दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने उपराज्यपाल द्वारा DTC बस घोटाले की CBI जाँच के आदेश पर कहा कि देर आए दूरस्त आए क्योंकि दिल्ली कांग्रेस द्वारा 14 जुलाई, 2021 को सीबीआई को बस सौदे में अनियमितताओं और बड़े पैमाने पर 4000 करोड़ रुपये से अधिक भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद केजरीवाल सरकार ने नई डीटीसी लो फ्लोर बसों की खरीद बंद कर दी थी। उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि कहीं न कही दाल में काला है तभी तो केजरीवाल कांग्रेस की शिकायत करने पर अपनी भ्रष्टाचारी योजनाओं पर लगाम लगाते नजर आ रहे है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस ने जुलाई 2021 में सीबीआई और सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयोग) को 1000 लो फ्लोर डीटीसी बसों की खरीद और रखरखाव में हुए भ्रष्टाचार पर अपनी 700 से अधिक पेज की शिकायत में स्पष्ट रूप से केजरीवाल के भ्रष्टाचार के बारे में उल्लेख किया था, लेकिन हैरानी की बात यह है कि डेढ़ साल पहले घोटाले की जांच की अनुमति मिलने के बावजूद डीटीसी घोटाले में अभी तक परिवहन मंत्री कैलाश घेलोत को गिरफ्तार नहीं किया गया है और नाही इस सम्बन्ध में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि यह सब स्थितियां भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए भाजपा और आप पार्टी के बीच सांठगांठ सम्बन्ध को उजागर करती है।
उन्होंने कहा कि ठीक उसी प्रकार दिल्ली कांग्रेस द्वारा केजरीवाल की आबकारी नीति के खिलाफ दर्ज शिकायत पर संज्ञान देते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा शराब घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश के तुरंत बाद केजरीवाल सरकार ने आबकारी नीति में हुए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के सरताज आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को रोकने के लिए नई आबकारी नीति वापस ले ली और पुरानी आबकारी नीति को फिर से लागू कर दिया।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने बडी ही जल्दबाजी व बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के आबकारी नीति और लो फ्लोर बसों की खरीद का प्रारूप तैयार किया ताकि बडे पैमाने पर दोनों स्कीमों पर घोटालों का खाका तैयार किया जा सके और यह सब तब किया जा रहा था जब लोग कोविड -19 महामारी के प्रभाव और लॉकडाउन से पीड़ित थे और हजारों लोग उचित चिकित्सा देखभाल और ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतों से जूझ रहे थे।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबाकरी नीति और विद्यालयों में क्लास रूमों के निर्माण घोटालों से खुद को बचाने के लिए मनीष सिसोदिया को आबकारी मंत्री केसाथ-साथ शिक्षा मंत्री भी बनाया था लेकिन अब मनीष सिसोदिया के साथ-साथ केजरीवाल भी फंसते नजर आ रहे हैं और केजरीवाल द्वारा किए गए सभी भ्रष्टाचार एक-एक करके जनता के सामने उजागर हो रहे है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जो चार महीने से अधिक समय से मनी लॉन्ड्रिंगमामले में जेल में बंद है, आज तक मंत्री बने हुए हैं और केजरीवाल ने उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की हिम्मत तक नहीं की। उन्होंने कहा कि शायद केजरीवाल को दर है कि अगर उन्होंने सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से हटाया तो वें उनके काले कारनामों का चिठ्ठा न खोल दे।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल उपराज्यपाल के साथ होने वाली शुक्रवार की बैठक को पिछले तीन सप्ताह से टालते आ रहे है, क्योंकि यह बात सामने आ चुकी है कि केजरीवाल ने अपने पैतृक गांव हिसार में तीन संपत्तियों की बिक्री के लिए 25 लाख रुपये से अधिक की स्टांप ड्यूटी की धोखाधड़ी की है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल ने सत्ता में आने से पहले शपथ ली थी कि वें कभी भी भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं होंगे और अब वें खुद भ्रष्टाचार का सहारा ले रहे हैं जो कि शराब घोटाले और डीटीसी बस खरीद और रखरखाव घोटालों से स्पष्ट है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि ऐसा लगता है कि शराब घोटाले के भ्रष्टाचारियों को बचाने और जनता के खून पसीने की गाढ़ी कमाई के हजारों करोड़ रूपयों का गबन करने के लिए भाजपा और केजरीवाल के बीच समझौता हो गया है क्योंकि भाजपा नेता भी शराब माफिया से मिलने वाले लाभ में शामिल है।
चौ. अनिल कुमार ने आश्चर्य जताया कि शराब घोटाले में अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई, जबकि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने डीटीसी बस खरीद और रखरखाव घोटाला सहित शराब घोटाले में शामिल लोगों के घरों में छापेमारी की है वाबजूद इसके सीबीआई ने इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की?