॉजिस्टिक समस्याएं मानी हैं और सुधार का वादा किया है।
अंडमान वाली बात का अब तक कोई प्रमाण सामने नहीं आया।
एक और आरोप कि Eduquity को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
लेकिन सच्चाई यह है कि देश की किसी भी सरकारी संस्था ने अब तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।
20 दिनों से सबूत मांगे जा रहे हैं, पर कोई ठोस तथ्य सामने नहीं आया।
इसके विपरीत, TCS को पहले एक बार ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है।
छात्रों ने सिस्टम हैंग होने की शिकायत की,
जिसका ठीकरा Eduquity के हार्डवेयर पर फोड़ा गया।
लेकिन जांच में पाया गया कि असली वजह थी
एक नया सुरक्षा सॉफ्टवेयर, जिसमें लेग था और उसने हार्डवेयर पर असर डाला।
सरकार अब इस सॉफ्टवेयर को और टाइम-सेंसिटिव बनाने में जुटी है।
एक और सवाल उठा इस बार छात्रों की संख्या में भारी गिरावट क्यों हुई?
दरअसल, इस बार आधार आधारित वेरिफिकेशन लागू किया गया,
जिससे फर्जी नामों से परीक्षा देने का खेल बंद हो गया।
Eduquity ने इसे सफलता से लागू किया और इससे पारदर्शिता में इज़ाफा हुआ।
Innovation पर सवाल उठे, लेकिन सच्चाई यह है कि
Eduquity ने देश में पहली बार CCR (Command Control Room) और
One-click VoIP कॉलिंग सिस्टम लागू किया।
इससे देशभर के परीक्षा केंद्रों से रीयल-टाइम संवाद संभव हुआ और जवाबदेही में सुधार हुआ।
सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया की जांच के लिए Ernst & Young (EY) को नियुक्त किया है।
शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, 5% से भी कम छात्रों को तकनीकी या अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इन छात्रों को फेयर री-एग्ज़ाम का मौका दिया जाएगा।
2025-08-08